भरतपुर. इस बार टिटहरी पक्षी (Red wattled lapwing) ने मानसून से पहले खेत की ऊंची मेढ़ पर चार अंडे दिए हैं. इससे देसी मौसम विज्ञानी यानी कि गांव के बुजुर्गों का मानना है कि इस बार बरसात का मौसम पूरे 4 माह तक रहेगा और अच्छे मानसून रहने के आसार हैं.
ऐसे लगाते हैं मौसम का अंदाजा
नगला भांड निवासी यादराम ने बताया कि उनके बुजुर्ग और पूर्वज, पशु- पक्षियों और जीव-जंतुओं की गतिविधि से आगामी मौसम का अंदाजा लगा लेते थे. बुजुर्ग अपने बच्चों को यह ज्ञान देते रहे हैं. यही परंपरा आज भी चल रही है. यादराम ने बताया कि बुजुर्गों से मिले ज्ञान के अनुसार मानसून का अंदाजा लगाने के लिए टिटहरी पक्षी की गतिविधि पर नजर रखी जाती है.
चार अंडे मतलब चौमासा
टिटहरी पक्षी मानसून से पहले अंडे देती है. टिटहरी अगर 2 अंडे देती है तो माना जाता है कि मानसून की अवधि 2 माह रहेगी. इस बार नगला भांड के खेतों की मेढ़ पर टिटहरी के 4 अंडे देखे गए हैं. यहां टिटहरी ने ऊंचे स्थान पर चार अंडे दिए हैं. ऐसे में मानना है कि इस बार बरसात का मौसम पूरे 4 माह रहेगा और ये अच्छे मानसून रहने के संकेत हैं.
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तो 24 घंटे में हो जाती है बरसात
ग्रामीण यादव ने बताया कि पशु पक्षियों की और भी तमाम गतिविधियों के आधार पर मौसम का अनुमान लगाया जाता है. माना जाता है कि यदि कोई पक्षी धूल मिट्टी में स्नान करता है तो ये जल्द बरसात होने के संकेत हैं. माना जाता है कि धूल मिट्टी में स्नान करते हुए पक्षी को देखें तो 24 घंटे के अंदर बरसात हो जाती है.
चींटियों की कतार से पूर्वानुमान
ग्रामीण यादराम ने बताया कि इसी तरह अगर चींटियां कतार बनाकर अपने अंडों को एक दिशा से दूसरी तरफ ले जाती हुई नजर आएं तो समझ लेना चाहिए कि जल्द ही बरसात होने वाली है. इसके पीछे बुजुर्गों का मानना है कि चींटियों को जमीन में नमी बहुत जल्दी महसूस हो जाती है. इसलिए वो संभावित बरसात को देखते हुए अपने अंडों को सुरक्षित स्थान की ओर ले जाती हैं और ये बरसात के संकेत होते हैं.