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पर्यावरण के प्रति देवीलाल का अनूठा प्रेम...पिछले 20 साल से संभाल रहे हैं पौधों को

भीलवाड़ा निवासी देवीलाल एक गुमनाम पर्यावरण प्रेमी है जो पिछले 25 वर्ष से पौधे लगाकर उनकी रक्षा कर रहे हैं. उनका कहना है कि मैं अपनी जान से भी ज्यादा पेड़ पौधों को मानता हूं और इन पेड़़ों को काटने के पहले मुझे मारना होगा.

देवीलाल एक गुमनाम पर्यावरण प्रेमी
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Published : Jun 5, 2019, 4:40 PM IST

भीलवाड़ा. पर्यावरण दिवस पर एक दो पौधे लगाकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों के लिए काछोला उप तहसील के सरथला गांव में गुमनाम जिंदगी जी रहा पर्यावरण प्रेमी देवीलाल किसी मिसाल से कम नहीं है. देवीलाल ने अपना पूरा जीवन पेड़ पौधे लगाकर उनके रक्षा करने में गुजार दिया है. देवीलाल को इस कार्य के लिए ना किसी से रुपए की आस है और ना ही किसी प्रसिद्धि की.देवीलाल की उम्र 45 वर्ष है. देवीलाल ने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है. वह जब 20 वर्ष के थे तब उसके मन में पर्यावरण के प्रति प्रेम जाग गया. उन्होंने खेराड वन क्षेत्र की 16 बीघा जमीन में पेड़ लगाने की शुरुआत की.

पर्यावरण प्रेमी को पेड़ बचाने को लेकर अनूठा प्रेम

देवी लाल नायक की शादी भी उनके पर्यावरण के प्रति लगाव कम नहीं कर पाई. जिसके कारण पति-पत्नी में कई बार अन-बन भी हुई. लेकिन, फिर भी वह अपने पर्यावरण प्रेम से पीछे नहीं हटे. वह रोजाना सुबह 4 बजे उठकर साइकिल से दो डिब्बे टांग कर पेड़ों को पानी देते है. इसके साथ ही पूरे वन क्षेत्र में पेड़ों की रक्षा करने के लिए सीटी बजा कर घूमते फिरते हैं. देवीलाल का कहना है कि मैं पिछले कई वर्षों से यह कार्य कर रहा हूं. लेकिन आज तक किसी ने भी मुझे एक रूपया भी नहीं दिया है. मैं अपनी जान से भी ज्यादा पेड़ पौधों को मानता हूं और इन पेड़़ों को काटने के पहले मुझे मारना होगा

भीलवाड़ा. पर्यावरण दिवस पर एक दो पौधे लगाकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों के लिए काछोला उप तहसील के सरथला गांव में गुमनाम जिंदगी जी रहा पर्यावरण प्रेमी देवीलाल किसी मिसाल से कम नहीं है. देवीलाल ने अपना पूरा जीवन पेड़ पौधे लगाकर उनके रक्षा करने में गुजार दिया है. देवीलाल को इस कार्य के लिए ना किसी से रुपए की आस है और ना ही किसी प्रसिद्धि की.देवीलाल की उम्र 45 वर्ष है. देवीलाल ने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है. वह जब 20 वर्ष के थे तब उसके मन में पर्यावरण के प्रति प्रेम जाग गया. उन्होंने खेराड वन क्षेत्र की 16 बीघा जमीन में पेड़ लगाने की शुरुआत की.

पर्यावरण प्रेमी को पेड़ बचाने को लेकर अनूठा प्रेम

देवी लाल नायक की शादी भी उनके पर्यावरण के प्रति लगाव कम नहीं कर पाई. जिसके कारण पति-पत्नी में कई बार अन-बन भी हुई. लेकिन, फिर भी वह अपने पर्यावरण प्रेम से पीछे नहीं हटे. वह रोजाना सुबह 4 बजे उठकर साइकिल से दो डिब्बे टांग कर पेड़ों को पानी देते है. इसके साथ ही पूरे वन क्षेत्र में पेड़ों की रक्षा करने के लिए सीटी बजा कर घूमते फिरते हैं. देवीलाल का कहना है कि मैं पिछले कई वर्षों से यह कार्य कर रहा हूं. लेकिन आज तक किसी ने भी मुझे एक रूपया भी नहीं दिया है. मैं अपनी जान से भी ज्यादा पेड़ पौधों को मानता हूं और इन पेड़़ों को काटने के पहले मुझे मारना होगा

Intro:पर्यावरण प्रेमी को पेड़ बचाने को लेकर अनूठा प्रेम

बिना पैसा लिए 25 वर्ष से पेड़ लगाने का कर रहा है काम


भीलवाड़ा- पर्यावरण दिवस पर एक दो पौधे लगाकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों के लिए भीलवाड़ा जिले के काछोला उप तहसील के सरथला गांव का गुमनाम जिंदगी जी रहा पर्यावरण प्रेमी देवीलाल एक मिसाल के रूप में सामने आया है । जिसने अपना पूरा जीवन पेड़ पौधे लगाकर उनके रक्षा करने में गुजार दिया है ।देवीलाल को इस कार्य के लिए ना किसी से रुपए की आस है और ना ही किसी प्रसिद्धि की।


Body:भीलवाड़ा जिले के काछोला उप तहसील के सरथला गांव निवासी देवीलाल जिनकी उम्र 45 वर्ष है । जो पेड़ लगाने का पुनीत कार्य कर रहा है । देवीलाल मात्र पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है। देवीलाल जब 20 वर्ष का था तब उसके मन में पर्यावरण के प्रति प्रेम जाग गया और उसने खेराड वन क्षेत्र की 16 बीघा जमीन में पेड़ लगाने की शुरुआत की। देवी लाल नायक की शादी भी उनके पैडो के प्रति लगाव कम नहीं कर पाई । जिसके कारण पति-पत्नी में कई बार अन - बन भी हुई लेकिन फिर भी वह अपने पर्यावरण प्रेम से पीछे नहीं हटा। वह रोजाना सुबह 4 बजे उठकर साइकिल से दो डिब्बे टांग कर पेड़ों को पानी देता है। इसके साथ ही पूरे वन क्षेत्र में पेड़ों की रक्षा करने के लिए सीटी बजा कर घूमता फिरता है।
देवीलाल कहते कि मैं पिछले कई वर्षो से यह कार्य कर रहा हूं। लेकिन आज तक किसी ने भी मुझे एक रूपया भी नहीं दिया है। मैं अपनी जान से भी ज्यादा पेड़ पौधों को मानता हूं और काटने के पहले मुझे मारना होगा ।
अब देखना यह होगा कि देवीलाल जैसे ही देश में कितने पर्यावरण प्रेमी है जिससे पर्यावरण का अच्छा संरक्षण हो सके।

सोमदत्त त्रिपाठी भीलवाड़ा देवीलाल पर्यावरण प्रेमी

बाईट- देबीलाल
पर्यावरण प्रेमी




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