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भीलवाड़ा RTO में दलालों की 'बैक डोर' से एंट्री, अधिकारी टाल गए सवाल - बिना दलाल के नहीं बनते हैं लाइसेंस

भीलवाड़ा के जिला परिवहन कार्यालय में दलालों का दलदल है. यहां काफी संख्या में दलाल दिनभर परिवहन कार्यालय में घूमते रहते हैं. यहां तक कि जो भी लाइसेंस बनाने आते हैं और वाहनों का पंजीकरण करवाने आते हैं, वे दलालों की भेंट चढ़ जाते हैं.

जिला परिवहन कार्यालय में दलाल, Broker in District Transport Office
जिला परिवहन कार्यालय
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Published : Feb 15, 2020, 9:54 AM IST

भीलवाड़ा. सरकार जहां ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में पारदर्शिता की बात कर रही है. वहीं भीलवाड़ा के जिला परिवहन कार्यालय में दलालों का दलदल नजर आ रहा है. जहां लाइसेंस नवीनीकरण और वाहनों का पंजीकरण के लिए बिना दलाल के कोई काम नहीं हो रहा है. यहां तक कि जिला परिवहन अधिकारी के चेंबर के पीछे बने एक अस्थाई गेट से काफी संख्या में दलाल घुसते हुए नजर आए, जिन्हें ईटीवी भारत ने अपने कैमरे में कैद किया.

जिला परिवहन कार्यालय में दलालों ने बना लिया है डेरा

इस पर जिला परिवहन अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा की दलालों की समस्या पूरे देश की समस्या है. हमारे यहां अभी डाक सिस्टम लागू कर दिया गया है. कार्यालय में जो भी लाइसेंस बनवाने आते हैं, उन्हें डाक से ही लाइसेंस भेजा जाता है. केवल हैवी कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जो लोग मुखत्यारनामा लेकर आते हैं उनके साथ 10 से 12 लोग होते हैं, वो उन्हीं के प्रतिनिधी होते हैं.

पढ़ें: पुलवामा हमले की पहली बरसी पर संयोग, शहीद रोहिताश के परिवार में जन्मा छोटा 'रोहिताश'

अधिकारी ने कहा कि दलाल की भूमिका को बिल्कुल खत्म कर दिया गया है. लेकिन इस दौरान जब उनसे दलालों के पीछे के रास्ते से अंदर घुसने का सवाल किया गया तो वे इसे टालते नजर आए.

भीलवाड़ा. सरकार जहां ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में पारदर्शिता की बात कर रही है. वहीं भीलवाड़ा के जिला परिवहन कार्यालय में दलालों का दलदल नजर आ रहा है. जहां लाइसेंस नवीनीकरण और वाहनों का पंजीकरण के लिए बिना दलाल के कोई काम नहीं हो रहा है. यहां तक कि जिला परिवहन अधिकारी के चेंबर के पीछे बने एक अस्थाई गेट से काफी संख्या में दलाल घुसते हुए नजर आए, जिन्हें ईटीवी भारत ने अपने कैमरे में कैद किया.

जिला परिवहन कार्यालय में दलालों ने बना लिया है डेरा

इस पर जिला परिवहन अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा की दलालों की समस्या पूरे देश की समस्या है. हमारे यहां अभी डाक सिस्टम लागू कर दिया गया है. कार्यालय में जो भी लाइसेंस बनवाने आते हैं, उन्हें डाक से ही लाइसेंस भेजा जाता है. केवल हैवी कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जो लोग मुखत्यारनामा लेकर आते हैं उनके साथ 10 से 12 लोग होते हैं, वो उन्हीं के प्रतिनिधी होते हैं.

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अधिकारी ने कहा कि दलाल की भूमिका को बिल्कुल खत्म कर दिया गया है. लेकिन इस दौरान जब उनसे दलालों के पीछे के रास्ते से अंदर घुसने का सवाल किया गया तो वे इसे टालते नजर आए.

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