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पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर बोला जुबानी हमला, सीएम गहलोत से की मंत्री गोविंद डोटासरा के इस्तीफे की मांग

पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. जहां उन्होंने भाजपा जिला संगठन की ओर से आयोजित चिंतन शिविर में भाग लिया. साथ ही देवनानी ने राज्य सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए सीएम अशोक गहलोत से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से इस्तीफे की मांग की.

Allegations against the Rajasthan government
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर बोला जुबानी हमला
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Published : Nov 17, 2021, 7:52 PM IST

भीलवाड़ा. भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी मंगलवार को कपड़ा नगरी भीलवाड़ा पहुंचे. जहां उन्होंने भाजपा जिला संगठन की ओर से आयोजित चिंतन शिविर में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण का आशीर्वाद भी लिया है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर जुबानी हमला भी बोला.

चिंतन शिविर में शिरकत करने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें कम करना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. जबकि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगभग 14 से 15 रुपये लीटर की दर कम है. राजस्थान की आमजनता का बहुत नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार ने जनता और विपक्ष के दबाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाई हैं. पहले तो सरकार ने कीमतें कम करने से ही इनकार कर दिया था.

पढ़ें. Rajasthan assembly elections: भाजपा ने गहलोत सरकार को बनाई घेरने की रणनीति, खड़ा करेगी आक्रमक मीडिया पैनलिस्ट-प्रवक्ताओं की फौज

राजस्थान में 1800 करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है. सीएम गहलोत को केवल राजस्व की चिंता है आमजनता की नहीं. इसके साथ ही राजस्थान में नौवीं बार बिजली की दरें और फ्यूल चार्ज बढ़ाकर आमजन पर कुठाराघात किया है. कांग्रेसी राज में महंगाई, कालाबाजारी, मिलावट, महिलाओं पर अत्याचार, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. मुख्यमंत्री को आमजन को राहत देने की चिंता नहीं है. उनका एकमात्र लक्ष्य यही है कि मेरी कुर्सी कैसे बची रहे. मुख्यमंत्री ने सभी विधायक और मंत्रियों को भ्रष्टाचार करने की छूट दी हुई है.

इसका एकमात्र उदाहरण आयोजित हुए शिक्षा सम्मेलन में साबित हुआ. मुख्यमंत्री गहलोत के सामने शिक्षक सम्मेलन में प्रबुद्ध एवं सम्मानित शिक्षकों ने पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए रुपये लेने का आरोप खुले आम लगाया. यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है. राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से इस्तीफा लें.

पढ़ें. PCC Chief डोटासरा के बिगड़े बोल, कहा- 'वसुंधरा के आने पर कटारिया, राठौड़ और पूनिया चूहे की तरह बिलों में घुस जाते हैं'

राजस्थान में वर्तमान समय में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. राज्य की महिलाएं अपने आप को सुरक्षित नहीं समझती चाहे थाना हो, हॉस्पिटल हो, ऑफिस हो, विद्यालय हो. देवनानी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पहले कहा करते थे कि वे देश में नंबर वन मुख्यमंत्री हैं. मगर आज के समय में बिजली के बिल देश भर में सर्वाधिक राजस्थान में हैं. पेट्रोल-डीजल के भाव देशभर में सर्वाधिक वो भी राजस्थान में हैं. वहीं अपराधिक गतिविधियों के मामले में अभी राजस्थान पूरे देश में लगातार आगे बढ़ रहा है.

इसके साथ ही महिला अत्याचारों के ग्राफ में भी राजस्थान अब पीछे नहीं रहा. सीएम गहलोत को सिर्फ इस बात का अहंकार है कि वह आज के समय में सत्ता में है. जबकि वह खुद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए. कांग्रेस संगठनात्मक रूप में भी नहीं है. जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होगा उस दिन यह मंत्रिमंडल का विस्तार ताश के पत्तों की तरह कांग्रेस की गहलोत सरकार को बिखेर देगा.

भीलवाड़ा. भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी मंगलवार को कपड़ा नगरी भीलवाड़ा पहुंचे. जहां उन्होंने भाजपा जिला संगठन की ओर से आयोजित चिंतन शिविर में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण का आशीर्वाद भी लिया है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर जुबानी हमला भी बोला.

चिंतन शिविर में शिरकत करने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें कम करना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. जबकि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगभग 14 से 15 रुपये लीटर की दर कम है. राजस्थान की आमजनता का बहुत नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार ने जनता और विपक्ष के दबाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाई हैं. पहले तो सरकार ने कीमतें कम करने से ही इनकार कर दिया था.

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राजस्थान में 1800 करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है. सीएम गहलोत को केवल राजस्व की चिंता है आमजनता की नहीं. इसके साथ ही राजस्थान में नौवीं बार बिजली की दरें और फ्यूल चार्ज बढ़ाकर आमजन पर कुठाराघात किया है. कांग्रेसी राज में महंगाई, कालाबाजारी, मिलावट, महिलाओं पर अत्याचार, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. मुख्यमंत्री को आमजन को राहत देने की चिंता नहीं है. उनका एकमात्र लक्ष्य यही है कि मेरी कुर्सी कैसे बची रहे. मुख्यमंत्री ने सभी विधायक और मंत्रियों को भ्रष्टाचार करने की छूट दी हुई है.

इसका एकमात्र उदाहरण आयोजित हुए शिक्षा सम्मेलन में साबित हुआ. मुख्यमंत्री गहलोत के सामने शिक्षक सम्मेलन में प्रबुद्ध एवं सम्मानित शिक्षकों ने पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए रुपये लेने का आरोप खुले आम लगाया. यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है. राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से इस्तीफा लें.

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राजस्थान में वर्तमान समय में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. राज्य की महिलाएं अपने आप को सुरक्षित नहीं समझती चाहे थाना हो, हॉस्पिटल हो, ऑफिस हो, विद्यालय हो. देवनानी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पहले कहा करते थे कि वे देश में नंबर वन मुख्यमंत्री हैं. मगर आज के समय में बिजली के बिल देश भर में सर्वाधिक राजस्थान में हैं. पेट्रोल-डीजल के भाव देशभर में सर्वाधिक वो भी राजस्थान में हैं. वहीं अपराधिक गतिविधियों के मामले में अभी राजस्थान पूरे देश में लगातार आगे बढ़ रहा है.

इसके साथ ही महिला अत्याचारों के ग्राफ में भी राजस्थान अब पीछे नहीं रहा. सीएम गहलोत को सिर्फ इस बात का अहंकार है कि वह आज के समय में सत्ता में है. जबकि वह खुद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए. कांग्रेस संगठनात्मक रूप में भी नहीं है. जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होगा उस दिन यह मंत्रिमंडल का विस्तार ताश के पत्तों की तरह कांग्रेस की गहलोत सरकार को बिखेर देगा.

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