भरतपुर. जिले के जनाना अस्पताल की लापरवाही के चलते हुई बच्चे की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. देश के तमाम नेता सोशल मीडिया पर इसे लेकर बयान दे रहे हैं. कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की ओर से इस मामले को उठाने के बाद जिला प्रशासन इस मामले की जानकारी के लेने के लिए पीड़ित पक्ष के पास पहुंचा. जहां प्रशासन ने पीड़ित का बयान वीडियो रिकार्डिंग के जरिए लिया गया.
वहीं, पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि प्रशासन के साथ कुछ पुलिसकर्मी आये थे, जो उनको डरा धमका कर उनके बयान लेकर चले गए. लेकिन मामले की जानकारी लेने आये यूआईटी के सचिव उम्मेदी लाल मीणा ने पीड़ित पक्ष के आरोप को साफ तौर पर नकार दिया है. वहीं, मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मुझे इस मामले की जानकारी मिली. इस दौरान उन्होंने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीड़िता को हॉस्पिटल में प्रवेश क्यों नहीं दिया गया.
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साथ ही मंत्री ने कहा कि यूआईटी के सचिव और मथुरा गेट थाने के ASI ब्रजेंद्र सिंह महिला का बयान लेने के लिए गए और उसको गलत बयान देने के लिए धमकाया. पीड़िता की भाभी से गलत बयान लिए गए. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं सरकार में बैठा हूं और ये बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा जो हमारी कमियां है उनको सुधारना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा कोई शर्मनाक बात नहीं हो सकती. हमारी पार्टी के आलाकमान ने सभी को यही सिखाया है कि कांग्रेस एक धर्म निरपेक्ष पार्टी है और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. इस तरह के मामलों में पार्टी कोई कदम नहीं उठाती तो पार्टी की छवि तो धूमिल होगी ही साथ ही पार्टी से लोगों का भरोसा भी उठ जाएगा. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार को किसी से डरने की जरूरत नहीं है.