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गुर्जर महासभा अध्यक्ष का ऐलान- MBC में अन्य जातियों को शामिल करना तो दूर की बात, इस बारे में सोचे भी न सरकार - भीलवाड़ा न्यूज

राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी में दिए गए आरक्षण में और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते ईटीवी भारत ने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर से विशेष बातचीत की. देखिए खास रिपोर्ट-

MBC reservation, गुर्जर आरक्षण
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Published : Nov 21, 2019, 12:14 PM IST

भीलवाड़ा. राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी में दिए गए आरक्षण में और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते ईटीवी भारत ने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर से विशेष बातचीत की. इस दौरान गुर्जर ने चेतावनी भरे शब्दों में सरकार को आगाह किया कि यदि MBC आरक्षण के तहत लाभ प्राप्त करने वाली पांच जातियों के अतिरिक्त किसी अन्य जाति को लाभ मिलता है तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.

गुर्जर महासभा अध्यक्ष का बड़ा ऐलान

हाल ही में प्रदेश में एमबीसी में और जातियों के मिलाने का भ्रम पैदा हुआ जिसके चलते राजस्थान गुर्जर महासभा सहित विभिन्न समाज के लोगों ने राजस्थान में कई जगह धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे थे. प्रदेश में गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को एमबीसी में विशेष आरक्षण दिया गया. जिसमें जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

उन्होंने बताया कि यह सही है कि आरक्षण के लिए राजस्थान में गुर्जर समाज ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था और कोई भी समाज उस समय गुर्जर समाज के साथ नहीं आया था. आंदोलन में हमारे 72 आदमी मारे गए थे. भारी संघर्ष के बाद बड़ी मुश्किल से गुर्जरों को एसटी छोड़कर स्पेशल ओबीसी बनाया गया था. जिसमें 5 फीसदी आरक्षण दिया गया, फिर मामला न्यायालय में चला जाने के बाद हमेशा विरोध प्रदर्शन चलते रहे और अंत में गुर्जरों को विशेष आरक्षण मिल गया. जिसका लाभ आज उनको मिल रहा हैं.

पढ़ें: BHU विवाद: गौशाला जाने की रीत हो या राम-कृष्ण भजनों की प्रस्तुति, हर पैमाने पर खरे उतरते हैं फिरोज और उनके पिता

बता दें कि पहले एसबीसी में आरक्षण दिया था, लेकिन उसके बजाय अब उसका नाम परिवर्तन कर, एमबीसी कर दिया गया है. एमबीसी के तरह पांच जातियां सम्मिलित की गई है. जिनमें गुर्जर, गाडरी, रेबारी, गाड़िया लोहार और बंजारा हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ऐसा आदेश निकाला. जिसके आदेश की कॉपी अजमेर में भेजी. जिसमें एमबीसी मे कुछ और जातियों को शामिल करने के लिए सर्वे कराने की बात कही गई.

जिसके विरोध में हमने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राजस्थान में सभी जगह जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था. राजस्थान गुर्जर महासभा 1963 से रजिस्टर्ड संस्था है. जिसकी ओर से प्रत्येक जिले में ज्ञापन दिए थे. उनका यह कहना है कि यह आरक्षण उन्हें कई कुर्बानियां देने पर मिला हैं. यदि कोई इस आरक्षण को उनसे छीनने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिश करता है तो उसका परिणाम भुगतना होगा.

भीलवाड़ा. राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी में दिए गए आरक्षण में और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते ईटीवी भारत ने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर से विशेष बातचीत की. इस दौरान गुर्जर ने चेतावनी भरे शब्दों में सरकार को आगाह किया कि यदि MBC आरक्षण के तहत लाभ प्राप्त करने वाली पांच जातियों के अतिरिक्त किसी अन्य जाति को लाभ मिलता है तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.

गुर्जर महासभा अध्यक्ष का बड़ा ऐलान

हाल ही में प्रदेश में एमबीसी में और जातियों के मिलाने का भ्रम पैदा हुआ जिसके चलते राजस्थान गुर्जर महासभा सहित विभिन्न समाज के लोगों ने राजस्थान में कई जगह धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे थे. प्रदेश में गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को एमबीसी में विशेष आरक्षण दिया गया. जिसमें जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

उन्होंने बताया कि यह सही है कि आरक्षण के लिए राजस्थान में गुर्जर समाज ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था और कोई भी समाज उस समय गुर्जर समाज के साथ नहीं आया था. आंदोलन में हमारे 72 आदमी मारे गए थे. भारी संघर्ष के बाद बड़ी मुश्किल से गुर्जरों को एसटी छोड़कर स्पेशल ओबीसी बनाया गया था. जिसमें 5 फीसदी आरक्षण दिया गया, फिर मामला न्यायालय में चला जाने के बाद हमेशा विरोध प्रदर्शन चलते रहे और अंत में गुर्जरों को विशेष आरक्षण मिल गया. जिसका लाभ आज उनको मिल रहा हैं.

