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भीलवाड़ा कांस्टेबल हत्या मामला: तस्करों से सांठगांठ रखने वाले 2 पुलिसकर्मी गिरफ्तार

भीलवाड़ा में तस्करों द्वारा फायरिंग कर 2 पुलिस कांस्टेबल की हत्या करने के मामले में पुलिस ने तस्कर गिरोह से सांठगाठ करने वाले 2 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों पर तस्करों की गाड़ियां पार करवाने और बदले में मोटी राशि वसूलने के साथ ही दो जवानों की हत्या के बाद तस्करों की भागने में मदद करने जैसे आरोप लगे हैं.

Constable Murder accused arrested, Policemen Killed in Bhilwara
भीलवाड़ा कांस्टेबल हत्या मामला
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Published : May 2, 2021, 11:43 AM IST

भीलवाड़ा. जिले के 2 पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. तस्कर गिरोह से सांठगांठ रखने वाले 2 पुलिसकर्मियों को एटीएस व एसओजी ने गिरफ्तार किया है. तस्करों के सहयोगी गंगापुर थाने के कांस्टेबल महेश निठारवाल और शाहपुरा थाने के कांस्टेबल सुनील राम विश्नोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

दोनों आरोपी पुलिस कांस्टेबल पर तस्करों की गाड़ियां पार करवाने और बदले में मोटी राशि वसूलने के साथ ही दो जवानों की हत्या के बाद तस्करों की भागने में मदद करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. दोनों की गिरफ्तारी से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया. इस मामले में संदिग्ध अन्य पुलिसकर्मियों की जांच की जा रही है. कुछ और पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी सम्भव है.

पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि 10 अप्रैल की रात मादक पदार्थ तस्करी कर ले जा रहे तस्करों ने कोटड़ी थाने में तैनात सिपाही ओंकार और रायला थाने में तैनात सिपाही पवन चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में तस्करों के सरगना सुनील डूडी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जांच में तस्करों से मिलीभगत में भीलवाड़ा के पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात सामने आई थी. अनुसंधान के बाद शाहपुरा थाने में तैनात सिपाही जोधपुर जिला निवासी सुनील विश्नोई व जिला पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल सिपाही सीकर जिले के भवानी निवासी महेश निठारवाल को गिरफ्तार किया.

पढ़ें- तस्करों की फायरिंग से जवान की मौत का मामला, थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिर

अनुसंधान के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर गंगापुर थाने में तैनात कांस्टेबल भारणी, रींगस निवासी महेश निठारवाल व शाहपुरा थाने के कांस्टेबल सुनीलराम विश्नोई का तस्करों की गैंग से संबंध होने की बात सामने आई. ये कांस्टेबल, मादक पदार्थ तस्करों की गैंग से रुपये लेकर उनकी मादक पदार्थ से भरी गाड़ियां भीलवाड़ा जिले से पार करवाते थे. उसके बदले तस्करों से मोटी रकम ऐंठते थे.

10 अप्रैल को कांस्टेबल की हत्या करने के बाद भी दोनों आरोपियों ने कांस्टेबल महेश निठारवाल व सुनील ने तस्करों की गैंग से संपर्क किया था. उन्हें जिले में हो रही नाकाबंदी के बारे में जानकारी दी. साथ ही इन तस्करों को भागने के लिए सुरक्षित रूट के लिये सुझाव दिए. इतना ही नहीं तस्करों को भागने में उनकी मदद भी की. आरोपी कांस्टेबल ने तस्करों को प्रकरण में आवश्यक सबूत नष्ट करने व छुपाने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहायता की.

तस्करों के फायर करने से बिगड़ी प्लानिंग

पूछताछ में सामने आया कि वारदात की रात 10 अप्रैल को भी दोनों सिपाही तस्करों के सम्पर्क में थे. उनको कोटड़ी और शाहपुरा थाना क्षेत्र से गाड़ी पार करवानी थी, लेकिन कोटड़ी में पुलिसकर्मियों के नाकाबंदी से उनकी योजना फेल हो गई. तस्करों ने फायर कर दिया, इससे दोनों सिपाहियों की प्लानिंग बिगड़ गई. फिर भी उन्होंने फायरिंग तस्करों को भगाकर सबूत नष्ट किया. दोनों को तस्करों से सांठगांठ और सबूत नष्ट करने समेत विभिन्न धाराओं में कोटड़ी थाने में गिरफ्तारी दर्शायी गई है.

आरोपियों के कॉल डिटेल में आए नम्बर

पुलिस ने वारदात के बाद तस्करों को नामजद करके उनके मोबाइल नम्बरों को खंगाला तो आरोपी सिपाहियों के नाम सामने आए. उनके नम्बर तस्करों की मोबाइल कॉल डिटेल में थे. सिपाहियों की कॉल डिटेल निकलवाई तो वे तस्करों को लोकेशन के बारे में बार-बार कॉल करते मिले. कॉल डिटेल में आरोपी पुलिसकर्मियों के कई बार नम्बर मिले. मामले में अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

यह था मामला

10 अप्रैल की देर रात कोटड़ी पुलिस श्रीचारभुजा नाथ मंदिर के पास नाकाबंदी करके वाहनों की चेकिंग कर रही थी. रात करीब 11 बजे चार वाहन तेज गति से आए. पुलिस ने इन वाहनों को रोकने की कोशिश की, तो सबसे आगे चल रही गाड़ी में सवार तस्करों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी और एक गोली कांस्टेबल ओंकार के सीने में लगी. उन्हें कोटड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

