भरतपुर. जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि का असर सीधे किसानों की फसलों पर पड़ रहा है. ओले पड़ने से लगभग पूरी फसल नष्ट हो चुकी है. किसानों के खेतों में सरसों और गेहूं की फसल खड़ी थी, लेकिन ओलावृष्टि के बाद वह फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब किसानों के सामने उनके परिवार के लालन पोषण की समस्या पैदा हो गई है.
बीते दिनों पहले हुई बारिश की वजह से किसानों की थोड़ी बहुत फसल बची थी. लेकिन शुक्रवार को दोबारा हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद वह भी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. पहली ओलावृष्टि के बाद मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जिला कलेक्टर को गिरदावरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन गिरदावरी अभी पूरी भी नही हो पाई कि, आज फिर कुदरत किसानों की फसल पर कहर बनकर बरस पड़ी.
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किसानों ने सीएम अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपाकर मांग की है, कि ओलावृष्टि से फसल तबाह हो चुकी है, इसलिए बगैर किसी राजनीतिक भेदभाव के किसानों की नष्ट हुई फसल का सर्वे शुरू कराया जाए. साथ ही किसानों का बिजली का बिल और कृषि कर्जा माफ किया जाए जिससे किसानों को राहत मिल सके.
किसान नेता नेम सिंह ने बताया की राम रूठा है, राज नहीं रूठा, इसलिए सरकार को किसानों के साथ हुई तबाही में राहत देने के लिए आगे आना चाहिए और उनके नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द देने का प्रयास करना चाहिए.