ETV Bharat / city

लॉकडाउन: श्मशान पर नहीं मिल रही लकड़ी, परिजन इलेक्ट्रॉनिक मशीन से दाह संस्कार करने को मजबूर - शवों का दाह संस्कार

कोरोना संक्रमण के हुए लॉकडाउन के सभी आहत है. इसके चलते शवों के दाह संस्कार के लिए श्मशाम घाट पर लकड़ियां भी नहीं मिल रही है. ऐसे में परिजन शवों का दाह संस्कार इलेक्ट्रानिक मशीन में ही कराने को मजबूर है.

bharatpur news, भरतपुर की खबर
श्मशान पर नहीं मिल रही लकड़ी
author img

By

Published : Apr 18, 2020, 4:47 PM IST

भरतपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश मे लॉकडाउन चल रहा है और लॉकडाउन के चलते जनता के सामने कई तरह की समस्याएं आ रही है. इसके चलते लोगों को शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ियां भी नहीं मिल रही है, जिसके लिए शवों का दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन में ही कराना पड़ रहा है.

श्मशान पर नहीं मिल रही लकड़ी

दरअसल, इन हालातों के बीच शहर के पुराने धाउ पायेसे में रहने वाले डॉ. राधेश्याम का निधन हो गया, जिसके बाद उनके परिजन उनका दाह संस्कार करने के लिए कुम्हेर गेट शमशान घाट पहुंचे, लेकिन वहां पर लकड़ी की टाल के मालिक ने लकड़ी देने से मना कर दिया. क्योंकि, इन हालातों में ना तो लकड़ी की टाल पर कोई मजदूर है और न ही लकड़ियां मौजूद है. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस से भी बात की, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लकड़ी की व्यवस्था नहीं हो पाई. मजबूरन, परिजनों को उनके शव का दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन में ही करना पड़ा.

पढ़ें- केरल के अलग-अलग हिस्सों में फंसे भरतपुर संभाग के हजारों मजदूर, नहीं मिल रहा पर्याप्त भोजन

परिजनों ने बताया कि मृतक की तबीयत खराब थी और उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. ऐसे में श्मशान पर लकड़ी नहीं मिली, जिसके बाद शहर की कई लकड़ी की टालों पर संपर्क किया गया, इसके लिए उन्हें 4 घंटे तक परेशान होना पड़ा, लेकिन कही भी कोई व्यवस्था नहीं हुई. इसके बाद नगर निगम के कमिश्नर को पत्र लिखा गया और इलेक्ट्रिक मशीन से दाह संस्कार की अनुमति ली गई.

मृतक डॉ. के छोटे भाई ने बताया कि वे अपने बड़े भाई के शव का अंतिम संस्कार सभी रस्मों रिवाज से करवाना चाहते थे, लेकिन लकड़ी न मिलने के कारण उन्हें मजबूरन इलेक्ट्रिक मशीन से दाह संस्कार करवाना पड़ा. या गया. वहीं, जब लकड़ी कारखाने के मालिक ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कारखानों में लकड़ी नहीं मिल पा रही और जो पुराना स्टॉक था, वह खत्म हो गया है और जो मजदूर थे वह भी अपने घरों के लिए जा चुके है. ऐसे में कोई काम पर नहीं आ रहा है. इसके चलते जिसका भी फोन आता है, उन्हें लकड़ी के लिए मना करना पड़ता है.

भरतपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश मे लॉकडाउन चल रहा है और लॉकडाउन के चलते जनता के सामने कई तरह की समस्याएं आ रही है. इसके चलते लोगों को शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ियां भी नहीं मिल रही है, जिसके लिए शवों का दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन में ही कराना पड़ रहा है.

श्मशान पर नहीं मिल रही लकड़ी

दरअसल, इन हालातों के बीच शहर के पुराने धाउ पायेसे में रहने वाले डॉ. राधेश्याम का निधन हो गया, जिसके बाद उनके परिजन उनका दाह संस्कार करने के लिए कुम्हेर गेट शमशान घाट पहुंचे, लेकिन वहां पर लकड़ी की टाल के मालिक ने लकड़ी देने से मना कर दिया. क्योंकि, इन हालातों में ना तो लकड़ी की टाल पर कोई मजदूर है और न ही लकड़ियां मौजूद है. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस से भी बात की, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लकड़ी की व्यवस्था नहीं हो पाई. मजबूरन, परिजनों को उनके शव का दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन में ही करना पड़ा.

पढ़ें- केरल के अलग-अलग हिस्सों में फंसे भरतपुर संभाग के हजारों मजदूर, नहीं मिल रहा पर्याप्त भोजन

परिजनों ने बताया कि मृतक की तबीयत खराब थी और उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. ऐसे में श्मशान पर लकड़ी नहीं मिली, जिसके बाद शहर की कई लकड़ी की टालों पर संपर्क किया गया, इसके लिए उन्हें 4 घंटे तक परेशान होना पड़ा, लेकिन कही भी कोई व्यवस्था नहीं हुई. इसके बाद नगर निगम के कमिश्नर को पत्र लिखा गया और इलेक्ट्रिक मशीन से दाह संस्कार की अनुमति ली गई.

मृतक डॉ. के छोटे भाई ने बताया कि वे अपने बड़े भाई के शव का अंतिम संस्कार सभी रस्मों रिवाज से करवाना चाहते थे, लेकिन लकड़ी न मिलने के कारण उन्हें मजबूरन इलेक्ट्रिक मशीन से दाह संस्कार करवाना पड़ा. या गया. वहीं, जब लकड़ी कारखाने के मालिक ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कारखानों में लकड़ी नहीं मिल पा रही और जो पुराना स्टॉक था, वह खत्म हो गया है और जो मजदूर थे वह भी अपने घरों के लिए जा चुके है. ऐसे में कोई काम पर नहीं आ रहा है. इसके चलते जिसका भी फोन आता है, उन्हें लकड़ी के लिए मना करना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.