भरतपुर. केंद्र सरकार भले ही देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए हर कोशिश कर रही है, लेकिन भरतपुर में केंद्र सरकार की इस योजना की खुलेआम धज्जीयां उड़ाई जा रही है. भरतपुर के विश्व विख्यात लोहागढ़ किले की साख खतरे में है, जिस किले को लोग देश-विदेशों से देखने आते है, जिस किले को आक्रमणकारी कभी नहीं जीत पाए . यहां तक कि किले की दीवारों की मजबूती के कारण उन्हें कोई धराशाही नहीं कर पाया और भरतपुर रियासत से दांत खट्टे करके जाने पड़े, लेकिन अब उन्हीं दीवारों का उपयोग शौच के लिए लिया जाता है.
दरअसल, भरतपुर में लोहागढ़ का किला विश्व विख्यात है. कहा जाता है कि इस किले को आज तक कोई भी आक्रांता नही जीत पाया. क्योंकि किले तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आक्रांताओं को सुजान गंगा नहर पार करनी होती थी, जिसमें मगरमच्छ हुआ करते थे, इसलिये नहर को पार नामुमकिन था.
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इसके अलावा सुजान गंगा नहर का पानी पीने के उपयोग में भी लिया जाता था. अगर कोई नहर पार कर भी लेता तो किले की मजबूत दीवारें आक्रांताओं के मंसूबों को धराशाही कर देती थ, लेकिन आज उन्ही दीवारों के उपयोग भरतपुर की जनता शौच के उपयोग में ले रही है और पुरातत्व विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
डॉ. सुभाष गर्ग जो भरतपुर शहर से विधायक है और कांग्रेस सरकार में चिकित्सा राज्य मंत्री है. उन्होंने इस पर बोलते हुए कहा कि हालांकि यह किला पुरातत्व विभाग के अधीन आता है और उसकी ही जिम्मेदारी होती है. मगर यह किला हम सभी की विरासत है और इसकी सुरक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी भी है और हम इसके विकास के लिए प्रयासरत है. इसलिए नगर निगम से बात की जाएंगी की यहा लोग खुले में शौच के लिए नहीं आये.