भरतपुर. महाराजा सूरजमल के 257 वें बलिदान दिवस कार्यक्रम में भाग लेने आए प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक स्वर में केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध किया. इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से देश के लाखों किसानों पर कृषि कानून थोप दिया है, जबकि इसकी ना तो किसानों ने मांग की और ना ही किसी पार्टी ने.
सचिन पायलट ने कहा कि आज पूरे देश की जनता और किसान केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार है कि बात करने को और सुनने को राजी ही नहीं है. सचिन पायलट ने कहा कि आज देश पर और किसान पर चौतरफा मार पड़ रही है. कोरोना के बाद अब किसानों पर ऐसा कानून थोपा गया है, जिसकी वजह से देश के हजारों किसान बीते 1 महीने से कड़ाके की ठंड में दिल्ली के चारों तरफ जमे हुए हैं. सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार इतनी कठोर मन है कि वह ना तो किसानों से संवाद करना चाहती है और ना ही कोई रास्ता निकालना चाहती है.
सचिन पायलट ने कहा कि यदि देश का भविष्य सुरक्षित रखना है तो केंद्र सरकार को यह किसी कानून वापस लेना पड़ेगा. जब केंद्र सरकार खुद मानती है कि 18 में से 15 सुझावों को मान लिया जाएगा, तो इसका मतलब इस कानून गलत है और इसको वापस लेने की जरूरत है. सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ नाइंसाफी कर उनके साथ धोखा किया है और उसको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
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सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार को 2 साल हो गए हैं. हमारा उद्देश्य है कि सरकार जनता से किए वादों पर खरी उतरे. हमारे पास 3 साल का वक्त है, जिसमें जनता से किए गए सभी वादों को पूरा किया जाए. सचिन पायलट ने विश्वास जताया कि प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर सरकार पूरी तरह से खरी उतरेगी.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की सभी मांगें जायज हैं और केंद्र सरकार को ये मांगे माननी चाहिए. उन्होंने नए कृषि कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग समेत तमाम बिंदु का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश सरकारों और जनता को केंद्र सरकार पर इस बात का दबाव डालना चाहिए कि ये कृषि कानून वापस लिए जाएं.
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि महाराजा सूरजमल वह हस्ती थे, जिन्होंने दुनिया में अपना नाम किया. हमें उनसे प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए. इस अवसर पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यदि जनता का आशीर्वाद बना रहा तो चाहे मैं मंत्री रहूं या ना रहूं, मैं जनता की सेवा पहले की तरह ही करता रहूंगा.
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विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून लागू किए हैं, उसका दर्द एक किसान ही समझ सकता है. उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए हरियाणा में जाकर किसान आंदोलन में शामिल होने व किसानों को समर्थन देने की बात भी कही.
महाराजा सूरजमल के 257 वें बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को भरतपुर के किला स्थित सूरजमल स्मारक पर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र ओला एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह समेत तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर महाराजा सूरजमल के शौर्य और बलिदान को याद किया गया.
कार्यक्रम से पहले प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी भरतपुर के एक निजी होटल में मिले. यहां अल्पाहार के दौरान सभी के बीच राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी चला.