भरतपुर. राजस्थान से उत्तर प्रदेश के सभी मजदूरों को रोडवेज की बसों से उनके घर भेजा जा रहा है. साथ ही उनका मेडिकल चेकअप भी किया जा रहा है. कोरोना महामारी फैलने के बाद देश में लागू लॉकडाउन में राजस्थान के सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग राज्यो में फंसे गए थे. लेकिन अब सरकार ने अपने राज्य के फंसे सभी मजदूरों को वापस उनके घर पहुंचाने का काम कर रही है. बॉर्डर पर खड़े बस चालकों को इंतजार है तो बस अनुमति का, फिलहाल घंटों बीत चुके हैं. अभी तक बस चालकों को उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसने की अनुमति नहीं मिली है.
क्योंकि कोरोना महामारी फैलने के बाद देश में लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा किसी ने परेशानियां उठाई है तो मजदूरों ने. क्योंकि वे अपने शहरों को छोड़ दूसरे शहरों में मजदूरी करने के लिए गए थे और लॉकडाउन होने के बाद वहीं फंस गए, जिसके बाद कोई तो पैदल निकल पड़ा. अपने घरों के लिए तो किसी ने प्राइवेट वाहन के ऊपर बैठकर अपने घर का सफर तय किया. लेकिन काफी समय बाद सरकारें जागीं और सभी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों की व्यवस्था करवाई गई. लेकिन अब मजदूर नियम कानून में फंस कर रह गए. लेकिन इस संकट का समय काटने के बाद मजदूर क्या दोबारा मजदूरी करने के लिए दूसरे शहरों में जाएंगे, ये देखना होगा.
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राजस्थान से जाने वाले प्रवासी मजदूरों को बसों के से उत्तर प्रदेश छोड़ने का काम राजस्थान सरकार रही है. इसके अलावा पैदल जाने वाले मजदूरों को भी भरतपुर में बने शेल्टर होम में ठहराया जा रहा है और उनको बसों से उत्तर प्रदेश में बने ट्रांजिट कैम्पों में छुड़वाया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में फंसे राजस्थान के मजदूरों को भी राज्य सरकार उनके घर पहुंचाने में लगी हुई है. रविवार को राजस्थान रोडवेज की कई बसें उत्तर प्रदेश के लिए रवाना की गईं.
वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भी कहा है कि जिन मजदूरों को उनके घर जाना है. उनके लिए कांग्रेस सरकार सराहनीय कार्य कर रही है. उन्होंने यूपी सरकार को लेकर भी कहा कि योगी सरकार को चाहिए कि जो भी पार्टी मदद करना चाहती है या फिर जो भी मजदूर बसों के माध्यम से जा रहे हैं, उन बसों को योगी सरकार को जाने को अनुमति दे देनी चाहिए.