भीलवाड़ा. राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी में दिए गए आरक्षण में और जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते ईटीवी भारत ने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर से विशेष बातचीत की. इस दौरान गुर्जर ने चेतावनी भरे शब्दों में सरकार को आगाह किया कि यदि MBC आरक्षण के तहत लाभ प्राप्त करने वाली पांच जातियों के अतिरिक्त किसी अन्य जाति को लाभ मिलता है तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.
हाल ही में प्रदेश में एमबीसी में और जातियों के मिलाने का भ्रम पैदा हुआ जिसके चलते राजस्थान गुर्जर महासभा सहित विभिन्न समाज के लोगों ने राजस्थान में कई जगह धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे थे. प्रदेश में गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को एमबीसी में विशेष आरक्षण दिया गया. जिसमें जातियों को मिलाने के भ्रम के चलते राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
उन्होंने बताया कि यह सही है कि आरक्षण के लिए राजस्थान में गुर्जर समाज ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था और कोई भी समाज उस समय गुर्जर समाज के साथ नहीं आया था. आंदोलन में हमारे 72 आदमी मारे गए थे. भारी संघर्ष के बाद बड़ी मुश्किल से गुर्जरों को एसटी छोड़कर स्पेशल ओबीसी बनाया गया था. जिसमें 5 फीसदी आरक्षण दिया गया, फिर मामला न्यायालय में चला जाने के बाद हमेशा विरोध प्रदर्शन चलते रहे और अंत में गुर्जरों को विशेष आरक्षण मिल गया. जिसका लाभ आज उनको मिल रहा हैं.
बता दें कि पहले एसबीसी में आरक्षण दिया था, लेकिन उसके बजाय अब उसका नाम परिवर्तन कर, एमबीसी कर दिया गया है. एमबीसी के तरह पांच जातियां सम्मिलित की गई है. जिनमें गुर्जर, गाडरी, रेबारी, गाड़िया लोहार और बंजारा हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ऐसा आदेश निकाला. जिसके आदेश की कॉपी अजमेर में भेजी. जिसमें एमबीसी मे कुछ और जातियों को शामिल करने के लिए सर्वे कराने की बात कही गई.
जिसके विरोध में हमने राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राजस्थान में सभी जगह जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था. राजस्थान गुर्जर महासभा 1963 से रजिस्टर्ड संस्था है. जिसकी ओर से प्रत्येक जिले में ज्ञापन दिए थे. उनका यह कहना है कि यह आरक्षण उन्हें कई कुर्बानियां देने पर मिला हैं. यदि कोई इस आरक्षण को उनसे छीनने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिश करता है तो उसका परिणाम भुगतना होगा.