पढ़ें: BHU विवाद: गौशाला जाने की रीत हो या राम-कृष्ण भजनों की प्रस्तुति, हर पैमाने पर खरे उतरते हैं फिरोज और उनके पिता

बता दें कि पहले एसबीसी में आरक्षण दिया था, लेकिन उसके बजाय अब उसका नाम परिवर्तन कर, एमबीसी कर दिया गया है. एमबीसी के तरह पांच जातियां सम्मिलित की गई है. जिनमें गुर्जर, गाडरी, रेबारी, गाड़िया लोहार और बंजारा हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ऐसा आदेश निकाला. जिसके आदेश की कॉपी अजमेर में भेजी. जिसमें एमबीसी मे कुछ और जातियों को शामिल करने के लिए सर्वे कराने की बात कही गई.

जिसके विरोध में हमने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राजस्थान में सभी जगह जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था. राजस्थान गुर्जर महासभा 1963 से रजिस्टर्ड संस्था है. जिसकी ओर से प्रत्येक जिले में ज्ञापन दिए थे. उनका यह कहना है कि यह आरक्षण उन्हें कई कुर्बानियां देने पर मिला हैं. यदि कोई इस आरक्षण को उनसे छीनने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिश करता है तो उसका परिणाम भुगतना होगा.

Intro:भीलवाड़ा - राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को ओबीसी में दिए गए आरक्षण में और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत पर विशेष बयान दिए । जहां गुर्जर ने कहा कि अगर सरकार एमबीसी में 5 जातियों के अलावा और दूसरी जातियों को मिलाती है तो जिसका अंजाम बुरा होगा।


Body:हाल ही में प्रदेश में एमबीसी में और जातियों के मिलाने का भ्रम पैदा हुआ जिसके चलते राजस्थान गुर्जर महासभा सहित विभिन्न समाज के लोगों ने राजस्थान में कहीं जगह धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे थे ।

प्रदेश में गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को एमबीसी में विशेष आरक्षण दिया गया। जहां और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह सही है कि आरक्षण के लिए राजस्थान में गुर्जर समाज ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था और कोई भी समाज उस समय गुर्जर समाज के साथ नहीं आया था । हमारे 72 आदमी मारे गए थे । भारी संघर्ष के बाद बड़ी मुश्किल से हमारे को एसटी छोड़कर स्पेशल ओबीसी बनाई थी जिसमें 5% आरक्षण दिया गया। फिर मामला न्यायालय में चला जाने के बाद हमेशा विरोध प्रदर्शन चलते रहे और लास्ट में हमारे को विशेष आरक्षण मिल गया ।जिसका लाभ आज भी हमारे को मिल रहा। पहले एसबीसी में आरक्षण दिया था उसके बजाय इसका नाम परिवर्तन कर अब एमबीसी कर दिया। उसमें 5 जातियां है ।गुजर, गाडरी ,रेबारी, गाड़िया लोहार और बंजारा हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ऐसा आदेश निकाला जिसके आदेश की कॉफी अजमेर में भेजी । इसमें एमबीसी मे कुछ और जातियों को शामिल करने के लिए सर्वे कराने की बात कही गई। इसके विरोध में हमने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राजस्थान में सभी जगह जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था । राजस्थान गुर्जर महासभा 1963 से रजिस्टर्ड संस्था है। जिसकी ओर से प्रत्येक जिले में ज्ञापन दिए थे। हमारा यह कहना कि बड़ी मुश्किल से आरक्षण मिला। जिसमें अगर दूसरी जातियों को और मिला । अगर ओर जातियो को इसमे मिला दिया जाए तो हमारे को आरक्षण के लाभ का कोई औचित्य ही नहीं रहेगा। हम इसका विरोध करते हैं । हमने सरकार को चेता दिया है। अगर सरकार नहीं मानती है तो उसका अंजाम सरकार को भुगतना पड़ेगा । हम सड़क पर उतरेंगे। जितना प्रबल आंदोलन करना पड़ेगा और करेंगे ।

साथ ही सभी संगठन एकजुट के सवाल पर गुर्जर ने कहा कि हमारे राजस्थान के सभी संगठन एकजुट है। सभी विरोध कर रहे। हैं अगर सरकार इस में ओर मिला लेती है तो यह गलत होगा ।अगर सरकार और जातियों को मिलाने की कोशिश भी करती है तो हम सड़क पर उतर कर बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे जैसा पूर्व में किया था।
अब देखना यह होगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जो गुर्जर समाज सहित पांच जातियों में दिए गए एमबीसी में आरक्षण में और जातियों के मिलाने का जो भ्रम पैदा हुआ है उसको दूर करते हैं या नहीं।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

वन-टू-वन - कालू लाल गुर्जर
प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान गुर्जर महासभा


Conclusion:
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