भरतपुर. प्रदेश के जयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर और उदयपुर संभाग मुख्यालय की तर्ज पर अब भरतपुर संभाग मुख्यालय को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दे दिए हैं. भरतपुर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होते ही विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से पहले साल 200 करोड़ रुपये और उसके बाद हर साल 100-100 करोड़ रुपये का बजट मिलेगा.
नगर निगम आयुक्त नीलिमा तक्षक ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों को भरतपुर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही स्मार्ट सिटी मिशन में देश के 100 शहरों को शामिल किया है, जिनमें प्रदेश के संभाग मुख्यालय वाले जयपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर शहर स्मार्ट प्रोजेक्ट सिटी में शामिल है. भरतपुर संभाग मुख्यालय है, इसलिए राज्य सरकार अब भरतपुर को भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कराना चाहती है. आवास एवं शहरी मंत्रालय की ओर से जारी की गई स्वच्छता रैंकिंग में भी भरतपुर लगातार 2-3 साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.
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गौरतलब है कि संभाग मुख्यालय होने के बावजूद भरतपुर को अब तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया था. सारी योग्यताओं के बावजूद भरतपुर शहर उपेक्षित बना हुआ था.
भरतपुर में विकसित की जाएंगी कई सुविधाएं
आयुक्त नीलिमा तक्षक ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होते ही भरतपुर शहर के विकास के लिए पहले साल केंद्र सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपये का बजट मिलेगा. उसके बाद हर साल 100-100 करोड़ रुपये का बजट दिया जाएगा. इस बजट से भरतपुर के शहरी क्षेत्र में हेरिटेज कॉरिडोर, ग्रीन कॉरिडोर, स्मार्ट रॉड लाइटनिंग सिस्टम, साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क, धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार, एलिवेटेड रोड, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, बिजली केबल की इंटरनल डक्टिंग और घना के चारों तरफ साइक्लिंग ट्रैक जैसी तमाम सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
इंटरनेशनल टूरिस्ट स्पॉट बनाने की होगी कोशिश
आयुक्त नीलिमा तक्षक ने बताया कि भरतपुर शहर में विश्व विरासत केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य है, जिसके चलते भरतपुर शहर को एक इंटरनेशनल टूरिस्ट स्पॉट के रूप में भी विकसित करने का प्रयास रहेगा. साथ ही भरतपुर शहर स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी विकसित किया जाएगा. इसके लिए भरतपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. आयुक्त नीलिमा तक्षक ने बताया कि भरतपुर संभाग मुख्यालय होने के नाते स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने की सभी योग्यताएं रखता है. भरतपुर शहर की लोकेशन, 3 लाख से अधिक जनसंख्या, शहर में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए चाहिए.