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Lumpy disease: अब भगवान की शरण में ग्रामीण, खेत न जाकर लोक देवता की पूजा की, पशुओं से कराई ज्योत की परिक्रमा

लंपी वायरस लगातार फैल रहा है. इसकी जद में आने से अब तक प्रदेश में हजारों गोवंश की मौत हो चुकी है. जबकि बड़ी संख्या में गोवंश संक्रमित हैं. इस बीच भीलवाड़ा में लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश की पीड़ा देख ग्रामीण पूजा-अर्चना में जुट गए हैं. भीलवाड़ा जिले के गांव ईरांस में ग्रामीणों ने लोक देवता की पूजा अर्चना करते हुए पशुओं को ज्योत के नीचे से निकाल रहे हैं.

Lumpy disease
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Published : Sep 14, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 7:24 PM IST

भीलवाड़ा. प्रदेश के गोवंश में फैल रहे लंपी वायरस संक्रमण (Lumpy disease) की रोकथाम के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है. इस बीच संक्रमण के चलते अब तक हजारों गोवंशों की मौत हो चुकी है. जबकि अभी भी बड़ी संख्या में गोवंश लंपी रोग से पीड़ित हैं. लंपी के बढ़ते प्रभाव के बीच अब जिले के ग्रामीण भगवान की शरण (Lumpy disease in Bhilwara) में जा रहे हैं. ऐसा ही एक वाक्या भीलवाड़ा जिले के ईरांस गाव में देखने को मिला.

यहां कोई भी ग्रामीण खेत पर काम करने नहीं गया. ग्रामीण लंपी वायरस से निजात पाने के लिए अब भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. उन्होंने एक पुरानी परंपरा के तहत ईरांस में लोक देवता की ज्योत से अपने पालतू जानवरों की परिक्रमा करवाकर लंपी वायरस (worship to save animals from Lumpy disease) से बचने का आशीर्वाद दिला रहे हैं. इसके साथ ही दर्द से निजात दिलाने के लिए मन्नत भी मांग रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस महामारी को समाप्त करने और गोवंश को सुरक्षित रखने की कामना भी ग्रामीण भगवान से कर रहे हैं.

पढ़ें. Lumpy disease: शीतला मंदिर में भरा 'लंपी रोग' के लिए मेला, गोवंशों को आपदा से बचाने की मांगी मन्नत

सभी ग्रामीणों ने लिया निर्णयः ग्रामीणों का कहना है की ईरांस गांव में लंपी बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लंपी वायरस की चपेट में पशु आ रहे हैं. हर दिन ग्राम पंचायत में 2 से 5 पशुओं की मौत हो रही है. जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि लंपी बीमार से बचाव के लिए सेवर आंवण माताजी, बालाजी, तेजाजी, मारक नाथ जी, खेड़ाखुट से पूजा अर्चना के साथ ज्योत लाई जाए. जिसके बाद जिसके बाद तेजा के मंदिर के पास ग्रामीण व पुजारी ज्योत लेकर खेड़े रहे और ग्रामीण अपने पालतू जानवरों को ज्योत के नीचे से निकाला गया. साथ ही पूजा अर्चना करके लोक देवता को मनाया जा रहा है.

पढ़ें. Lumpy Disease In Bikaner: कई गाय तड़प तड़प कर तोड़ रहीं दम, फैल रही दुर्गंध...प्रशासन ने दी ये सफाई

लालचंद कटारिया बोले गौ माता की रक्षा मुख्य उद्येश्यः भीलवाड़ा दौरे पर आए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि गौ माता जिसको हमारे बुजुर्ग आदिकाल से मां की तरह पूजते आ रहे हैं. उनकी रक्षा किसी भी प्रकार से हो, चाहे एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक प्रणाली से हो या किसी ओर तरीके से. बस उनकी रक्षा मुख्य उद्येश्य है.

