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भरतपुर में निजी चिकित्सालय को वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, PIL दाखिल

भरतपुर में पीएम रिलीफ फंड के 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को देने और उनके दुरुपयोग का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. बता दें कि अधिवक्ता विजय कुमार गोयल ने इस पूरे मामले को लेकर जयपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका(पीआईएल) फाइल की है.

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Published : May 11, 2021, 10:09 AM IST

भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, High court reached case of giving Bharatpur ventilator
भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

भरतपुर. जिला प्रशासन और आरबीएम अस्पताल प्रबंधन की ओर से पीएम रिलीफ फंड के 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को देने और उनके दुरुपयोग का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. भरतपुर के अधिवक्ता विजय कुमार गोयल ने इस पूरे मामले को लेकर जयपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका(पीआईएल) फाइल की है. पीआईएल में अधिवक्ता गोयल ने भारत सरकार, राजस्थान सरकार, जिला कलेक्टर, आरबीएम अस्पताल पीएमओ और जिंदल अस्पताल को पार्टी बनाया है.

भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि सोमवार को जयपुर उच्च न्यायालय में वेंटिलेटर दुरुपयोग के मामले में पीआईएल दाखिल की गई है. अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जिला कलेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध पीएम रिलीफ फंड के पांच वेंटिलेटर 5 अप्रैल को और पांच अन्य वेंटिलेटर बाद में जिंदल अस्पताल को उपलब्ध करा दिए. जिनसे अस्पताल संचालक ने मनमर्जी से मरीजों से पैसे वसूले. जिला कलेक्टर की ओर से वेंटिलेटर देते समय कोई शुल्क या राशि भी निर्धारित नहीं की गई.

भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, High court reached case of giving Bharatpur ventilator
जयपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका फाइल

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जानकारी यह भी मिली थी कि प्रशासनिक अधिकारियों के कुछ रिश्तेदारों का वहां पर उपचार कराया गया. पीआईएल में इन्हीं सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है.

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जल्द ही इस मामले में उच्च न्यायालय की तरफ से संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे और सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय इसमें जो भी आदेश सुनाएगा, उसकी पालना कराई जाएगी. उच्च न्यायालय में फाइल की गई जनहित याचिका की पैरवी अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल और हिना गर्ग करेंगे.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के साथ किया संवाद, कहा-सभी को साथ लेकर ही लड़ी जा सकती है कोरोना से जंग

गौरतलब है कि जिला प्रशासन एवं आरबीएम जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से पीएम रिलीफ फंड से मिले 40 वेंटिलेटर में से 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को उपलब्ध करा दिए थे. जिंदल अस्पताल संचालक की ओर से इन वेंटीलेटर से मरीजों के उपचार के नाम पर 30 से 38 हजार रुपये तक वसूले गए. इस पूरे मामले को लेकर भरतपुर सांसद रंजीता कोली समेत भाजपा के कई नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जांच की मांग कर चुके हैं.

भरतपुर. जिला प्रशासन और आरबीएम अस्पताल प्रबंधन की ओर से पीएम रिलीफ फंड के 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को देने और उनके दुरुपयोग का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. भरतपुर के अधिवक्ता विजय कुमार गोयल ने इस पूरे मामले को लेकर जयपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका(पीआईएल) फाइल की है. पीआईएल में अधिवक्ता गोयल ने भारत सरकार, राजस्थान सरकार, जिला कलेक्टर, आरबीएम अस्पताल पीएमओ और जिंदल अस्पताल को पार्टी बनाया है.

भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि सोमवार को जयपुर उच्च न्यायालय में वेंटिलेटर दुरुपयोग के मामले में पीआईएल दाखिल की गई है. अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जिला कलेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध पीएम रिलीफ फंड के पांच वेंटिलेटर 5 अप्रैल को और पांच अन्य वेंटिलेटर बाद में जिंदल अस्पताल को उपलब्ध करा दिए. जिनसे अस्पताल संचालक ने मनमर्जी से मरीजों से पैसे वसूले. जिला कलेक्टर की ओर से वेंटिलेटर देते समय कोई शुल्क या राशि भी निर्धारित नहीं की गई.

भरतपुर वेंटिलेटर देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, High court reached case of giving Bharatpur ventilator
जयपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका फाइल

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जानकारी यह भी मिली थी कि प्रशासनिक अधिकारियों के कुछ रिश्तेदारों का वहां पर उपचार कराया गया. पीआईएल में इन्हीं सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है.

अधिवक्ता विजय गोयल ने बताया कि जल्द ही इस मामले में उच्च न्यायालय की तरफ से संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे और सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय इसमें जो भी आदेश सुनाएगा, उसकी पालना कराई जाएगी. उच्च न्यायालय में फाइल की गई जनहित याचिका की पैरवी अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल और हिना गर्ग करेंगे.

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गौरतलब है कि जिला प्रशासन एवं आरबीएम जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से पीएम रिलीफ फंड से मिले 40 वेंटिलेटर में से 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को उपलब्ध करा दिए थे. जिंदल अस्पताल संचालक की ओर से इन वेंटीलेटर से मरीजों के उपचार के नाम पर 30 से 38 हजार रुपये तक वसूले गए. इस पूरे मामले को लेकर भरतपुर सांसद रंजीता कोली समेत भाजपा के कई नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जांच की मांग कर चुके हैं.

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