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विशेष: न घर की याद न परिवार की सुध...कोरोना काल में भी बेसहारों का सहारा बने 'सेवादार'

मानव जीवन का उद्देश्य है अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना. इसी को सार्थक करने का काम कर रहे हैं भरतपुर के अपना घर आश्रम में निराश्रितों की सेवा में लगे सेवादार. हालात ये हैं कि कई सेवादार 6-6 माह गुजरने के बाद भी ना तो घर गए और ना ही अपने बच्चों से मिले. कोरोना काल में ये असहाय, निराश्रित और बीमार 'प्रभुजनों' की लाठी का काम कर रहे हैं. पढ़िये ईटीवी भारत की ये खास खबर...

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम के सेवादार कोरोना काल में भी निभा रहे जिम्मेदारी
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Published : Sep 14, 2020, 12:00 PM IST

Updated : Sep 14, 2020, 12:22 PM IST

भरतपुर. बेघर लोगों को सहारा देने और उनकी सेवा के लिए जिलें में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉ. माधुरी भारद्वाज ने मिलकर अपना घर आश्रम की स्थापना की थी. इस आश्रम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और लाचारों की सेवा करना है, जिनका उनके अपनों ने साथ छोड़ दिया या जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है. मानसिक रूप से बीमार लोगों की भी सेवा अपना घर आश्रम में की जाती है. ऐसे लोगों को इस आश्रम में लाया जाता है. उनका इलाज किया जाता है, खाना-पीना दिया जाता है और सेवा की जाती है.

अपना घर आश्रम के सेवादार कोरोना काल में भी निभा रहे जिम्मेदारी...

'सेवा धर्म परम गहनो, योगिना मप्यगम्य' यानी सेवा धर्म की पालना बहुत मुश्किल है, जो योगियों के लिए भी अगम्य है. लेकिन संस्कृत की यह सूक्ति कोरोना काल में भरतपुर के इस अपना घर आश्रम में साकार हो रही है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में आश्रम के कई सेवादार/सेवा साथी घर, परिवार और बच्चों को भूलकर असहाय, निराश्रित और बीमार 'प्रभुजनों' की सेवा में लगे हुए हैं.

आश्रम में 3 हजार से अधिक असहाय और निराश्रित प्रभुजन...

भरतपुर के बझेरा में स्थित अपना घर आश्रम में फिलहाल 3 हजार से अधिक असहाय और निराश्रित प्रभुजन निवास कर रहे हैं. इनकी सेवा के लिए यहां 225 सेवासाथी लगे हुए हैं. आश्रम में कोरोना का संक्रमण ना फैल जाए, इसके लिए आश्रम में 9 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जिनमें आश्रम में आने से पहले सेवा साथियों को 15-15 दिन का क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी करनी पड़ती है. उसके बाद ही वो प्रभुजनों की सेवा में लगते हैं.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
इस घर में रखा जाता है हर किसी का ख्याल...

6 महीने से नहीं गए घर...

हालात ये हैं कि कई सेवादार 6-6 माह गुजरने के बाद भी ना तो घर गए हैं और ना ही अपने बच्चों से मिले हैं. ETV भारत ने जब ऐसे सेवादारों से बात की, तो उनका कहना था कि प्रभुजन की सेवा ही उनकी पहली प्राथमिकता है.

पढ़ें: अलवर में बीते साल प्याज से छुड़ाए कर्ज, इस साल भी किसानों को प्याज से आस

बझेरा निवासी सेवादार रामवती ने बताया कि वो अपना घर आश्रम में बीते करीब 13 वर्ष से सेवाएं दे रही हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उन्हें अपने घर गए और बच्चों से मिले हुए करीब 6 महीने का समय गुजर गया है.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
बुजुर्ग की सेवा करती महिला सेवा साथी...

भगवान भरोसे हैं बच्चे...

विधवा रामवती ने बताया कि ऐसा नहीं है कि उन्हें घर जाने नहीं दिया गया, वे खुद यहां लोगों की सेवा के लिए रुकी हुई हैं. रामवती ने बताया कि घर पर उनके बच्चे हैं और उनकी देखभाल परमात्मा के भरोसे है. लेकिन अपना घर आश्रम में रह रहे असहाय और बीमार लोगों की सेवा उनके (सेवादारों) भरोसे है. इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती. इसीलिए वे घर जाने की बजाय प्रभुजनों की सेवा में ही लगी हुई हैं.

बीते 19 साल से अपना घर आश्रम में प्रभुजनों की सेवा कर रही सेवादार रामशिला ने बताया कि उन्हें भी घर गए करीब 6 महीना हो गया है. कोरोना संक्रमण के चलते वो प्रभुजनों की नियमित सेवा में जुटी हुई हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम के सेवा साथी...

संक्रमित हुए और स्वस्थ होकर फिर जुट गए सेवा में...

अपना घर आश्रम के कुछ सेवादार कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आए थे. उन्हें समय रहते क्वॉरेंटाइन किया गया और कोविड केयर सेंटर भेजकर उपचार कराया गया. कुछ समय बाद ये सेवादार स्वस्थ हो गए. आश्रम के हरिमोहन और कल्लू सिंह ऐसे ही सेवासाथी हैं जो कोरोना की चपेट में आ गए. लेकिन इनके मन में सेवा की भावना इतनी प्रबल थी कि स्वस्थ होने के बाद घर जाने के बजाय यह सीधे आश्रम पहुंचे और यहां प्रभुजनों की सेवा में जुट गए.

SPECIAL: कोरोना काल में भी खनक रहीं पाली की चूड़ियां, लोगों को मिल रहा रोजगार

परमात्मा के रूप हैं सेवादार...

अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बीएम भारद्वाज बताते हैं कि आश्रम के कई सेवादार महीनों से 'प्रभुजनों' की सेवा में जुटे हुए हैं. उन्हें कई बार छुट्टियां लेकर जाने के लिए भी बोला गया, लेकिन आश्रम की व्यवस्था ना गड़बडा जाए. इसलिए उन्होंने खुद ही छुट्टी लेने से मना कर दिया.

भरतपुर. बेघर लोगों को सहारा देने और उनकी सेवा के लिए जिलें में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉ. माधुरी भारद्वाज ने मिलकर अपना घर आश्रम की स्थापना की थी. इस आश्रम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और लाचारों की सेवा करना है, जिनका उनके अपनों ने साथ छोड़ दिया या जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है. मानसिक रूप से बीमार लोगों की भी सेवा अपना घर आश्रम में की जाती है. ऐसे लोगों को इस आश्रम में लाया जाता है. उनका इलाज किया जाता है, खाना-पीना दिया जाता है और सेवा की जाती है.

अपना घर आश्रम के सेवादार कोरोना काल में भी निभा रहे जिम्मेदारी...

'सेवा धर्म परम गहनो, योगिना मप्यगम्य' यानी सेवा धर्म की पालना बहुत मुश्किल है, जो योगियों के लिए भी अगम्य है. लेकिन संस्कृत की यह सूक्ति कोरोना काल में भरतपुर के इस अपना घर आश्रम में साकार हो रही है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में आश्रम के कई सेवादार/सेवा साथी घर, परिवार और बच्चों को भूलकर असहाय, निराश्रित और बीमार 'प्रभुजनों' की सेवा में लगे हुए हैं.

आश्रम में 3 हजार से अधिक असहाय और निराश्रित प्रभुजन...

भरतपुर के बझेरा में स्थित अपना घर आश्रम में फिलहाल 3 हजार से अधिक असहाय और निराश्रित प्रभुजन निवास कर रहे हैं. इनकी सेवा के लिए यहां 225 सेवासाथी लगे हुए हैं. आश्रम में कोरोना का संक्रमण ना फैल जाए, इसके लिए आश्रम में 9 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जिनमें आश्रम में आने से पहले सेवा साथियों को 15-15 दिन का क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी करनी पड़ती है. उसके बाद ही वो प्रभुजनों की सेवा में लगते हैं.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
इस घर में रखा जाता है हर किसी का ख्याल...

6 महीने से नहीं गए घर...

हालात ये हैं कि कई सेवादार 6-6 माह गुजरने के बाद भी ना तो घर गए हैं और ना ही अपने बच्चों से मिले हैं. ETV भारत ने जब ऐसे सेवादारों से बात की, तो उनका कहना था कि प्रभुजन की सेवा ही उनकी पहली प्राथमिकता है.

पढ़ें: अलवर में बीते साल प्याज से छुड़ाए कर्ज, इस साल भी किसानों को प्याज से आस

बझेरा निवासी सेवादार रामवती ने बताया कि वो अपना घर आश्रम में बीते करीब 13 वर्ष से सेवाएं दे रही हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उन्हें अपने घर गए और बच्चों से मिले हुए करीब 6 महीने का समय गुजर गया है.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
बुजुर्ग की सेवा करती महिला सेवा साथी...

भगवान भरोसे हैं बच्चे...

विधवा रामवती ने बताया कि ऐसा नहीं है कि उन्हें घर जाने नहीं दिया गया, वे खुद यहां लोगों की सेवा के लिए रुकी हुई हैं. रामवती ने बताया कि घर पर उनके बच्चे हैं और उनकी देखभाल परमात्मा के भरोसे है. लेकिन अपना घर आश्रम में रह रहे असहाय और बीमार लोगों की सेवा उनके (सेवादारों) भरोसे है. इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती. इसीलिए वे घर जाने की बजाय प्रभुजनों की सेवा में ही लगी हुई हैं.

बीते 19 साल से अपना घर आश्रम में प्रभुजनों की सेवा कर रही सेवादार रामशिला ने बताया कि उन्हें भी घर गए करीब 6 महीना हो गया है. कोरोना संक्रमण के चलते वो प्रभुजनों की नियमित सेवा में जुटी हुई हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

भरतपुर का अपना घर आश्रम,  Bharatpur apna ghar ashram , Corona period,  wrokers of Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम के सेवा साथी...

संक्रमित हुए और स्वस्थ होकर फिर जुट गए सेवा में...

अपना घर आश्रम के कुछ सेवादार कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आए थे. उन्हें समय रहते क्वॉरेंटाइन किया गया और कोविड केयर सेंटर भेजकर उपचार कराया गया. कुछ समय बाद ये सेवादार स्वस्थ हो गए. आश्रम के हरिमोहन और कल्लू सिंह ऐसे ही सेवासाथी हैं जो कोरोना की चपेट में आ गए. लेकिन इनके मन में सेवा की भावना इतनी प्रबल थी कि स्वस्थ होने के बाद घर जाने के बजाय यह सीधे आश्रम पहुंचे और यहां प्रभुजनों की सेवा में जुट गए.

SPECIAL: कोरोना काल में भी खनक रहीं पाली की चूड़ियां, लोगों को मिल रहा रोजगार

परमात्मा के रूप हैं सेवादार...

अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बीएम भारद्वाज बताते हैं कि आश्रम के कई सेवादार महीनों से 'प्रभुजनों' की सेवा में जुटे हुए हैं. उन्हें कई बार छुट्टियां लेकर जाने के लिए भी बोला गया, लेकिन आश्रम की व्यवस्था ना गड़बडा जाए. इसलिए उन्होंने खुद ही छुट्टी लेने से मना कर दिया.

Last Updated : Sep 14, 2020, 12:22 PM IST
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