पढ़ें. प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

भीलवाड़ा जिले में लंपी का आंकड़ाः भीलवाड़ा जिले भर में लंपी वायरस के आंकड़े की बात की जाए तो पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में 4 अगस्त को लंपी वायरस की शुरआत हुई थी. जिले में अभी तक करीब 15 हजार 966 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से करीब 6 हजार 63 रिकवर हो चुके हैं. अभी तक करीब 1125 गोवंश की मौत हो चुकी है. वहीं 26 हजार से अधिक गोवंश को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. पशुपालन विभाग के अनुसार आसीन्द , बदनोर , बनेड़ा भीलवाड़ा , बिजौलियां , हमीरगढ़ हुरड़ा , जहाजपुर , करेड़ा , कोटड़ी ,मांडल , रायपुर में लंपी वायरस ने अपने पांव पसारे हैं.

भीलवाड़ा. प्रदेश के गोवंश में फैल रहे लंपी वायरस संक्रमण (Lumpy disease) की रोकथाम के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है. इस बीच संक्रमण के चलते अब तक हजारों गोवंशों की मौत हो चुकी है. जबकि अभी भी बड़ी संख्या में गोवंश लंपी रोग से पीड़ित हैं. लंपी के बढ़ते प्रभाव के बीच अब जिले के ग्रामीण भगवान की शरण (Lumpy disease in Bhilwara) में जा रहे हैं. ऐसा ही एक वाक्या भीलवाड़ा जिले के ईरांस गाव में देखने को मिला.

यहां कोई भी ग्रामीण खेत पर काम करने नहीं गया. ग्रामीण लंपी वायरस से निजात पाने के लिए अब भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. उन्होंने एक पुरानी परंपरा के तहत ईरांस में लोक देवता की ज्योत से अपने पालतू जानवरों की परिक्रमा करवाकर लंपी वायरस (worship to save animals from Lumpy disease) से बचने का आशीर्वाद दिला रहे हैं. इसके साथ ही दर्द से निजात दिलाने के लिए मन्नत भी मांग रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस महामारी को समाप्त करने और गोवंश को सुरक्षित रखने की कामना भी ग्रामीण भगवान से कर रहे हैं.

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सभी ग्रामीणों ने लिया निर्णयः ग्रामीणों का कहना है की ईरांस गांव में लंपी बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लंपी वायरस की चपेट में पशु आ रहे हैं. हर दिन ग्राम पंचायत में 2 से 5 पशुओं की मौत हो रही है. जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि लंपी बीमार से बचाव के लिए सेवर आंवण माताजी, बालाजी, तेजाजी, मारक नाथ जी, खेड़ाखुट से पूजा अर्चना के साथ ज्योत लाई जाए. जिसके बाद जिसके बाद तेजा के मंदिर के पास ग्रामीण व पुजारी ज्योत लेकर खेड़े रहे और ग्रामीण अपने पालतू जानवरों को ज्योत के नीचे से निकाला गया. साथ ही पूजा अर्चना करके लोक देवता को मनाया जा रहा है.

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लालचंद कटारिया बोले गौ माता की रक्षा मुख्य उद्येश्यः भीलवाड़ा दौरे पर आए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि गौ माता जिसको हमारे बुजुर्ग आदिकाल से मां की तरह पूजते आ रहे हैं. उनकी रक्षा किसी भी प्रकार से हो, चाहे एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक प्रणाली से हो या किसी ओर तरीके से. बस उनकी रक्षा मुख्य उद्येश्य है.

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भीलवाड़ा जिले में लंपी का आंकड़ाः भीलवाड़ा जिले भर में लंपी वायरस के आंकड़े की बात की जाए तो पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में 4 अगस्त को लंपी वायरस की शुरआत हुई थी. जिले में अभी तक करीब 15 हजार 966 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से करीब 6 हजार 63 रिकवर हो चुके हैं. अभी तक करीब 1125 गोवंश की मौत हो चुकी है. वहीं 26 हजार से अधिक गोवंश को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. पशुपालन विभाग के अनुसार आसीन्द , बदनोर , बनेड़ा भीलवाड़ा , बिजौलियां , हमीरगढ़ हुरड़ा , जहाजपुर , करेड़ा , कोटड़ी ,मांडल , रायपुर में लंपी वायरस ने अपने पांव पसारे हैं.

Last Updated : Sep 14, 2022, 7:24 PM IST
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