भीलवाड़ा. पर्यावरण दिवस पर एक दो पौधे लगाकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों के लिए काछोला उप तहसील के सरथला गांव में गुमनाम जिंदगी जी रहा पर्यावरण प्रेमी देवीलाल किसी मिसाल से कम नहीं है. देवीलाल ने अपना पूरा जीवन पेड़ पौधे लगाकर उनके रक्षा करने में गुजार दिया है. देवीलाल को इस कार्य के लिए ना किसी से रुपए की आस है और ना ही किसी प्रसिद्धि की.देवीलाल की उम्र 45 वर्ष है. देवीलाल ने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है. वह जब 20 वर्ष के थे तब उसके मन में पर्यावरण के प्रति प्रेम जाग गया. उन्होंने खेराड वन क्षेत्र की 16 बीघा जमीन में पेड़ लगाने की शुरुआत की.
देवी लाल नायक की शादी भी उनके पर्यावरण के प्रति लगाव कम नहीं कर पाई. जिसके कारण पति-पत्नी में कई बार अन-बन भी हुई. लेकिन, फिर भी वह अपने पर्यावरण प्रेम से पीछे नहीं हटे. वह रोजाना सुबह 4 बजे उठकर साइकिल से दो डिब्बे टांग कर पेड़ों को पानी देते है. इसके साथ ही पूरे वन क्षेत्र में पेड़ों की रक्षा करने के लिए सीटी बजा कर घूमते फिरते हैं. देवीलाल का कहना है कि मैं पिछले कई वर्षों से यह कार्य कर रहा हूं. लेकिन आज तक किसी ने भी मुझे एक रूपया भी नहीं दिया है. मैं अपनी जान से भी ज्यादा पेड़ पौधों को मानता हूं और इन पेड़़ों को काटने के पहले मुझे मारना होगा