भरतपुर. राजस्थान सीमा में से गुजरने वाले वाहन चालकों से उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के टैक्स के नाम पर फर्जी रसीद काटकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को सेवर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये आरोपी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की हू-ब-हू फर्जी वेबसाइट बनाकर विभाग की फर्जी रसीद देकर अवैध वसूली करते थे. पुलिस ने आरोपियों से प्रिंटर, मोबाइल और अन्य सामग्री बरामद की है.
सेवर थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि संगठित गिरोह के वांछित बदमाशों की तलाश के लिए नेशनल हाई-वे-21 पर अभियान चलाया गया. इस दौरान पुलिस ने तीन व्यक्तियों महुआ निवासी देवेश पुत्र बने सिंह, नगला बीजा निवासी देव पुत्र नरेंद्र और कुम्हेर थाना क्षेत्र के तालफरा गांव निवासी विनोद पुत्र बने सिंह को गिरफ्तार किया.
थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि ये तीनों संगठित अपराध में लिप्त अंतरराज्यीय गिरोह के शातिर बदमाश हैं. जो हाईवे-21 पर आने-जाने वाले वाहनों से यूपी टैक्स के नाम पर अवैध रूप से वसूली करते हैं और उनको फर्जी रसीद दे देते हैं. गिरफ्तार किए गए तीनों बदमाशों से तीन मोबाइल, तीन प्रिंटर और अन्य सामग्री बरामद की है.
ऐसे लगाते थे चूना
थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि ये लोग नेशनल हाईवे 21 पर जगह-जगह होटल, ढाबों और दुकानों आदि पर यूपी टैक्स के साइन बोर्ड लगा कर आने-जाने वाले वाहन चालकों से यूपी टैक्स के नाम पर वसूली करते थे. ये लोग वाहन चालकों को उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की फर्जी रसीद भी देते. इतना ही नहीं इन शातिर बदमाशों ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की हूबहू फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थी.
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जब वाहन चालक यहां से यूपी टैक्स की रसीद कटा कर ऊंचा नगला की तरफ उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पहुंचते, तो वहां उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग की ओर से जांच करने पर रसीदों के फर्जी होने का पता चलता. तब वाहन चालकों को खुद के साथ ठगी होने की जानकारी मिलती. गौरतलब है कि लंबे समय से उत्तर प्रदेश बॉर्डर से सटे हुए भरतपुर जिले में तमाम जगह यूपी टैक्स के नाम पर नेशनल हाई वे पर फर्जी दुकानें संचालित हो रही है. पहले भी कई बार कई वाहन चालकों के साथ ठगी होने की घटनाएं सामने आई थी, जिसके बाद कई वाहन चालकों ने मामले भी दर्ज कराए थे.