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अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा रहा अव्वल: खनिज अभियंता - बजरी खनन पर रोक

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी भीलवाड़ा में अवैध बजरी खनन जारी है. प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध बजरी खनन भीलवाड़ा में ही होता है. इस मामले में पिछले 25 दिनों में 75 एफआइआर दर्ज हुई है. वहीं बजरी खनन पर लगाम लगाने में प्रदेश में भीलवाड़ा पहले स्थान पर है.

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अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा रहा अव्वल
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Published : Jul 11, 2020, 9:58 AM IST

भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी भीलवाड़ा में अवैध बजरी खनन जारी है. प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध बजरी खनन भीलवाड़ा में हुआ है. जिले में पिछले 25 दिन में 75 एफआइआर दर्ज हुई है. वहीं प्रदेश में 20 प्रतिशत अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा खनिज विभाग कामयाब रहा है. बजरी खनन पर लगाम लगाने में प्रदेश में भीलवाड़ा पहले स्थान पर है.

अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा रहा अव्वल

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में अवैध बजरी खनन जारी है. इस पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर भीलवाड़ा जिला प्रशासन और खनिज विभाग ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है, जो जिले से गुजरने वाली मानसी, खारी, कोठारी, बनास नदी में छापेमार कार्रवाई कर प्रतिदिन वाहन जब्त करता है. हाल ही में राजस्थान में बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा जिला अव्वल रहा है. राजस्थान में पिछले 25 दिन में 20 प्रतिशत बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है.

भीलवाड़ा खनिज विभाग के खनिज अभियंता आसिफ मोहम्मद अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अवैध बजरी खनन रोकने के लिए लगातार चेकिंग की जा रही है. विभाग की ओर से एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क र्फोस लगातार जिले से गुजरने वाली नदियों में कार्रवाई करती है. पिछले 25 दिन में भीलवाड़ा खनिज विभाग की ओर से 75 एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इस बीच एक लाख टन बजरी जब्त कर उनका निस्तारण किया गया. साथ ही लगभग 100 से ऊपर वाहन भी जप्त किए गए हैं.

प्रदेश में 20 प्रतिशत अवैध बजरी पर लगाम लगाने का काम भीलवाड़ा जिले में हुआ. जहां बजरी पर लगाम लगाने में प्रदेश का नंबर वन जिला भीलवाड़ा बन गया है. वहीं बजरी माफियाओं से कितना राजस्व प्राप्त होने के सवाल पर खनिज अभियंता ने कहा कि अधिकतर मामलों की एफआईआर दर्ज होने के कारण मामला न्यायालय में चले जाने से राजस्व का आंकड़ा अभी जारी नहीं हुआ है और जल्द ही कितना राजस्व प्राप्त हुआ वह भी हमारे सामने आ जाएगा.

यह भी पढ़ें- महाकाल मंदिर में बेखौफ घूमता रहा गैंगस्टर विकास दुबे, देखें वीडियो

बता दें कि एसडीएम के ड्राइवर की इन्हीं बजरी माफियाओं ने कुचल कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने जिले में अवैध बजरी खनन पर लगाम लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया था. उसका प्रभारी भीलवाड़ा शहर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर नंदकिशोर राजौरा को बनाया गया था. उसी के नेतृत्व में प्रतिदिन अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई होती है.

भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी भीलवाड़ा में अवैध बजरी खनन जारी है. प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध बजरी खनन भीलवाड़ा में हुआ है. जिले में पिछले 25 दिन में 75 एफआइआर दर्ज हुई है. वहीं प्रदेश में 20 प्रतिशत अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा खनिज विभाग कामयाब रहा है. बजरी खनन पर लगाम लगाने में प्रदेश में भीलवाड़ा पहले स्थान पर है.

अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने में भीलवाड़ा रहा अव्वल

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में अवैध बजरी खनन जारी है. इस पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर भीलवाड़ा जिला प्रशासन और खनिज विभाग ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है, जो जिले से गुजरने वाली मानसी, खारी, कोठारी, बनास नदी में छापेमार कार्रवाई कर प्रतिदिन वाहन जब्त करता है. हाल ही में राजस्थान में बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा जिला अव्वल रहा है. राजस्थान में पिछले 25 दिन में 20 प्रतिशत बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है.

भीलवाड़ा खनिज विभाग के खनिज अभियंता आसिफ मोहम्मद अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अवैध बजरी खनन रोकने के लिए लगातार चेकिंग की जा रही है. विभाग की ओर से एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क र्फोस लगातार जिले से गुजरने वाली नदियों में कार्रवाई करती है. पिछले 25 दिन में भीलवाड़ा खनिज विभाग की ओर से 75 एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इस बीच एक लाख टन बजरी जब्त कर उनका निस्तारण किया गया. साथ ही लगभग 100 से ऊपर वाहन भी जप्त किए गए हैं.

प्रदेश में 20 प्रतिशत अवैध बजरी पर लगाम लगाने का काम भीलवाड़ा जिले में हुआ. जहां बजरी पर लगाम लगाने में प्रदेश का नंबर वन जिला भीलवाड़ा बन गया है. वहीं बजरी माफियाओं से कितना राजस्व प्राप्त होने के सवाल पर खनिज अभियंता ने कहा कि अधिकतर मामलों की एफआईआर दर्ज होने के कारण मामला न्यायालय में चले जाने से राजस्व का आंकड़ा अभी जारी नहीं हुआ है और जल्द ही कितना राजस्व प्राप्त हुआ वह भी हमारे सामने आ जाएगा.

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बता दें कि एसडीएम के ड्राइवर की इन्हीं बजरी माफियाओं ने कुचल कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने जिले में अवैध बजरी खनन पर लगाम लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया था. उसका प्रभारी भीलवाड़ा शहर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर नंदकिशोर राजौरा को बनाया गया था. उसी के नेतृत्व में प्रतिदिन अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई होती है.

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