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राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी बसों को यूपी सरकार के परमिशन का इंतजार

राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए 1 हजार बसें भेजी जा रही है. जिले के 3 अलग-अलग बॉर्डर से इन बसों को रवाना किया जाएगा, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

यूपी सरकार के अनुमति का इंतजार, राजस्थान की बस, Bharatpur News
आज भी नहीं मिली बसों के एंट्री की परमिशन
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Published : May 19, 2020, 2:29 PM IST

भरतपुर. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान की तरफ से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए बसें भेजी जा रही हैं. लेकिन मंगलवार को भी राजस्थान की बसें भरतपुर जिले के आगरा बॉर्डर पर ही खड़ी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसों को यूपी में घुसने की अनुमति नहीं मिली है.

आज भी नहीं मिली बसों के एंट्री की परमिशन

जानकारी के अनुसार राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए 1 हजार बसें भेजी जा रही है, जिसमें से 100 बसें भरतपुर से जा रही है. जिले के 3 अलग-अलग बॉर्डर से 1 हजार बसें रवाना होंगी, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है. कुछ दिनों पहले भी जिले से उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक राजस्थान की बसें भेजी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण बसों को वापस लौटना पड़ा.

पढ़ें- राजस्थान से मजदूरों को भेजने के लिए किसी भी तरह से बाध्य नहीं किया जा रहा : जोशी

वहीं, बॉर्डर पर मौजूद चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग से अनुमति नहीं मिलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उनकी मंशा क्या है. कांग्रेस पार्टी ने प्राइवेट बसों को बॉर्डर पर खड़ा कर दिया है, जैसे-जैसे अनुमति मिलेगी बसें रवाना होती चली जाएगी. उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

उत्तर प्रदेश की सरकार का कहना है कि राजस्थान से आने वाली सभी बसों को लखनऊ भेजा जाए. उनका कहना है कि सभी खाली बसों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाए और वहां से सभी बसों को अपने अपने प्वाइंट पर रवाना की जाएगी. गर्ग का कहना है कि यूपी सरकार को जहां-जहां बसों की जरूरत है वह प्वाइंट हमें बता दें तो यहां से उन प्वाइंटस पर बसें रवाना कर दी जाएगी. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से अभीतक स्पष्ट जवाब नहीं आया है. फिलहाल, बसों को अभी अनुमति का इंतजार है.

भरतपुर. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान की तरफ से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए बसें भेजी जा रही हैं. लेकिन मंगलवार को भी राजस्थान की बसें भरतपुर जिले के आगरा बॉर्डर पर ही खड़ी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसों को यूपी में घुसने की अनुमति नहीं मिली है.

आज भी नहीं मिली बसों के एंट्री की परमिशन

जानकारी के अनुसार राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए 1 हजार बसें भेजी जा रही है, जिसमें से 100 बसें भरतपुर से जा रही है. जिले के 3 अलग-अलग बॉर्डर से 1 हजार बसें रवाना होंगी, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है. कुछ दिनों पहले भी जिले से उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक राजस्थान की बसें भेजी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण बसों को वापस लौटना पड़ा.

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वहीं, बॉर्डर पर मौजूद चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग से अनुमति नहीं मिलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उनकी मंशा क्या है. कांग्रेस पार्टी ने प्राइवेट बसों को बॉर्डर पर खड़ा कर दिया है, जैसे-जैसे अनुमति मिलेगी बसें रवाना होती चली जाएगी. उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

उत्तर प्रदेश की सरकार का कहना है कि राजस्थान से आने वाली सभी बसों को लखनऊ भेजा जाए. उनका कहना है कि सभी खाली बसों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाए और वहां से सभी बसों को अपने अपने प्वाइंट पर रवाना की जाएगी. गर्ग का कहना है कि यूपी सरकार को जहां-जहां बसों की जरूरत है वह प्वाइंट हमें बता दें तो यहां से उन प्वाइंटस पर बसें रवाना कर दी जाएगी. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से अभीतक स्पष्ट जवाब नहीं आया है. फिलहाल, बसों को अभी अनुमति का इंतजार है.

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