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Exclusive: UK का कोरोना स्ट्रेन पुराने वायरस से 75 फीसदी ज्यादा खतरनाक, और सतर्क रहना होगा- मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल

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Published : Dec 30, 2020, 12:22 PM IST

भीलवाड़ा जिले के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने देश में बढ़ रहे UK के कोरोना स्ट्रेन को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने इस नए स्ट्रेन को लेकर कई बातें कहीं.

UK के कोरोना स्ट्रेन की इनफेक्टिविटी, Infectivity of the Corona strain of the UK
डॉ. शलभ शर्मा ने की ईटीवी भारत से बातचीत

भीलवाड़ा. देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में कोरोना सक्रमितों की संख्या में काफी कमी आई है. जहां पहले प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पॉजिटिव मिलते थे, वहीं अब प्रतिदिन 30 से 40 की संख्या में पॉजिटिव केस आ रहे हैं. इसको लेकर भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी जरूर आई है, लेकिन यह भी हो सकता है कि शादी-विवाह के माहौल से केस कम हुए हो.

डॉ. शलभ शर्मा ने की ईटीवी भारत से बातचीत (1)

कोरोना पॉजिटिव रेट 10 से 12 प्रतिशत है. शादी विवाह के कारण सैंपल कम हो रहे हैं. अभी चार-पांच दिन से प्रतिदिन 40 से 50 केस प्रतिदिन आ रहे हैं. जन जागरूकता अभियान से भी लोगों में जागरूकता आई है, लेकिन कई जगह लोग अभी भी जागरूक नहीं है और बचाव नहीं कर रहे हैं. इसी बीच एक नया वायरस UK का कोरोना स्ट्रेन आ गया है. ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका में यह वायरस समय के साथ रूप स्ट्रक्चर बदलता रहता है. इस वायरस का फैलाव ज्यादा होता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है. इसकी इनफेक्टिविटी पुराने वायरस की तुलना में 75 प्रतिशत ज्यादा है. इसकी जांच चल रही है. कई लोग यूके से लौट रहे हैं, उनकी ट्रैकिंग और टेस्टिंग की जा रही है.

पढ़ें- कोटा के कोचिंग संस्थानों को शुरू करवाने के लिए ओम बिरला ने CM गहलोत को लिखा पत्र

भीलवाड़ा जिले में 9 लोग यहां आए, इनमें से एक पॉजिटिव था. जिसके बाद उसकी मां भी पॉजिटिव हो गई है. उनके सैंपल की जांच पुणे भेजी गई है. प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में कितनी कोरोना जांच के सवाल पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शर्मा ने कहा कि मई महीने से ही जांच प्रारंभ हो चुकी है. अब तक 1 लाख 45000 से ज्यादा कोरोना की जांच हो चुकी है. प्रतिदिन यहां 600 से 700 जांच हो रही है. जबकि यहां 1500 जांच करने की कैपेसिटी है.

डॉ. शलभ शर्मा ने की ईटीवी भारत से बातचीत (2)

कोरोना पॉजिटिव के बाद व्यक्तियों के शरीर में रुधिर गाढ़ा हो जाता है. जिस सवाल पर प्रिंसिपल ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव के बाद रक्त गाढ़ा हो जाता है और 90 प्रतिशत ब्लॉक आने का जो भ्रम है, वो गलत है. एक माह में यह सब कुछ नहीं हो सकता है. अगर कई मरीजों में यह समस्या होती है, तो हम इसे मान भी सकते हैं.

रक्त गाढ़ा का क्या उपचार के सवाल पर प्रिंसिपल ने कहा कि अगर व्यक्ति के शरीर में रक्त गाढ़ा हो जाता है, तो उसे लो मौलिक कूलर रेट ट्रेपटिन और एस्प्रिन ट्रीटमेंट दिया जाता है. अभी भी कोरोना पॉजिटिव को यह दोनों में से एक टेबलेट दे रहे हैं. जिससे उनके शरीर में ब्लॉक के जाने की संभावना नहीं रहती है.