वहीं दूसरी तरफ रात 2.30 बजे रायला इलाके में दूसरी वारदात हुई. यहां भी पुलिस नाकाबंदी कर वाहनों की जांच कर रही है. इसी दौरान तेज रफ्तार एक स्कॉर्पियो आई, जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की. तस्करों ने यहां भी पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. इसमें कांस्टेबल पवन चौधरी को एक गोली लग गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

भीलवाड़ा. जिले के 2 पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. तस्कर गिरोह से सांठगांठ रखने वाले 2 पुलिसकर्मियों को एटीएस व एसओजी ने गिरफ्तार किया है. तस्करों के सहयोगी गंगापुर थाने के कांस्टेबल महेश निठारवाल और शाहपुरा थाने के कांस्टेबल सुनील राम विश्नोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

दोनों आरोपी पुलिस कांस्टेबल पर तस्करों की गाड़ियां पार करवाने और बदले में मोटी राशि वसूलने के साथ ही दो जवानों की हत्या के बाद तस्करों की भागने में मदद करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. दोनों की गिरफ्तारी से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया. इस मामले में संदिग्ध अन्य पुलिसकर्मियों की जांच की जा रही है. कुछ और पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी सम्भव है.

पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि 10 अप्रैल की रात मादक पदार्थ तस्करी कर ले जा रहे तस्करों ने कोटड़ी थाने में तैनात सिपाही ओंकार और रायला थाने में तैनात सिपाही पवन चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में तस्करों के सरगना सुनील डूडी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जांच में तस्करों से मिलीभगत में भीलवाड़ा के पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात सामने आई थी. अनुसंधान के बाद शाहपुरा थाने में तैनात सिपाही जोधपुर जिला निवासी सुनील विश्नोई व जिला पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल सिपाही सीकर जिले के भवानी निवासी महेश निठारवाल को गिरफ्तार किया.

पढ़ें- तस्करों की फायरिंग से जवान की मौत का मामला, थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिर

अनुसंधान के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर गंगापुर थाने में तैनात कांस्टेबल भारणी, रींगस निवासी महेश निठारवाल व शाहपुरा थाने के कांस्टेबल सुनीलराम विश्नोई का तस्करों की गैंग से संबंध होने की बात सामने आई. ये कांस्टेबल, मादक पदार्थ तस्करों की गैंग से रुपये लेकर उनकी मादक पदार्थ से भरी गाड़ियां भीलवाड़ा जिले से पार करवाते थे. उसके बदले तस्करों से मोटी रकम ऐंठते थे.

10 अप्रैल को कांस्टेबल की हत्या करने के बाद भी दोनों आरोपियों ने कांस्टेबल महेश निठारवाल व सुनील ने तस्करों की गैंग से संपर्क किया था. उन्हें जिले में हो रही नाकाबंदी के बारे में जानकारी दी. साथ ही इन तस्करों को भागने के लिए सुरक्षित रूट के लिये सुझाव दिए. इतना ही नहीं तस्करों को भागने में उनकी मदद भी की. आरोपी कांस्टेबल ने तस्करों को प्रकरण में आवश्यक सबूत नष्ट करने व छुपाने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहायता की.

तस्करों के फायर करने से बिगड़ी प्लानिंग

पूछताछ में सामने आया कि वारदात की रात 10 अप्रैल को भी दोनों सिपाही तस्करों के सम्पर्क में थे. उनको कोटड़ी और शाहपुरा थाना क्षेत्र से गाड़ी पार करवानी थी, लेकिन कोटड़ी में पुलिसकर्मियों के नाकाबंदी से उनकी योजना फेल हो गई. तस्करों ने फायर कर दिया, इससे दोनों सिपाहियों की प्लानिंग बिगड़ गई. फिर भी उन्होंने फायरिंग तस्करों को भगाकर सबूत नष्ट किया. दोनों को तस्करों से सांठगांठ और सबूत नष्ट करने समेत विभिन्न धाराओं में कोटड़ी थाने में गिरफ्तारी दर्शायी गई है.

आरोपियों के कॉल डिटेल में आए नम्बर

पुलिस ने वारदात के बाद तस्करों को नामजद करके उनके मोबाइल नम्बरों को खंगाला तो आरोपी सिपाहियों के नाम सामने आए. उनके नम्बर तस्करों की मोबाइल कॉल डिटेल में थे. सिपाहियों की कॉल डिटेल निकलवाई तो वे तस्करों को लोकेशन के बारे में बार-बार कॉल करते मिले. कॉल डिटेल में आरोपी पुलिसकर्मियों के कई बार नम्बर मिले. मामले में अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

यह था मामला

10 अप्रैल की देर रात कोटड़ी पुलिस श्रीचारभुजा नाथ मंदिर के पास नाकाबंदी करके वाहनों की चेकिंग कर रही थी. रात करीब 11 बजे चार वाहन तेज गति से आए. पुलिस ने इन वाहनों को रोकने की कोशिश की, तो सबसे आगे चल रही गाड़ी में सवार तस्करों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी और एक गोली कांस्टेबल ओंकार के सीने में लगी. उन्हें कोटड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

वहीं दूसरी तरफ रात 2.30 बजे रायला इलाके में दूसरी वारदात हुई. यहां भी पुलिस नाकाबंदी कर वाहनों की जांच कर रही है. इसी दौरान तेज रफ्तार एक स्कॉर्पियो आई, जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की. तस्करों ने यहां भी पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. इसमें कांस्टेबल पवन चौधरी को एक गोली लग गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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