भरतपुर. जिले के वैर क्षेत्र के गांव धरसोनी में एक साधु को गांव में अवैध शराब की बिक्री का विरोध करना भारी पड़ गया. शराब माफियाओं ने साधु के हाथ पैर तोड़ दिए. गंभीर हालत में साधु को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल में भर्ती बाबा राजेंद्र ने अब पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही गांव में अवैध शराब की बिक्री बंद नहीं हुई और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो उन्हें मजबूरन बाबा विजय दास की तरह आत्मदाह का कदम उठाना पड़ेगा.
जिले के वैर क्षेत्र के धारसोनी गांव में स्थित बाबा बालक नाथ की बगीची पर बाबा राजेंद्र बाइट करीब 4 साल से रह रहे हैं. बाबा राजेंद्र ने बताया कि गांव में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री हो रही है. गांव का ही ब्रजकिशोर उर्फ दामोडा पहलवान अवैध शराब की बिक्री में लिप्त है. बाबा राजेंद्र काफी दिनों से गांव में अवैध शराब बिक्री का विरोध कर रहे हैं. शराब माफियाओं को गांव में अवैध शराब बिक्री नहीं करने के लिए भी बोला लेकिन वो नहीं माने.
23 जुलाई को बाबा राजेंद्र कुछ श्रद्धालुओं के साथ बाइक से नियामदपुर सत्संग में भाग लेने जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में ओमवीर, गजेंद्र और ब्रजकिशोर उर्फ दामोडा पहलवान आदि ने बाबा को रोककर लाठी व लोहे के सरियों से मारपीट कर दी. बाबा राजेंद्र का पैर तोड़ दिया और गंभीर हालत में छोड़कर भाग गए. घायल बाबा राजेंद्र को आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. घटना के बाद पुलिस आरबीएम अस्पताल पहुंची. बाबा का आरोप है कि पुलिस ने उनके सही पर्चा बयान नहीं लिए. अब बाबा राजेंद्र ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वो बाबा विजयदास की तरह आत्मदाह कर लेंगे.