अब आप क्या अपील करना चाहते हो जिस पर प्रिंसिपल ने कहा कि अभी तक कोरोना का इलाज उपलब्ध नहीं है. बचाव के लिए ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. हमें प्रश्नल बचाव करना चाहिए. वैक्सीन लगाने पर भी हमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग जीवन भर करना होगा.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: वृद्धाश्रम में जनता क्लिनिक चलाने के लिए CMHO को भेजा जाएगा प्रस्ताव

देश में सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में चिकित्सा कर्मियों को किस तरह मोटिवेट कर रहे हो, जिस पर प्रिंसिपल ने कहा कि जो लोग कोरोना वॉरियर है, उसे हमेशा प्रोत्साहित करते हैं. उनसे फीडबैक लेते हैं और दिन में बार-बार उनसे संवाद बनाए रखते हैं. जिससे उनका मनोबल कम नहीं हो, क्योंकि काफी लंबे समय से यह अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

भीलवाड़ा. देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में कोरोना सक्रमितों की संख्या में काफी कमी आई है. जहां पहले प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पॉजिटिव मिलते थे, वहीं अब प्रतिदिन 30 से 40 की संख्या में पॉजिटिव केस आ रहे हैं. इसको लेकर भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी जरूर आई है, लेकिन यह भी हो सकता है कि शादी-विवाह के माहौल से केस कम हुए हो.

डॉ. शलभ शर्मा ने की ईटीवी भारत से बातचीत (1)

कोरोना पॉजिटिव रेट 10 से 12 प्रतिशत है. शादी विवाह के कारण सैंपल कम हो रहे हैं. अभी चार-पांच दिन से प्रतिदिन 40 से 50 केस प्रतिदिन आ रहे हैं. जन जागरूकता अभियान से भी लोगों में जागरूकता आई है, लेकिन कई जगह लोग अभी भी जागरूक नहीं है और बचाव नहीं कर रहे हैं. इसी बीच एक नया वायरस UK का कोरोना स्ट्रेन आ गया है. ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका में यह वायरस समय के साथ रूप स्ट्रक्चर बदलता रहता है. इस वायरस का फैलाव ज्यादा होता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है. इसकी इनफेक्टिविटी पुराने वायरस की तुलना में 75 प्रतिशत ज्यादा है. इसकी जांच चल रही है. कई लोग यूके से लौट रहे हैं, उनकी ट्रैकिंग और टेस्टिंग की जा रही है.

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भीलवाड़ा जिले में 9 लोग यहां आए, इनमें से एक पॉजिटिव था. जिसके बाद उसकी मां भी पॉजिटिव हो गई है. उनके सैंपल की जांच पुणे भेजी गई है. प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में कितनी कोरोना जांच के सवाल पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शर्मा ने कहा कि मई महीने से ही जांच प्रारंभ हो चुकी है. अब तक 1 लाख 45000 से ज्यादा कोरोना की जांच हो चुकी है. प्रतिदिन यहां 600 से 700 जांच हो रही है. जबकि यहां 1500 जांच करने की कैपेसिटी है.

डॉ. शलभ शर्मा ने की ईटीवी भारत से बातचीत (2)

कोरोना पॉजिटिव के बाद व्यक्तियों के शरीर में रुधिर गाढ़ा हो जाता है. जिस सवाल पर प्रिंसिपल ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव के बाद रक्त गाढ़ा हो जाता है और 90 प्रतिशत ब्लॉक आने का जो भ्रम है, वो गलत है. एक माह में यह सब कुछ नहीं हो सकता है. अगर कई मरीजों में यह समस्या होती है, तो हम इसे मान भी सकते हैं.

रक्त गाढ़ा का क्या उपचार के सवाल पर प्रिंसिपल ने कहा कि अगर व्यक्ति के शरीर में रक्त गाढ़ा हो जाता है, तो उसे लो मौलिक कूलर रेट ट्रेपटिन और एस्प्रिन ट्रीटमेंट दिया जाता है. अभी भी कोरोना पॉजिटिव को यह दोनों में से एक टेबलेट दे रहे हैं. जिससे उनके शरीर में ब्लॉक के जाने की संभावना नहीं रहती है.

अब आप क्या अपील करना चाहते हो जिस पर प्रिंसिपल ने कहा कि अभी तक कोरोना का इलाज उपलब्ध नहीं है. बचाव के लिए ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. हमें प्रश्नल बचाव करना चाहिए. वैक्सीन लगाने पर भी हमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग जीवन भर करना होगा.

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देश में सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में चिकित्सा कर्मियों को किस तरह मोटिवेट कर रहे हो, जिस पर प्रिंसिपल ने कहा कि जो लोग कोरोना वॉरियर है, उसे हमेशा प्रोत्साहित करते हैं. उनसे फीडबैक लेते हैं और दिन में बार-बार उनसे संवाद बनाए रखते हैं. जिससे उनका मनोबल कम नहीं हो, क्योंकि काफी लंबे समय से यह अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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