भीलवाड़ा. भीलवाड़ा शहर के काशीपुरी में रहने वाली 2 साल 10 महीने की मासूम तक्षवी 138 देशों के राष्ट्रीय ध्वज देखकर देश का नाम बता सकती है. इतनी ही नहीं, उसे भारत के तमाम राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के नाम और राज्यों की राजधानियों के नाम याद हैं.
तक्षवी की इस प्रतिभा के कारण उसका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. खास बात ये है कि बच्ची ने अभी तक स्कूल का मुंह तक नहीं देखा है. ऐसे में इस बच्ची की प्रतिभा अद्भुत नहीं, तो क्या है.
इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम
तक्षवी ने 4 मिनट में 100 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का नाम बताया था, इसके लिए उसका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (International Book of Records) में दर्ज किया गया है. ईटीवी भारत की टीम तक्षवी के घर पहुंची, तक्षवी की मां गरिमा सीए हैं. तक्षवी की इस प्रतिभा में मां की अहम भूमिका है.
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मंत्र, राष्ट्रगीत-राष्ट्रगान भी याद
तक्षवी जब मूड में होती है तो मंत्रों का उच्चारण भी करती है, इतना ही नहीं, राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान गाकर भारत माता की जय बोलने के उसके अंदाज पर कोई भी फिदा हो सकता है. गरिमा बताती हैं कि सिर्फ 3 महीने में तक्षवी ने यह सब याद किया है. तक्षवी ने सिर्फ नाम नहीं रट रखे हैं, बल्कि वह राज्यों के नक्शे जोड़कर भारत का मैप भी बना सकती है. एक-एक राज्य का नाम, उसकी राजधानी उसे याद है.
एक के बाद एक फ्लैग्स देखकर बताए देशों के नाम
ईटीवी भारत की टीम के सामने तक्षवी ने एक के बाद एक देशों के फ्लैग देखकर संबंधित देशों के नाम बता दिये. हम भी यह सब देखकर हैरान थे. तक्षवी के घर पर सबसे मुश्किल काम लग रहा था 3 साल से भी कम उम्र की बच्ची का इंटरव्यू लेना. लेकिन जब हमने तक्षवी से बात की तो हम उसकी समझदारी और मासूमियत के कायल हो गए. तक्षवी ने कहा कि वह देश का नक्शा बना सकती है, राष्ट्रीय ध्वज देखकर देश के नाम बता सकती है, चिड़ियाओं-जानवरों के नाम सुना सकती है, उसे सब आता है.
चीजों में ढूंढ लेती है देशों के चिह्न
गरिमा बताती हैं कि जब वे बच्ची को बाजार लेकर जाती थी तो मेडिकल शॉप पर रेड क्रॉस का निशान देखकर उस देश का नाम बता देती थी जिसके फ्लैग में रेड क्रॉस होता है. गरिमा ही तक्षवी की तैयारी कराती हैं और उसकी प्रतिभा को देखकर उन्होंने अपनी बेटी के ज्ञान को आकार देने के लिए विविध शैक्षिक सामग्रियों का संकलन किया है.
बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, संस्कार दें..
तक्षवी की दादी पर प्रमिला सोडाणी ने बच्चों को इस उम्र में ही अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वे आगे चलकर देश का नाम रोशन कर सकते हैं. प्रमिला देवी ने कहा कि मेरी बहुरानी ने पोती को अच्छे संस्कार दिए हैं. यही वजह है कि इतनी सी उम्र में तक्षवी गायत्री मंत्र के साथ ही भगवान शिव और गणेश स्तुति मंत्र भी सीख चुकी है. प्रमिला देवी ने कहा कि देश के सभी परिवारों से मेरी अपील है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और खेल-खेल में उन्हें अच्छी बातें सिखाएं.