भरतपुर. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल में नर्सिंग कर्मियों ने नर्सिंग अधीक्षक का घेराव किया. एक अगस्त को अस्पताल में एक मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दूसरे वार्डों में भर्ती और रेफर किया जा रहा था. जघीना गांव का निवासी अपने घर जाते समय सड़क पर बेहोश हो गया था जिसके बाद वहां से गुजर रहे कुछ लड़कों ने उसे सड़क पर पड़ा हुआ देखा और जिला आरबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे थे.
लेकिन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पर मौजूद डॉक्टर्स ने उसे तुरंत जयपुर के लिए रेफर कर दिया. बदन सिंह के परिजनों ने एम्बुलेंस बुलवाई और और लेकर ही जी जाने वाले थे की एम्बुलेंस कर्मी ने बदन सिंह को देखा और उसके परिजनों से कहा की यह तो मर चूका है. तब बदन सिंह के परिजन उसे लेकर दुबारा एमरजेंसी वार्ड पर गए लेकिन डॉक्टर ने उसे देखने से साफ़ मना कर दिया और कहा की मैने तो इसे रेफर कर दिया है, अब इसे यहां से सर्जिकल वार्ड में ले जाओ तब बदन सिंह के परिजन उसे लेकर सर्जिकल वार्ड पहुंचे और एक बेड पर लिटा दिया जिसके बाद कॉल पर एक डॉक्टर बुलाया गया. करीब 45 मिनट बाद डॉक्टर अस्पताल पंहुचा और उसे मृत घोषित कर दिया.
ये भी पढ़ें: रतापगढ़ में जंजीर से बांधकर महिला से किया सामूहिक दुष्कर्म
इस पूरे मामले पर जब अस्पताल के पीएमओ कालीचरण बंसल से बात की तो उन्होंने अजीबो गरीब टिप्पड़ी की और कहा की एमरजेंसी वार्ड पर जो डॉक्टर लगा हुआ है वह नया है इसलिए उसे कुछ पता नहीं है और उसके साथ जो नर्सिंग स्टाफ था, वह काफी सीनियर है इसलिए नर्सिंग स्टाफ ने डॉक्टर को गलत गाइड किया है. इसलिए सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
वहीं अस्पताल के सभी नर्सिंग स्टाफ शनिवार को नर्सिंग अधीक्षक के पास पंहुचा और अस्पताल पीएमओ के बयान को लेकर रोष जताया और डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.