भरतपुर. प्रदेश सरकार जहां 1 नवंबर को प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को रोकने के प्रयास में जुटी हुई है. वहीं, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने एक बार फिर से बयान जारी किया है. बैंसला ने कहा है कि यदि सरकार ने समझौते की पालना नहीं की तो 1 नवंबर को आंदोलन जरूर होगा. इस बार का आंदोलन रेल मार्ग और सड़क मार्ग के साथ ही गुर्जर समाज के प्रत्येक युवा के दिल में होगा.
विजय बैंसला ने कहा कि 1 नवंबर को आंदोलन जरूर होगा और यह इसलिए होगा, क्योंकि इसकी घोषणा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने नहीं की है. बल्कि 84 गांव के पंच पटेलों ने इसकी घोषणा की है. विजय ने कहा कि आंदोलन तो 17 अक्टूबर को ही हो जाता है, लेकिन खेतीबाड़ी की वजह से इस आंदोलन को 1 नवंबर तक के लिए स्थगित किया गया.
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गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जितना प्रयास इस आंदोलन को रोकने में कर रही है, उतना प्रयास यदि हमारे आरक्षण के समझौते की पालना में किया होता तो इस तरह के हालात ही पैदा न होते. सरकार की नीति और कार्यशैली में बहुत विपरीत कार्य हो रहा है. विजय बैंसला ने कहा कि सरकार जिस तरह से लोगों के पुराने मामले खोलकर दवाब डाल रही है, उससे कुछ नहीं होगा. बल्कि सरकार समाज के लोगों को जितना दबाएगी उतना ही उछलेंगे.
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विजय बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार को अपने नियम ही चलानी है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता अजय माकन के खिलाफ मामला दर्ज कराएं. अन्यथा कोई नियम नहीं हैं, फिर 1 नवंबर को हमारे नियम चलेंगे. सरकार के नियम हमने देख लिए.
विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज के प्रत्येक व्यक्ति के दिल में आग लगी हुई है. हमारी 35 हजार भर्तियां अटकी पड़ी हैं. इसलिए इस बार का आंदोलन रेल की पटरी पर भी होगा, सड़कों पर भी होगा. उन्होंने कहा कि सरकार गुर्जर समाज के तीन मृतकों के परिवारों को मुआवजा और अन्य लाभ नहीं दे रही है. सरकार खुद आंदोलन को न्यौत रही है.
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गौरतलब है कि गुर्जर समाज ने बयाना क्षेत्र के अड्डा गांव में आयोजित हुई गुर्जर महापंचायत में राज्य सरकार को 31 अक्टूबर तक का समय दिया था. साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि इस अवधि में सरकार ने उनकी आरक्षण संबंधी समझौते की पूर्ण पालना नहीं की तो पूरा समाज 1 नवंबर से आंदोलन पर उतर जाएगा.