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भरतपुर में 125 करोड़ की लागत से होगा वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण

भरतपुर में वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण 125 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. मंत्री सुभाष गर्ग ने वेस्ट वाटर सिस्टम के निर्माण से पहले प्रथम चरण में डाली गई सीवरेज लाइन की कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jun 21, 2021, 6:55 PM IST

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भरतपुर में 125 करोड़ की लागत से होगा वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण

भरतपुर. 125 करोड़ रुपये की लागत से भरतपुर में वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण किया जाएगा. लेकिन उससे पहले प्रथम चरण के तहत डाली गई सीवरेज लाइन में रही कमियों को दूर किया जाएगा. सोमवार को तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने नगर निगम और आरयूआईडीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में निर्देश दिए.

पढे़ं: अरुण सिंह भी क्रेडिट लेने में नहीं रहे पीछे, सरकारी डिस्पेंसरी में Vaccination कराने आए लोगों के साथ खिंचवाई Photo

सुभाष गर्ग ने कहा कि शहर में चौथे चरण के तहत 125 करोड़ की लागत से वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण करने से पहले शहर की सीवरेज लाइन की कमियों को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कामां, डीग, रूपवास एवं बयाना के लिए स्वीकृत सीवरेज लाइनों का कार्य शुरू करने से पहले क्षेत्रीय विधायकों से संपर्क कर उनकी राय भी जान ली जाए.

भरतपुर में 125 करोड़ की लागत से होगा वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण

सुभाष गर्ग ने नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल और जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से कहा कि पूर्व में सीवरेज के लिए तैयार की गई डीपीआर एवं ड्रेनेज सिस्टम के लिए तैयार की गई वाटर लेवल का मिलान कराएं और उसमें पाई गई कमियों के आधार पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि शहर में सीवरेज का घर-घर कनेक्शन का कार्य पूरी तरह से निशुल्क कराया जाए.

मंत्री गर्ग ने आरयूआईडीपी के अधिशासी अभियंता को निर्देश देते हुए जिले में संचालित परियोजना को डेढ़ वर्ष में पूर्ण कराने का लक्ष्य रखकर टेंडर जारी करने के लिए कहा. समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर 30% की पेनल्टी लगाए जाने की बात भी कही.

बैठक में आरयूआईडीपी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि प्लांट के परिशोधन से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल कृषि एवं अन्य कार्यों के लिए किया जाता है. प्लांट लगने के 5 वर्ष की अवधि में प्लांट का संचालन एवं रखरखाव आरयूआईडीपी ही करेगी.

भरतपुर. 125 करोड़ रुपये की लागत से भरतपुर में वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण किया जाएगा. लेकिन उससे पहले प्रथम चरण के तहत डाली गई सीवरेज लाइन में रही कमियों को दूर किया जाएगा. सोमवार को तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने नगर निगम और आरयूआईडीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में निर्देश दिए.

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सुभाष गर्ग ने कहा कि शहर में चौथे चरण के तहत 125 करोड़ की लागत से वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण करने से पहले शहर की सीवरेज लाइन की कमियों को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कामां, डीग, रूपवास एवं बयाना के लिए स्वीकृत सीवरेज लाइनों का कार्य शुरू करने से पहले क्षेत्रीय विधायकों से संपर्क कर उनकी राय भी जान ली जाए.

भरतपुर में 125 करोड़ की लागत से होगा वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण

सुभाष गर्ग ने नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल और जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से कहा कि पूर्व में सीवरेज के लिए तैयार की गई डीपीआर एवं ड्रेनेज सिस्टम के लिए तैयार की गई वाटर लेवल का मिलान कराएं और उसमें पाई गई कमियों के आधार पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि शहर में सीवरेज का घर-घर कनेक्शन का कार्य पूरी तरह से निशुल्क कराया जाए.

मंत्री गर्ग ने आरयूआईडीपी के अधिशासी अभियंता को निर्देश देते हुए जिले में संचालित परियोजना को डेढ़ वर्ष में पूर्ण कराने का लक्ष्य रखकर टेंडर जारी करने के लिए कहा. समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर 30% की पेनल्टी लगाए जाने की बात भी कही.

बैठक में आरयूआईडीपी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि प्लांट के परिशोधन से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल कृषि एवं अन्य कार्यों के लिए किया जाता है. प्लांट लगने के 5 वर्ष की अवधि में प्लांट का संचालन एवं रखरखाव आरयूआईडीपी ही करेगी.

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