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भरतपुर : SI ने मुकदमे से नाम हटाने की एवज में मांगी 10 हजार की रिश्वत..3500 की रकम के साथ ACB ने एसआई के 'खास' को दबोचा - bharatpur deeg police station bribe

डीग चौकी पर ACB की कार्रवाई हुई है. SI ने एक मुक़दमे से नाम और धारा हटाने के लिए पीड़ित से 10 हजार रुपये की मांग की थी, 5 हजार सौदा तय हुआ. 3500 की रिश्वत लेते SI का खास आदमी एसीबी के हत्थे चढ़ गया.

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Published : Oct 11, 2021, 11:03 PM IST

डीग (भरतपुर). भरतपुर ACB ने डीग थाना प्रभारी को 3 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. डीग थाना प्रभारी ने झगड़े के मामले में पीड़ित पक्ष से 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी. लेकिन पीड़ित पक्ष ने 5 हजार रुपये में सौदा तय कर लिया.

इसके बाद आज पीड़ित पक्ष को रिश्वत के पैसे देने के लिए बुलाया. लेकिन परिवादी से चौकी प्रभारी ने सिर्फ 3 हजार 500 रुपये लिए बाकी के 1 हजार 500 रुपये उसे लौटा दिए. इतने में ACB ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डीग चौकी प्रभारी श्यामसुन्दर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. डीग के भुटागेट निवासी परिवादी राधारमन ने 13 सितंबर को ACB से शिकायत की थी. उसके मुताबिक उसके परिवार के लोगों के खिलाफ डीग थाने में एक मामला दर्ज है.

इसकी तफ्तीश डीग चौकी प्रभारी श्याम सुन्दर सब इंस्पेक्टर कर रहा है. श्याम सुंदर झगड़े के मामले से धारा 354 हटाने और राधारमन के बेटे श्याम पवन का नाम निकालने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. राधारमन ने बताया कि उसने सब इंस्पेक्टर से 5 हजार रुपये में सौदा तय कर लिया.

पढ़ें- जोधपुर पुलिस ने MP के तस्करों से बरामद की अफीम की बड़ी खेप, 19 लाख की राशि जब्त

इसके बाद ACB ने 13 सितंबर को शिकायत का सत्यापन करवाया. जिस पर सब इंस्पेक्टर ने परिवादी को 11 अक्टूबर को रिश्वत देने के लिए बुलाया. सब इंस्पेक्टर के प्लान के अनुसार राधारमन ने सबसे पहले पैसे एक ब्रोकर जितेंद्र को दिए. 5 हजार रुपये में से जितेंद्र ने 1 हजार 5 सौ रुपये राधारमन को लौटा दिए. इतने में ACB ने जितेंद्र को ट्रैप कर लिया.

ACB ने इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी सब इंपेक्टर श्याम सुंदर को बनाया है. फिलहाल ACB ने SI श्याम सुंदर और चौकी में प्राइवेट तौर पर काम रहे रहे जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से पूछताछ जारी है.

डीग (भरतपुर). भरतपुर ACB ने डीग थाना प्रभारी को 3 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. डीग थाना प्रभारी ने झगड़े के मामले में पीड़ित पक्ष से 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी. लेकिन पीड़ित पक्ष ने 5 हजार रुपये में सौदा तय कर लिया.

इसके बाद आज पीड़ित पक्ष को रिश्वत के पैसे देने के लिए बुलाया. लेकिन परिवादी से चौकी प्रभारी ने सिर्फ 3 हजार 500 रुपये लिए बाकी के 1 हजार 500 रुपये उसे लौटा दिए. इतने में ACB ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डीग चौकी प्रभारी श्यामसुन्दर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. डीग के भुटागेट निवासी परिवादी राधारमन ने 13 सितंबर को ACB से शिकायत की थी. उसके मुताबिक उसके परिवार के लोगों के खिलाफ डीग थाने में एक मामला दर्ज है.

इसकी तफ्तीश डीग चौकी प्रभारी श्याम सुन्दर सब इंस्पेक्टर कर रहा है. श्याम सुंदर झगड़े के मामले से धारा 354 हटाने और राधारमन के बेटे श्याम पवन का नाम निकालने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. राधारमन ने बताया कि उसने सब इंस्पेक्टर से 5 हजार रुपये में सौदा तय कर लिया.

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इसके बाद ACB ने 13 सितंबर को शिकायत का सत्यापन करवाया. जिस पर सब इंस्पेक्टर ने परिवादी को 11 अक्टूबर को रिश्वत देने के लिए बुलाया. सब इंस्पेक्टर के प्लान के अनुसार राधारमन ने सबसे पहले पैसे एक ब्रोकर जितेंद्र को दिए. 5 हजार रुपये में से जितेंद्र ने 1 हजार 5 सौ रुपये राधारमन को लौटा दिए. इतने में ACB ने जितेंद्र को ट्रैप कर लिया.

ACB ने इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी सब इंपेक्टर श्याम सुंदर को बनाया है. फिलहाल ACB ने SI श्याम सुंदर और चौकी में प्राइवेट तौर पर काम रहे रहे जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से पूछताछ जारी है.

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