भीलवाड़ा. जिले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. शहर के प्रतापनगर थाने में तैनात एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही एसीबी दोनों पुलिसकर्मियों के मकान की भी तलाशी ले रही है.
गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी शनिवार और रविवार को भीलवाड़ा जिले के दौरे पर रहे. जहां डीजीपी ने भीलवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों को पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर समझाया. इसी दौरान एसीबी ने इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रतापनगर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को ट्रैप करने की कार्रवाई की.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाड़ा की स्पेशल यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजराज सिंह और इंस्पेक्टर शिव प्रकाश टेलर ने बताया कि प्रताप नगर थाने के हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने एक मुकदमें में राहत देने की एवज में परिवादी से 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें सत्यापन के दौरान 2 लाख रुपए आरोपियों ने थानाप्रभारी के नाम पर लिए थे.
पढ़ें- भीलवाड़ाः महंत की हत्या के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
एसीबी स्पेशल यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजराज सिंह ने कहा कि टोंक के परिवादी नवीन टांक ने कार्यालय पर उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके मित्र शरीफ को एक मामले में प्रतापनगर थाने में अवैध रुप से बैठाकर रखा है और पुलिसकर्मी 3 लाख रुपए के रिश्वत मांग रहे है. इस पर सत्यापन करवाया गया तो आरोपियों ने उनसे 2 लाख रुपए ले लिए थे. यह राशि थाना प्रभारी के नाम पर आरोपियों ने ली थी.
रविवार को प्रतापनगर थाने के कांस्टेबल ओमप्रकाश जाट ने रिश्वत के बकाया एक लाख रुपए लेकर नवीन को एक निजी होटल में बुलाया, जहां उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही रिश्वत लेने में सहयोग करने वाले हेड कांस्टेबल सहीराम बिश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.