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RBM अस्पताल में हालात जस के तस...मंत्री सुभाष गर्ग ने कही ये बड़ी बात

कई दिन बीत जाने के बाद भी जिला आरबीएम अस्पताल के हालात जस के तस हैं. रविवार को चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने मेडिकल कॉलेज में बैठक ली. जिसके बाद उन्होंने ऐसे कर्मचारी जो तनख्वाह उठा रहे हैं, लेकिन ड्यूटी पर नहीं आ रहे उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही.

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RBM अस्पताल के हालात जस की तस
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Published : Sep 6, 2020, 3:30 PM IST

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़ा अस्पताल जिला आरबीएम के हालात दिन पर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं और जिम्मेदारों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. 6 दिन बीत जाने के बाद भी जिला आरबीएम अस्पताल में न तो ट्रॉली पुलर नियुक्त किए गए हैं और ना ही सिक्योरिटी गार्ड, जिसके कारण मरीज के परिजन खुद ही अपने परिजनों को ट्रॉली से खिंचने को मजबूर हैं.

RBM अस्पताल के हालात जस के तस

अस्पताल के मैन गेट से गॉर्ड भी गायब हैं. हालात ये हो गए हैं कि मरीजों से ज्यादा अस्पताल के वार्डों में उनके परिजन बैठे रहते हैं, क्योंकि पहले गॉर्ड होते थे तो वह फालतू लोगों को अस्पताल के अंदर जाने से रोकते थे. लेकिन अब कोई भी गेट पर बेवजह जाने वाले लोगों को रोकने वाला नहीं है.

जब इसके बारे में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में सुविधाओं में वृद्धि हुई है. सेवाओं का विकास हुआ है. ट्रॉली की समस्या मेरे सामने आई है, जिसको लेकर बैठक आयोजित की गई है. पिछले कई सालों में अस्पताल के हालात खराब हो गए थे, लेकिन अब हालातों को सुधारने में समय लग रहा है. आने वाले समय में जिला आरबीएम अस्पताल संभाग के सबसे बेहतर अस्पताल होगा.

पढ़ें- भरतपुर: कामां में नगर पालिका दफ्तर से बस स्टैंड तक हटाया अतिक्रमण

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो तंत्र को मजबूत नहीं करना चाहते. कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो ठेकेदारों के माध्यम से पैसा उठा रहे हैं और नौकरी पर नहीं आ रहे. उन सभी कर्मचारियों के नाम संज्ञान में आ गए हैं. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने जांच बैठा दी है. इसमें 36 ऐसे कर्मचारी सामने आए हैं जो नौकरी पर आते नहीं थे और तनख्वाह उठा रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. जल्द ही जिला आरबीएम अस्पताल में सभी सुविधाएं सुचारू रूप से पहले जैसे होंगी.

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़ा अस्पताल जिला आरबीएम के हालात दिन पर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं और जिम्मेदारों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. 6 दिन बीत जाने के बाद भी जिला आरबीएम अस्पताल में न तो ट्रॉली पुलर नियुक्त किए गए हैं और ना ही सिक्योरिटी गार्ड, जिसके कारण मरीज के परिजन खुद ही अपने परिजनों को ट्रॉली से खिंचने को मजबूर हैं.

RBM अस्पताल के हालात जस के तस

अस्पताल के मैन गेट से गॉर्ड भी गायब हैं. हालात ये हो गए हैं कि मरीजों से ज्यादा अस्पताल के वार्डों में उनके परिजन बैठे रहते हैं, क्योंकि पहले गॉर्ड होते थे तो वह फालतू लोगों को अस्पताल के अंदर जाने से रोकते थे. लेकिन अब कोई भी गेट पर बेवजह जाने वाले लोगों को रोकने वाला नहीं है.

जब इसके बारे में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में सुविधाओं में वृद्धि हुई है. सेवाओं का विकास हुआ है. ट्रॉली की समस्या मेरे सामने आई है, जिसको लेकर बैठक आयोजित की गई है. पिछले कई सालों में अस्पताल के हालात खराब हो गए थे, लेकिन अब हालातों को सुधारने में समय लग रहा है. आने वाले समय में जिला आरबीएम अस्पताल संभाग के सबसे बेहतर अस्पताल होगा.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो तंत्र को मजबूत नहीं करना चाहते. कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो ठेकेदारों के माध्यम से पैसा उठा रहे हैं और नौकरी पर नहीं आ रहे. उन सभी कर्मचारियों के नाम संज्ञान में आ गए हैं. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने जांच बैठा दी है. इसमें 36 ऐसे कर्मचारी सामने आए हैं जो नौकरी पर आते नहीं थे और तनख्वाह उठा रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. जल्द ही जिला आरबीएम अस्पताल में सभी सुविधाएं सुचारू रूप से पहले जैसे होंगी.

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