भीलवाड़ा. हाल ही में भारत सरकार के नारकोटिक्स विभाग ने नई अफीम नीति में बदलाव किया है. जिसके तहत भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के किसानों को लाभ मिल रहा है. जहां पहले 4.5 किलो मार्फिन प्रति हेक्टेयर के औसत के आधार पर पट्टे दिए गए थे. जिसमें कुछ सरकार ने रियायत बरतते हुए 4 किलो मार्फिन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसानों को पट्टे वितरण किए जा रहे हैं. जिससे भीलवाड़ा नारकोटिक्स विभाग के अंतर्गत भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले के 177 किसान लाभान्वित होंगे.
अच्छी उपज होने की उम्मीद
ईटीवी भारत की टीम ने भीलवाड़ा नारकोटिक्स विभाग में पट्टे वितरण के समय किसानों से अफीम की खेती के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने कहा, कि सरकार के नियमों में शिथिलता बरतने से हमारे अफीम के पट्टे वापस मिल रहे हैं, जो बहुत ही अच्छा है. वहीं उन्होंने कहा, कि इस बार अच्छी फसल की उम्मीद है.
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5395 किसानों को पट्टे जारी
भीलवाड़ा नारकोटिस विभाग के जिला अफीम अधिकारी संजय सिंह ने कहा, कि इस विभाग के अंतर्गत भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले आते हैं. जिसमें से भीलवाड़ा की 4 तहसीलों में अफीम की फसल की बुवाई होती है. वहीं चित्तौड़गढ़ तहसील बेगू में अफीम की फसल की बुवाई होती है. साल 2019-20 में पहले 5395 किसानों को पट्टे जारी किए गए. 244 गांवों में 371.95 हेक्टेयर जमीन पर अफीम की फसल की बुवाई हो चुकी है.
अफीम की नीति में बदलाव
हाल ही में भारत सरकार ने अफीम की नीति में कुछ बदलाव किया है. जहां 4 किलो प्रति हेक्टेयर मार्फिन औसत पर पट्टे वितरण किए जा रहे हैं. जिससे भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के 177 किसानों को पट्टे वितरण किए गए हैं. अबतक दोनों जिलों में 5572 किसान को अफीम के पट्टे मिल गए हैं.
किसानों को मिली राहत
जिले के जहाजपुर क्षेत्र के किसान शंकर लाल गुर्जर ने कहा, कि हमें उम्मीद थी, कि सरकार किसानों को राहत देने के लिए पहल करेगी. जिसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं. वहीं अब जो पट्टे मिले हैं, उनमें जल्द ही अफीम की फसल की बुवाई करेंगे. इस बार रबी की फसल के साथ बोने से कुछ देर से बुआई हो रही है ,लेकिन मौसम अनुकूल रहा तो इसमें अच्छी उपज हो सकती है.