भरतपुर. कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. बुधवार को कांग्रेस सरकार के चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग से इस घटना को लेकर कहा कि इसको लेकर मेडिकल डिपार्टमेंट और सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कमेटी गठित की गई है और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी है. जिसके आधार पर जिम्मेदारी से काम नहीं करने वाले अधिकारी को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है और उसके जगह नया अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है.
सुभाष गर्ग ने कहा कि इसके अलावा इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए सारे हॉस्पिटल्स को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि वह लाशों पर रोटी न सेकें, विपक्ष पहले अपने राज्यों की स्टडी करें. गर्ग ने कहा कि विपक्ष शायद भूल गया है कि भाजपा के कार्यकाल में ऊंट के इंजेक्शन लोगों में लगाए गए थे.
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चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान निःशुल्क दवाओं के वितरण में अव्वल आया है और यह खुद भारत सरकार ने तय कर सर्टिफिकेट दिया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर खुद बैठक ली है और सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है इस घटना पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से राजस्थान सरकार का बजट रोके रखने पर उन्होंने बताया कि मैं खुद केंद्र सरकार के पास गया था और वित्त मंत्री सीतारमण से मांग रखी थी कि जो राज्य सरकार का पैसा है उसे समय से दिया जाए.
गर्ग ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य का 11 हजार करोड़ रुपए रोक रखे हैं, जिसमें से कुल 16 सौ करोड़ रुपए दिया गया है. जबकि केंद्र सरकार को बेसिक फेसिलिटीज के लिए राज्य सरकार को पैसा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि GST के बाद केंद्र ने सारे पैसे का एकत्रीकरण कर लिया है और राज्य सरकार निर्भर होती चली जा रही है. मंत्री ने कहा कि पीएम और वित्त मंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वह राज्य सरकार का रुका हुआ पैसा दे, जिससे हम जनता से किए वायदे को पूरा कर सकें.