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भीलवाड़ा: जिस निजी अस्पताल से हुई थी कोरोना की शुरुआत उसके खिलाफ जांच शुरू - कोरोना वायरस

भीलवाड़ा में पहला कोरोना संक्रमित एक निजी अस्पताल में मिलने के कारण अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग उठी है. जिसके बाद एक RAS अधिकारी सहित डॉक्टरों की टीम ने जांच शुरू कर दी है.

Bhilwara news कोरोना वायरस
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर का Exclusive interview
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Published : Apr 29, 2020, 11:22 AM IST

भीलवाड़ा. देश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय से हुई. इस चिकित्सालय के खिलाफ भाजपा जिला अध्यक्ष ने जांच की मांग की है. जिस पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है. जिसके बाद जांच भी प्रारंभ हो चुकी है.

भीलवाड़ा जिला कलेक्टर का Exclusive interview

कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग की है. इस मामले में जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि टीम गठित कर दिया गया है, साथ ही जांच के ऑर्डर भी हो चुके हैं. एक सीनियर RAS अधिकारी, डीआर लीगल और सशक्त डॉक्टर को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. वे सभी टीम बनाकर जांच कर रहे हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि अभी प्राथमिकता है कि पहले कोरोना के संक्रमण को पहले स्टॉप करें. साथ ही जिला कलेक्टर ने आम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और हाथ धोने की सिखाए जाने की बात कही है. राजेंद्र भट्ट ने कहा कि कोविड-19 के अनुसार ही हमें अभी जीना पड़ेगा.

पहले केस के बाद ही लगाया गया कर्फ्यू

कोरोना से लड़ने के लिए चुनौती के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि पहला केस पॉजिटिव आने के बाद ही धारा 144 लगा दी गई. वहीं 20 मार्च को जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ली थी. जिसमें मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि दो डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिन्होंने अस्पताल में 7 हजार मरीज की जांच की है. वहीं घर पर इन डॉक्टरों ने कितने मरीज हैं, ये आंकड़ा नहीं है.

यह भी पढ़ें. Exclusive- कोरोना महामारी से कैसे करें बचाव, जानें डॉ नरेश त्रेहान से

ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड होने की संभावना जताई गई. जिसके बाद CM से अपील की गई कि बॉर्डर सील करनी पड़ेगी. साथ ही कर्फ्यू लगाना पड़ेगा. वहीं रेलवे को भी बंद करने का निवेदन किया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद सारे एहतियात बरते गए.

जिला कलेक्टर ने की जनता से अपील

3 मई को लॉकडाउन में राहत के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि 2 तारीख तक सिचुएशन देखा जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेश की पालना की जाएगी. जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने भीलवाड़ा जिले की जनता के लिए ईटीवी भारत पर अपील की. जिसमें उन्होंने कहा कि लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर कोई पॉजिटिव केस सामने आए तो कोई घबराने की आवश्यकता नहीं है. जो पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं, उसमें से आधे से ज्यादा असिम्प्टोमटिक हैं. लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है और वे ठीक भी हो रहे हैं.

बुजुर्गों की ज्यादा की जाएगी जांच

राजेंद्र भट्ट ने इस समय अपने घर मे बुजुर्गों का ध्यान रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने बुजुर्गों की अधिक टेस्ट करवाने की बात कही है. जिससे बुजुर्गों में जल्दी कोविड-19 का पता चले तो उनका केयर करके उनकी जीवन रक्षा हो सके और Mortality rate को बढ़ने से रोका जा सके.

भीलवाड़ा. देश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय से हुई. इस चिकित्सालय के खिलाफ भाजपा जिला अध्यक्ष ने जांच की मांग की है. जिस पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है. जिसके बाद जांच भी प्रारंभ हो चुकी है.

भीलवाड़ा जिला कलेक्टर का Exclusive interview

कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग की है. इस मामले में जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि टीम गठित कर दिया गया है, साथ ही जांच के ऑर्डर भी हो चुके हैं. एक सीनियर RAS अधिकारी, डीआर लीगल और सशक्त डॉक्टर को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. वे सभी टीम बनाकर जांच कर रहे हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि अभी प्राथमिकता है कि पहले कोरोना के संक्रमण को पहले स्टॉप करें. साथ ही जिला कलेक्टर ने आम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और हाथ धोने की सिखाए जाने की बात कही है. राजेंद्र भट्ट ने कहा कि कोविड-19 के अनुसार ही हमें अभी जीना पड़ेगा.

पहले केस के बाद ही लगाया गया कर्फ्यू

कोरोना से लड़ने के लिए चुनौती के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि पहला केस पॉजिटिव आने के बाद ही धारा 144 लगा दी गई. वहीं 20 मार्च को जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ली थी. जिसमें मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि दो डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिन्होंने अस्पताल में 7 हजार मरीज की जांच की है. वहीं घर पर इन डॉक्टरों ने कितने मरीज हैं, ये आंकड़ा नहीं है.

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ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड होने की संभावना जताई गई. जिसके बाद CM से अपील की गई कि बॉर्डर सील करनी पड़ेगी. साथ ही कर्फ्यू लगाना पड़ेगा. वहीं रेलवे को भी बंद करने का निवेदन किया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद सारे एहतियात बरते गए.

जिला कलेक्टर ने की जनता से अपील

3 मई को लॉकडाउन में राहत के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि 2 तारीख तक सिचुएशन देखा जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेश की पालना की जाएगी. जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने भीलवाड़ा जिले की जनता के लिए ईटीवी भारत पर अपील की. जिसमें उन्होंने कहा कि लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर कोई पॉजिटिव केस सामने आए तो कोई घबराने की आवश्यकता नहीं है. जो पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं, उसमें से आधे से ज्यादा असिम्प्टोमटिक हैं. लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है और वे ठीक भी हो रहे हैं.

बुजुर्गों की ज्यादा की जाएगी जांच

राजेंद्र भट्ट ने इस समय अपने घर मे बुजुर्गों का ध्यान रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने बुजुर्गों की अधिक टेस्ट करवाने की बात कही है. जिससे बुजुर्गों में जल्दी कोविड-19 का पता चले तो उनका केयर करके उनकी जीवन रक्षा हो सके और Mortality rate को बढ़ने से रोका जा सके.

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