भीलवाड़ा. राजकीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा पर कॉलेज का प्रोफेसर बुरी नजर रखता था. छात्रा के विरोध करने पर प्रोफेसर ने उसे प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल कर दिया. इसपर पीड़ित छात्रा ने प्रोफेसर की शिकायत प्रिंसिपल से की और पुलिस में मामला दर्ज करा दिया. प्रिंसिपल की जांच टीम में प्रोफेसर को दोषी पाया गया जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
भीलवाड़ा के राजकीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने 26 अप्रैल 2020 को सुभाष नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी कि कॉलेज के बायोकेमेस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. शंकर मोहन पवार उसे परेशान करते थे और उसके मोबाइल पर गुड मॉर्निंग के मैसेज भी भेजते थे. इसके साथ ही उन्होंने एग्जाम देते हुए उसका फोटो खींचकर भी उसे भेजा था.
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प्रोफेसर की शिकायत मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को करने पर प्रोफेसर पवार ने उसे प्रैक्टिकल में फेल करने की धमकी दी. उसने विरोध किया तो उसे प्रैक्टिकल परीक्षा में उसके कम नंबर देकर जानबूझकर फेल कर दिया.
सुभाष नगर थाना प्रभारी पुष्पा कांसोटिया ने कहा कि पीड़िता की शिकयत पर हमने मामला दर्ज कर पीड़िता के बयान दर्ज करवाए और जांच में पाया कि प्रायोगिक परीक्षा की मार्कशीट में काट छांट की गई है. कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से गठित टीम ने भी प्रोफेसर शंकर मोहन पंवार को दोषी पाया गया.
आरोपी प्रोफेसर को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर हेडक्वार्टर भरतपुर रखा था. उसे भरतपुर से गिरफ्तार कर भीलवाड़ा लाया गया है. प्रोफेसर शंकर मोहन पंवार महाराष्ट्र के परभणी जिले का रहने वाला है.