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राजस्थान विकास सेवा के अधिकारियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, जानें वजह - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

भरतपुर में मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर प्रशासनिक सेवा के 200 खंड विकास अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे हैं. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि जब उनका चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा की ओर से सामान ग्रेड पर होता है, तो उनको पदोन्नति भी अधिकारियों के समान ही प्रदान की जाए.

विकास सेवा अधिकारियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, Development service officials demand wish death
विकास सेवा अधिकारियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग
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Published : Feb 9, 2021, 3:48 PM IST

भरतपुर. शहर में मंगलवार को प्रशासनिक सेवा के 200 खंड विकास अधिकारियों ने प्रदेशभर में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे हैं. ज्ञापन में मांग की गई है कि जब उनका चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा की ओर से सामान ग्रेड पर होता है, तो उनको पदोन्नति भी अधिकारियों के समान ही प्रदान की जाए. अन्यथा मांग पूरी नहीं करने पर सभी 200 खंड विकास अधिकारियों को इच्छा मृत्यु की इजाजत प्रदान की जाए.

विकास सेवा अधिकारियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग

राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा परिषद के अध्यक्ष हरि सिंह और बीडीओ ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा का गठन साल 2007 में किया गया था. यह सेवा राजस्थान प्रशासनिक सेवा से निकल कर आती है. जहां सभी एक ही एग्जाम देते है और सामान ग्रेट-पे मिलती है, लेकिन उसके बावजूद भी उनको उस सेवा के अन्य अधिकारियों के बराबर पदोन्नति नहीं दी जाती. जबकि जूनियर अधिकारियों को पदोन्नति देकर उनके ऊपर बिठा दिया जाता है.

पढ़ें- गहलोत कैबिनेट की बैठक आज, बनेगी विधानसभा सत्र पर रणनीति

इसलिए अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया है और मांग की गई है कि यदि सरकार उनकी पदोन्नति की मांग को पूरा नहीं करती तो सभी को इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए. ज्ञापन देने वाले अधिकारियों का कहना है कि उनका जूनियर अधिकारी जो उनसे ग्रेड-पे में भी कम होता है. वह दो बार पदोन्नति ले लेता है, लेकिन उनसे सीनियर होने के बावजूद भी हम लोग जूनियर रह जाते हैं और वह हमसे सीनियर हो जाते हैं. जिससे प्रदेश के सभी बीडीओ तनावग्रस्त हैं.

भरतपुर. शहर में मंगलवार को प्रशासनिक सेवा के 200 खंड विकास अधिकारियों ने प्रदेशभर में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे हैं. ज्ञापन में मांग की गई है कि जब उनका चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा की ओर से सामान ग्रेड पर होता है, तो उनको पदोन्नति भी अधिकारियों के समान ही प्रदान की जाए. अन्यथा मांग पूरी नहीं करने पर सभी 200 खंड विकास अधिकारियों को इच्छा मृत्यु की इजाजत प्रदान की जाए.

विकास सेवा अधिकारियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग

राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा परिषद के अध्यक्ष हरि सिंह और बीडीओ ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा का गठन साल 2007 में किया गया था. यह सेवा राजस्थान प्रशासनिक सेवा से निकल कर आती है. जहां सभी एक ही एग्जाम देते है और सामान ग्रेट-पे मिलती है, लेकिन उसके बावजूद भी उनको उस सेवा के अन्य अधिकारियों के बराबर पदोन्नति नहीं दी जाती. जबकि जूनियर अधिकारियों को पदोन्नति देकर उनके ऊपर बिठा दिया जाता है.

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इसलिए अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया है और मांग की गई है कि यदि सरकार उनकी पदोन्नति की मांग को पूरा नहीं करती तो सभी को इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए. ज्ञापन देने वाले अधिकारियों का कहना है कि उनका जूनियर अधिकारी जो उनसे ग्रेड-पे में भी कम होता है. वह दो बार पदोन्नति ले लेता है, लेकिन उनसे सीनियर होने के बावजूद भी हम लोग जूनियर रह जाते हैं और वह हमसे सीनियर हो जाते हैं. जिससे प्रदेश के सभी बीडीओ तनावग्रस्त हैं.

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