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भीलवाड़ा में पक्षी गणना प्रारंभ, गुरला तालाब में मिले दुर्लभ पक्षी - भीलवाड़ा गुरला तालाब में मिले दुर्लभ पक्षी

भीलवाड़ा जिले के गुरला तालाब में वन विभाग और जलधारा विकास संस्थान के सहयोग से पक्षी गणना प्रारंभ हुई. इस दौरान कई विभिन्न प्रजातियों के पक्षी मिले, जिसको देखकर क्षेत्रवासी प्रफुल्लित हो उठे.

भीलवाड़ा गुरला तालाब में मिले दुर्लभ पक्षी, Rare birds found in Bhilwara Gurla pond
भीलवाड़ा में पक्षी गणना प्रारंभ
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Published : Feb 14, 2021, 5:36 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के गुरला के पास स्थित रणजीत सागर तालाब में वन विभाग और जलधारा विकास संस्थान के सहयोग से पक्षी गणना प्रारंभ हुई. इस दौरान 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए गए. इनकी कुल संख्या 4500 से अधिक रही. गणना के दौरान नार्दन शोवलर, लिटिल रिस्टेड ग्रीब, का मन कूट, पेलिकन, किंगफिशर, वाईट थ्रोटेड किंगफिशर, इंडियन रोलर, कामन मैना, शैलो, पिंनटेल, कोब डक सहित मनमोहन प्रजाति के पक्षी मिले.

तालाब पर दुर्लभ लिटिल कस्टर्ड का प्रजनन स्थल भी चयनित हुआ. पहले केवल यह उदयपुर के मेनार में ही पाया गया था. गुरला के पहाड़ों में नाइट जार देखा गया, जिसे छक्का कहते हैं. ग्रामीण इसे लेकर काफी उत्साह है.

पढ़ें- वायरल वीडियो के तिकड़म में फंसे तीन कांग्रेसी नेता, राहुल ने उल्टा फेरा लगाया तो भाकर ने तेजाजी और मीराबाई को पहुंचा दिया संसद

भीलवाड़ा जिले के गुरला तालाब में काफी संख्या में यहां प्रवासी पक्षी आते हैं. इन पक्षियों को निहारने के लिए काफी संख्या में लोग यहां देखने जाते हैं. इनको देखकर कई बार लोग अपने मोबाइल और कैमरे में फोटो लेते हैं. जहां प्रतिवर्ष वन विभाग और जलधारा विकास संस्थान की ओर से गणना की जाती है. इस बार भी यह गणना 15 फरवरी तक की जाएगी.

भीलवाड़ा. जिले के गुरला के पास स्थित रणजीत सागर तालाब में वन विभाग और जलधारा विकास संस्थान के सहयोग से पक्षी गणना प्रारंभ हुई. इस दौरान 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए गए. इनकी कुल संख्या 4500 से अधिक रही. गणना के दौरान नार्दन शोवलर, लिटिल रिस्टेड ग्रीब, का मन कूट, पेलिकन, किंगफिशर, वाईट थ्रोटेड किंगफिशर, इंडियन रोलर, कामन मैना, शैलो, पिंनटेल, कोब डक सहित मनमोहन प्रजाति के पक्षी मिले.

तालाब पर दुर्लभ लिटिल कस्टर्ड का प्रजनन स्थल भी चयनित हुआ. पहले केवल यह उदयपुर के मेनार में ही पाया गया था. गुरला के पहाड़ों में नाइट जार देखा गया, जिसे छक्का कहते हैं. ग्रामीण इसे लेकर काफी उत्साह है.

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भीलवाड़ा जिले के गुरला तालाब में काफी संख्या में यहां प्रवासी पक्षी आते हैं. इन पक्षियों को निहारने के लिए काफी संख्या में लोग यहां देखने जाते हैं. इनको देखकर कई बार लोग अपने मोबाइल और कैमरे में फोटो लेते हैं. जहां प्रतिवर्ष वन विभाग और जलधारा विकास संस्थान की ओर से गणना की जाती है. इस बार भी यह गणना 15 फरवरी तक की जाएगी.

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