भरतपुर. यूक्रेन में स्थिति भयावह हो चुकी है. भारतीय दूतावास के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और विद्यार्थी तीन-तीन दिन तक सर्दी में बॉर्डर पर फंसे रहे. यह कहना है भरतपुर लौटे छात्र सक्षम की. उसने बताया कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों की संख्या ज्यादा है और दूतावास के पास पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं. विद्यार्थी पैदल-पैदल लंबा सफर तय करके बॉर्डर तक पहुंच रहे हैं. लेकिन बॉर्डर पर भी दूतावास की ओर से विद्यार्थियों से समय पर संपर्क नहीं साधा जा रहा, जिसकी वजह से विद्यार्थी तीन-तीन दिन तक कड़ाके की सर्दी में बॉर्डर पर फंसे रहे.
भरतपुर लौटे सक्षम चाहर ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा है कि अभी भी यूक्रेन में काफी भारतीय विद्यार्थी (Russia Ukraine War) फंसे हुए हैं. सभी को न्यूक्लियर अटैक का खतरा सता रहा है. उन्हें जल्द से जल्द वहां से देश लाने के इंतजाम किए जाएं. सक्षम चाहर ने बताया कि वो यूक्रेन की विनित्सा यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. 23 फरवरी तक वहां पर हालात सामान्य थे. उसके बाद हालात धीरे-धीरे बिगड़ने लगे. सक्षम ने बताया कि यूक्रेन में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या काफी है, जबकि दूतावास के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.
हालात ज्यादा बिगड़ने पर हम भारतीय विद्यार्थियों का दल रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचा, लेकिन बॉर्डर पर भी हमसे दूतावास के किसी अधिकारी ने संपर्क नहीं किया. ऐसे में विद्यार्थियों का दल तीन दिन तक कड़ाके की सर्दी में बॉर्डर पर (Rajasthani Students Trapped in Ukraine) फंसा रहा. उसके बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बच्चों से संपर्क किया, तब जाकर इन्हें भारत लाया जा सका.
जैसे-तैसे पेट भरा : सक्षम की मां हेमलता चाहर ने बताया कि वहां हजारों की संख्या में बच्चे बॉर्डर पर फंसे हुए थे. हालांकि, बॉर्डर पर अधिकारियों द्वारा खाना पहुंचाया जा रहा था, लेकिन भीड़ अधिक होने की वजह से सभी को पर्याप्त और समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा था. विद्यार्थी जैसे-तैसे जो उपलब्ध हो रहा था, वही खाकर पेट भर रहे थे. गुरुवार दोपहर बाद भरतपुर की महाराजा प्रॉपर्टी कॉलोनी स्थित अपने घर पहुंचे सक्षम की मां हेमलता ने बताया कि वो बीते सात दिन से इतना परेशान और थका हुआ है कि वो अभी बात करने की स्थिति में भी नहीं है. पहले उसको भरपेट खाना खिलाना है.
भरतपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे सक्षम के स्वागत के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही मां हेमलता और मौसी पूजा भी पहुंचीं. सक्षम के स्टेशन पहुंचते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया. बेटे के सुरक्षित घर लौटने की खुशी मां हेमलता चाहर के चेहरे पर साफ झलक रही थी.
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भारतीय छात्रों के साथ बदसलूकी : यूक्रेन से दौसा लौटे छात्रों ने यूक्रेन के हालात बयां किए. गुरुवार को यूक्रेन से दौसा पहुंचे छात्रों का कहना है कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों के साथ बदसलूकी व दुर्व्यवहार हो रहा है. उनके साथ मारपीट (Dausa Students Alleged for Misbehavior on Border) की जा रही है. युद्ध के साए में रहकर आए छात्रों का कहना है कि हर पल मौत के डर से निकलकर घर पहुंचे हैं. मौत के साए से निकलकर परिजनों के बीच पहुंचे छात्रों ने मोदी सरकार का बार-बार धन्यवाद किया और परिजनों से मिलने की खुशी जाहिर की.