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भीलवाड़ा: वन्य जीव की गणना में पाए गए सभी तरह के वन्य प्राणी

भीलवाड़ा में जेठ माह की पूर्णिमा को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन 57 वाटर हॉल पर वन्य जीव की गणना की गई. गणना के दौरान जिले में समस्त प्रकार के वन्य जीव प्राणी की उपलब्धता पाई गई है.

Bhilwara news, Wildlife Census, Forest Department
वन्य जीव की गणना में पाए गए सभी तरह के वन्य प्राणी
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Published : Jun 20, 2020, 9:31 AM IST

भीलवाड़ा. हाल ही में राज्य सरकार के निर्देश पर भीलवाड़ा वन विभाग की ओर से वन्यजीव की गणना की गई है. जिले के 57 वाटर हॉल पर की गई गणना के दौरान जिले में समस्त प्रकार के वन्य जीव प्राणी की उपलब्धता पाई गई है. वही राजस्थान में एकमात्र काला हिरण जिले के शाहपुरा के आसोपा क्षेत्र में देखने को मिला है.

वन्य जीव की गणना में पाए गए सभी तरह के वन्य प्राणी

जिले में जेठ माह की पूर्णिमा को 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन वन्य जीव की गणना की गई. गणना के दौरान जिले में 57 वाटर हॉल पर समस्त प्रकार के वन्य जीव प्राणी पाए गए. 5 जून को 24 घंटे वन्यजीव प्राणियों पर निगरानी रखी गई. इस दौरान वन विभाग के कर्मचारी वाटर हॉल के पास मौजूद रहे और कौन-कौन से वन्यजीव पानी पीने के लिए वाटर हॉल के पास पहुंचे उन पर निगरानी रखी.

वन्यजीवों की उपलब्धता को लेकर भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वन्यजीव की गणना पूर्णिमा के दिन की गई है. भीलवाड़ा जिले में भी मुख्य रूप से पैंथर, चिंकारा, नीलगाय, जरख, ब्लैकबक मुख्य रूप से पाए जाते हैं. इनके साथ ही पक्षियों की भी गणना की गई है. उन्होंने कहा कि गणना में केवल आकलन होता है कि वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाते हैं या नहीं.

यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव परिणाम 2020: कांग्रेस के खाते में 2 और बीजेपी को 1 सीट पर जीत

ग्रीष्म ऋतु में अधिकतर पैंथर देखने को मिलते हैं. इस बार भी वन्यजीव गणना के दौरान जिले में पैंथर देखने को मिले. वहीं भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा के आसोपा के पास एकमात्र राजस्थान में काला हिरण देखने को मिला है. वहीं गर्मी में इनके पेयजल की पुख्ता व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है. कहीं जगह बरसात का पानी भी एकत्रित हो चुका था, जहां पानी नहीं था, वहां वन्यजीवों के लिए पानी पीने के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी.

भीलवाड़ा. हाल ही में राज्य सरकार के निर्देश पर भीलवाड़ा वन विभाग की ओर से वन्यजीव की गणना की गई है. जिले के 57 वाटर हॉल पर की गई गणना के दौरान जिले में समस्त प्रकार के वन्य जीव प्राणी की उपलब्धता पाई गई है. वही राजस्थान में एकमात्र काला हिरण जिले के शाहपुरा के आसोपा क्षेत्र में देखने को मिला है.

वन्य जीव की गणना में पाए गए सभी तरह के वन्य प्राणी

जिले में जेठ माह की पूर्णिमा को 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन वन्य जीव की गणना की गई. गणना के दौरान जिले में 57 वाटर हॉल पर समस्त प्रकार के वन्य जीव प्राणी पाए गए. 5 जून को 24 घंटे वन्यजीव प्राणियों पर निगरानी रखी गई. इस दौरान वन विभाग के कर्मचारी वाटर हॉल के पास मौजूद रहे और कौन-कौन से वन्यजीव पानी पीने के लिए वाटर हॉल के पास पहुंचे उन पर निगरानी रखी.

वन्यजीवों की उपलब्धता को लेकर भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वन्यजीव की गणना पूर्णिमा के दिन की गई है. भीलवाड़ा जिले में भी मुख्य रूप से पैंथर, चिंकारा, नीलगाय, जरख, ब्लैकबक मुख्य रूप से पाए जाते हैं. इनके साथ ही पक्षियों की भी गणना की गई है. उन्होंने कहा कि गणना में केवल आकलन होता है कि वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाते हैं या नहीं.

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ग्रीष्म ऋतु में अधिकतर पैंथर देखने को मिलते हैं. इस बार भी वन्यजीव गणना के दौरान जिले में पैंथर देखने को मिले. वहीं भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा के आसोपा के पास एकमात्र राजस्थान में काला हिरण देखने को मिला है. वहीं गर्मी में इनके पेयजल की पुख्ता व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है. कहीं जगह बरसात का पानी भी एकत्रित हो चुका था, जहां पानी नहीं था, वहां वन्यजीवों के लिए पानी पीने के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी.

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