भीलवाड़ा. एक ओर जहां देश विज्ञान की नई तकनीक के साथ आगे बढ़ रहा है वहीं, दूसरी ओर समाज का एक वर्ग आज भी अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है. इसका एक ताजा उदाहरण भीलवाड़ा में देखने को मिला है. जहां अस्पताल के वार्ड से आत्मा ले जाने का मामला सामने आया है.
पढ़ेंः दरिंदगी की हदें पार : पुष्कर में 11 साल की मासूम की पत्थरों से कुचलकर हत्या, ज्यादती की आशंका
जिले के सरकारी अस्पताल में जहां उपचार के दौरान जिस बेड पर मरीज की मौत हुई थी, परिजन सालों बाद मृतक की आत्मा की ज्योत ले जाने पहुंचे. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आसींद के एक वार्ड में पलंग के नीचे ज्योत जलाकर अपने परिजन की आत्मा ले जाते हैं. हाथीसर गांव के कुछ लोग स्वास्थ्य केन्द्र के वार्ड में घुसे और अपने मृत परिजन की आत्मा की ज्योत ले जाने लगे. यह तमाशा करीब एक घंटे से भी अधिक चला.
जिसमें पहले वार्ड में जिस पलंग पर परिजन की मौत हुई वहां से आत्मा की ज्योत लेकर अस्पताल परिसर में घंटे भर तक पुजा की गई. जिसके बाद महिला भोपों के शरीर में मृत आत्मा के प्रवेश और उससे बात करने का नाटक चला.
इस संबंध में मृतक के भाई ने कहा कि हम यहां से हाथीसर गांव के पास आत्मा ज्योत ले जा रहे हैं. मेरे भाई की इस अस्पताल में मौत हो गयी थी. भोपा जी ने ज्योत लाने के लिए कहा है. यहां से ज्योत ले जाकर मूर्ती बनाकर खेत में लगाएंगे. मृतक के परिजन से इस बारे में अधिक जानकारी चाही तो उसने कहा कि आपका इन सबसे वास्ता नहीं पड़ा है क्या.
पढ़ेंः वेबसाइट तैयार कर अभ्यर्थियों को टेस्ट सीरीज बेचकर ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार
ऐसे अंधविश्वास पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने में चिकित्सा प्रशासन भी असफल रहा. भीलवाड़ा जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मुस्ताक खान कहते है कि दुर्घटनाओं के चलते और उपचार के दौरान अस्पतालों में मृत्यु हो जाती है तो परिजन मृतक की आत्मा की ज्योत ले जाते हैं. इस क्षेत्र में यह धारणा है कि लोग आत्मा की ज्योत ले जाकर खेत पर मूर्ती लगाते हैं. यह अंधविश्वास काफी समय से यहां चल रहा है.