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कोरोना से सतर्कताः गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों में नहीं होगा पूजन महोत्सव - guru pujan mahotsav cancel

कोरोना के खतरे को देखते हुए किसी भी स्थान पर भीड़ न जुटने पाए इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है. इसे देखते हुए इस बार गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों में भी गुरु पूजन महाेत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा है. सभी कार्यक्रम बेहद सादे अंदाज में करने का निर्णय लिया गया है.

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गुरु पूजन की तैयारी काे लेकर संतों ने की बैठक
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Published : Jul 4, 2020, 10:03 PM IST

भीलवाड़ा. औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा में इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा. करोना संक्रमण के चलते धार्मिक संगठनों ने यह निर्णय लिया है. वहीं धर्मगुरु भी सदियों से चले आ रहे गुरु पूजन महोत्सव के कार्यक्रम में बदलाव कर रहे हैं. पहली बार गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम साधारण अंदाज में मनाया जाएगा. किसी भी धार्मिक स्थल पर बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा.

गुरु पूजन की तैयारी काे लेकर संतों ने की बैठक

निंबार्क आश्रम महंत मोहन शरण शास्त्री ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते हमने बाहर से आने वाले भक्तों को अपने घरों पर ही रह कर पूजा-अर्चना करने के लिए कहा है. इसके अलावा आसपास से आने वाले भक्तों के लिए भी धर्मस्थल में ही मास्क, सेनेटाइजर और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

वहीं बालाजी मंदिर के पुजारी पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस बार हम भक्तों को पूजा-अर्चना का लाइव प्रसारण भी दिखाएंगे। जिससे भक्त मंदिर पर कम से कम संख्या में पहुंचें और घरों में ही रहकर अनुष्ठान का आनंद प्राप्त कर सकें. मंदिरों में भीड़ एकत्र न हो इसलिए ऐसा किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी ने की कोरोना काल में 3 महीने की बिजली बिल माफ करने की मांग

बता दें कि भीलवाड़ा वैसे तो औद्योगिक नगरी कहलाता है, मगर अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय और अंतरराष्ट्रीय गुर्जर समाज का सवाई भोज मंदिर भीलवाड़ा जिले में ही स्थित है. लेकिन कोरोना के खतरे के कारण दोनों ही प्रसिद्ध धर्म स्थलों पर गुरु पूजन महोत्सव इस बार सादे ढंग से होगा. इसी तरह शहर के अंतर्राष्ट्रीय उदासीन आश्रम में भी इस बार गुरु पूर्णिमा महोत्सव के कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। धर्म नगरी भीलवाड़ा में प्राचीन आश्रमों में शुमार पंचमुखी आश्रम में भी इस बार मात्र गुरु चरण पादुका का ही पूजन होगा.

भीलवाड़ा. औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा में इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा. करोना संक्रमण के चलते धार्मिक संगठनों ने यह निर्णय लिया है. वहीं धर्मगुरु भी सदियों से चले आ रहे गुरु पूजन महोत्सव के कार्यक्रम में बदलाव कर रहे हैं. पहली बार गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम साधारण अंदाज में मनाया जाएगा. किसी भी धार्मिक स्थल पर बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा.

गुरु पूजन की तैयारी काे लेकर संतों ने की बैठक

निंबार्क आश्रम महंत मोहन शरण शास्त्री ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते हमने बाहर से आने वाले भक्तों को अपने घरों पर ही रह कर पूजा-अर्चना करने के लिए कहा है. इसके अलावा आसपास से आने वाले भक्तों के लिए भी धर्मस्थल में ही मास्क, सेनेटाइजर और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

वहीं बालाजी मंदिर के पुजारी पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस बार हम भक्तों को पूजा-अर्चना का लाइव प्रसारण भी दिखाएंगे। जिससे भक्त मंदिर पर कम से कम संख्या में पहुंचें और घरों में ही रहकर अनुष्ठान का आनंद प्राप्त कर सकें. मंदिरों में भीड़ एकत्र न हो इसलिए ऐसा किया जा रहा है.

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बता दें कि भीलवाड़ा वैसे तो औद्योगिक नगरी कहलाता है, मगर अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय और अंतरराष्ट्रीय गुर्जर समाज का सवाई भोज मंदिर भीलवाड़ा जिले में ही स्थित है. लेकिन कोरोना के खतरे के कारण दोनों ही प्रसिद्ध धर्म स्थलों पर गुरु पूजन महोत्सव इस बार सादे ढंग से होगा. इसी तरह शहर के अंतर्राष्ट्रीय उदासीन आश्रम में भी इस बार गुरु पूर्णिमा महोत्सव के कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। धर्म नगरी भीलवाड़ा में प्राचीन आश्रमों में शुमार पंचमुखी आश्रम में भी इस बार मात्र गुरु चरण पादुका का ही पूजन होगा.

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