भरतपुर. अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से आयोजित मजदूर किसान सम्मेलन में तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट को स्वीकृत नहीं कर रही है. 13 जिलों की जीवनदायिनी कहलाने वाले ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल किया जाना चाहिए. डॉ. गर्ग ने केंद्र सरकार से किसानों की जायजों मांगों को मानते हुए आंदोलन को समाप्त कराने का रास्ता निकालने की भी अपील की.
गर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर दौरे पर आए थे. उस समय उन्होंने घोषणा की थी कि ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करेगी. जबकि इतने वर्ष बीतने के बाद भी इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है. जबकि यह परियोजना 45 हजार करोड़ बजट की है. उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट भरतपुर समेत 13 जिलों की लिए जीवनदायी साबित होगा.
इसलिए केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. राज्य सरकार ने तो इस परियोजना को प्रारम्भ कराने के लिये बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. किसान इस परियोजना की स्वीकृति के लिए यदि आंदोलन शुरू करते हैं, तो वे कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ रहेंगे.
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गर्ग ने कहा कि किसान कई महीनों से कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत हैं. अब केंद्र सरकार को किसानों की जायज मांगों को मानते हुए आंदोलन को समाप्त करने का रास्ता निकालना चाहिए. किसान व मजदूरों के कल्याण के लिए अनेक योजनाऐं शुरू कर रखी हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में इनका लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में जनप्रतिनिधियों एवं समाज के प्रबुद्ध लोगों का कर्तव्य है कि वे इन योजनाओं का पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलाने में भागीदारी निभाएं.
उन्होंने विश्वास दिलाया कि भरतपुर शहर एवं सेवर पंचायत समिति क्षेत्र की विधवा महिलाओं को आवेदन के एक सप्ताह में पेंशन प्रारम्भ करा दी जायेगी. वे मंगलवार को कृष्णा पैलेस मैरिज होम में अखिल भारतीय किसान सभा एवं आवासहीन जन संघर्ष समिति की ओर से आयोजित किसान मजदूर सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.