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भीलवाड़ा: पर्याप्त बारिश होने से खेतों में लहलहाने लगी खरीफ फसल...अच्छी उपज की जगी उम्मीद

भीलवाड़ा में अगस्त माह में पर्याप्त मात्रा में बारिश होने से किसानों की खरीफ फसल लहलहाने लगी है. वहीं, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खरीफ फसल की बुवाई कम हुई है.

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Published : Aug 13, 2020, 12:49 PM IST

Bhilwara news, Kharif crop, Agricultural
अगस्त में पर्याप्त बारिश होने से खोतों में लहलहाने लगी खरीफ फसल

भीलवाड़ा. जिले में अगस्त माह में मानसून की दस्तक के साथ ही पर्याप्त मात्रा में बारिश होने से किसानों की खरीफ फसल लहलहाने लगी है. किसानों को अब उम्मीद है कि अगर इस बार मानसून सक्रिय रहता है तो आशा के अनुरूप उपज हो सकती है. भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून जुलाई महा में कमजोर रहा, जिससे भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार 4 लाख 62 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया. इस बार पर्याप्त मात्रा में जुलाई माह में बारिश नहीं होने के कारण 80 प्रतिशत क्षेत्र में ही खरीफ की फसल की बुवाई हो पाई है.

अगस्त में पर्याप्त बारिश होने से खोतों में लहलहाने लगी खरीफ फसल

अगस्त माह में मानसून सक्रिय होने के साथ ही जिले में भरपूर मात्रा बारिश होन से खरीफ की फसल खेत में अब लहलहाने लगी है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष फसल की बुवाई का आंकड़ा नहीं छू पाया है, लेकिन किसानों द्वारा खरीफ की फसल के रूप में ज्वार, बाजरा, मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, मिर्च, कपास, सोयाबीन और मक्का की फसल बोई है. जहां अगस्त माह में हाल के दिनों में जिले में पर्याप्त मात्रा में बरसात होने के साथ ही फसल भी खलियान में लहलहाने लगी है.

यह भी पढ़ें- विधानसभा में गहलोत सरकार लाएगी विश्वास मत प्रस्ताव, विधायक दल की बैठक को लेकर सस्पेंस

अब किसान अपनी फसल की निराई गुड़ाई में जुट गए हैं. साथ ही कुछ जगह कीटनाशकों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. अब किसानों को उम्मीद है कि अगर अगस्त और सितंबर के प्रथम पखवाड़े में पर्याप्त मात्रा में बरसात होती है, तो जिले में खरीफ फसल मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार, बाजरा, कपास और मक्का की भरपूर मात्रा में उपज हो सकती है.

भीलवाड़ा. जिले में अगस्त माह में मानसून की दस्तक के साथ ही पर्याप्त मात्रा में बारिश होने से किसानों की खरीफ फसल लहलहाने लगी है. किसानों को अब उम्मीद है कि अगर इस बार मानसून सक्रिय रहता है तो आशा के अनुरूप उपज हो सकती है. भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून जुलाई महा में कमजोर रहा, जिससे भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार 4 लाख 62 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया. इस बार पर्याप्त मात्रा में जुलाई माह में बारिश नहीं होने के कारण 80 प्रतिशत क्षेत्र में ही खरीफ की फसल की बुवाई हो पाई है.

अगस्त में पर्याप्त बारिश होने से खोतों में लहलहाने लगी खरीफ फसल

अगस्त माह में मानसून सक्रिय होने के साथ ही जिले में भरपूर मात्रा बारिश होन से खरीफ की फसल खेत में अब लहलहाने लगी है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष फसल की बुवाई का आंकड़ा नहीं छू पाया है, लेकिन किसानों द्वारा खरीफ की फसल के रूप में ज्वार, बाजरा, मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, मिर्च, कपास, सोयाबीन और मक्का की फसल बोई है. जहां अगस्त माह में हाल के दिनों में जिले में पर्याप्त मात्रा में बरसात होने के साथ ही फसल भी खलियान में लहलहाने लगी है.

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अब किसान अपनी फसल की निराई गुड़ाई में जुट गए हैं. साथ ही कुछ जगह कीटनाशकों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. अब किसानों को उम्मीद है कि अगर अगस्त और सितंबर के प्रथम पखवाड़े में पर्याप्त मात्रा में बरसात होती है, तो जिले में खरीफ फसल मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार, बाजरा, कपास और मक्का की भरपूर मात्रा में उपज हो सकती है.

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