भीलवाड़ा. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स वहां से जल्द से जल्द निकलने के प्रयास में लगे हैं. यूक्रेन में फंसे बच्चों को निकालने के लिए केंद्र सरकार पर भी जुटी हुई है. इस बीच यूक्रेन से भीलवाड़ा लौटीं शिवांगी शर्मा (Bhilwara daughter Shivangi returned from Ukraine) ने वहां के हालात के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कहा कि 'आज तिरंगे की वजह से ही यूक्रेन में युद्ध के समय हमारी जान बची है. मुझे तिरंगे और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गर्व है'. शिवांगी ने पीएम नरेंद्र मोदी से यूक्रेन में फंसे अन्य स्टूडेंट्स को भी जल्द से जल्द निकालने की गुहार लगाई है.
केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बीच यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट को वहां से निकालने का सिलसिला जारी है. भीलवाड़ा की बालिका शिवांगी शर्मा भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. वह सोमवार को अपने वतन वापस लौट आई है. भीलवाड़ा पहुंची शिवांगी शर्मा ने यूक्रेन मे हो रहे युद्ध का आंखों देखा मंजर अपने परिजनों को बताया. साथ ही बच्ची के घर पहुंचने की खुशी भी परिजनों के चेहरों पर साफ दिखाई दे रही ही थी.
बालिका के दादा- दादी व माता-पिता मुंह मीठा करवाकर स्वागत करते हुए दुलार किया. शिवांगी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि वह यूक्रेन में थर्ड ईयर मेडिकल स्टूडेंट है. उसने बताया कि यूक्रेन में स्थिति काफी भयावह है.
सायरन बजते ही कांप जाती थी रूह: शिवांगी ने बताया कि यूक्रेन में जब भी सायरन बजता तो सभी की रूह कांप जाती थी. सायरन बजने के साथ ही सीधे बंकर की तरफ जाते थे. उन्होंने बताया कि आंखों के सामने गोलीबारी का सिलसिला जारी रहा. शिवांगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी को वापस लाने की बेहतर पहल की है.
पीएम मोदी की पहल पर निकलने में हुई आसानीः शिवांगी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद वहां अध्ययन कर रहे स्टूडेंट को बस में बिठाकर बॉर्डर तक पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि बस के आगे भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा हुआ था, जिसके कारण बस को रास्ते में किसी ने नहीं रोका. यहां तक कि रूस व यूक्रेन के सैनिकों ने भी गोलीबारी नहीं की. यूक्रेन बॉर्डर से प्लेन के जरिए सभी मुंबई पहुंचे. उन्होंने बताया कि मुंबई पहुंचने के बाद वहां भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सभी का स्वागत किया.
इसके बाद राजस्थान की गहलोत सरकार की पहल पर प्लेन के जरिए जयपुर पहुंचे, यहां मंत्री ममता भूपेश ने स्वागत किया. शिवांगी ने बताया कि जयपुर सर्किट हाउस में भोजन करवाकर घर तक प्रोटोकाल अधिकारी सरकारी गाड़ी लेकर छोड़ने आए. शिवांगी ने कहा कि यूक्रेन में लड़ाई जैसे हालात में देश के तिरंगे के कारण ही हमारी जान बची है. इसलिए आज तिरंगे व प्रधानमंत्री पर गर्व है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन से भारत आने तक केंद्र सरकार और मुंबई से हमारे घर पहुंचने तक राजस्थान सरकार ने अच्छा सहयोग किया. एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है.
काफी संख्या में स्टूडेंट फंसे हुए हैं
यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट को लेकर शिवांगी ने कहा कि अभी वहां काफी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट फंसे हुए हैं. अभी तक 240 स्टूडेंट के 3 प्लेन ही आए हैं. काफी संख्या में छात्र बॉर्डर पर व बंकर में निकलने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे अन्य स्टूडेंट को भी जल्द निकाला जाए. उन्होंने बताया कि यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट को खाना मिलने के साथ ही कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.