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महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना प्रकोप से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योगों को मिल रहा संबल, जानें कैसे

महाराष्ट्र में बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप के चलते वहां कपड़े की औद्योगिक इकाइयों का काम ठप है, जिससे वहां का कपड़ा भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों में बनने के लिए आ रहा है. इससे भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योगों को संबल मिल रहा है.

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महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योगों को मिल रहा संबल
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Published : Aug 24, 2020, 1:53 PM IST

भीलवाड़ा. देश में कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. देश के कई राज्यों में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है, वहीं महाराष्ट्र में कोरोना का कहर ज्यादा होने के कारण वहां औद्योगिक इकाइयों का कामकाज ठप पड़ा हुआ है. महाराष्ट्र के पुणे, भिवड़ी और मालेगांव में सबसे ज्यादा कपड़े की औद्योगिक इकाइयां हैं. वहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा होने के कारण कपड़े का उत्पादन ठप पड़ा है, जिससे वहां से शर्टिंग का कपड़ा उद्यमी वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों में भेज रहे हैं. इससे यहां उत्पादन अच्छा हो रहा है.

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योगों को मिल रहा संबल

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के कार्यालय पहुंची जहां महासचिव प्रेमस्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत को बताया कि भीलवाड़ा के लिए वरदान कह सकते हैं कि देश के अंदर टेक्सटाइल के काफी सेंटर हैं. उनमें मुंबई के मालेगांव में विशेष टेक्सटाइल उद्योग हैं. वहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा होने के कारण वहां के अधिकांश कपड़ा उधोग बंद हैं, जो भीलवाड़ा के लिए वरदान साबित हो रही है.

यह भी पढ़ें- जानें विवादास्पद मामलों को सुलझाने में सीबीआई की अब तक की भूमिका

कोरोना के प्रकोप ज्यादा होने के कारण वहां कामकाज ठप है. उससे वहां से शर्टिंग का कपड़ा उद्योगपति बनाने के लिए वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों में स्थानांतरित कर रहे हैं, जिससे हमारे उद्योगों कुछ हद तक चला पा रहा है. अब देखना यह होगा कि वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयां कोरोना के बाद कब सुचारू रूप से चल पाती हैं.

भीलवाड़ा. देश में कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. देश के कई राज्यों में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है, वहीं महाराष्ट्र में कोरोना का कहर ज्यादा होने के कारण वहां औद्योगिक इकाइयों का कामकाज ठप पड़ा हुआ है. महाराष्ट्र के पुणे, भिवड़ी और मालेगांव में सबसे ज्यादा कपड़े की औद्योगिक इकाइयां हैं. वहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा होने के कारण कपड़े का उत्पादन ठप पड़ा है, जिससे वहां से शर्टिंग का कपड़ा उद्यमी वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों में भेज रहे हैं. इससे यहां उत्पादन अच्छा हो रहा है.

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योगों को मिल रहा संबल

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के कार्यालय पहुंची जहां महासचिव प्रेमस्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत को बताया कि भीलवाड़ा के लिए वरदान कह सकते हैं कि देश के अंदर टेक्सटाइल के काफी सेंटर हैं. उनमें मुंबई के मालेगांव में विशेष टेक्सटाइल उद्योग हैं. वहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा होने के कारण वहां के अधिकांश कपड़ा उधोग बंद हैं, जो भीलवाड़ा के लिए वरदान साबित हो रही है.

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कोरोना के प्रकोप ज्यादा होने के कारण वहां कामकाज ठप है. उससे वहां से शर्टिंग का कपड़ा उद्योगपति बनाने के लिए वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों में स्थानांतरित कर रहे हैं, जिससे हमारे उद्योगों कुछ हद तक चला पा रहा है. अब देखना यह होगा कि वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयां कोरोना के बाद कब सुचारू रूप से चल पाती हैं.

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