भरतपुर. प्रवासी पक्षियों की आवक शुरू होने के साथ ही केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान में टूरिस्ट का फुटफॉल बढ़ने लगा है. यह पर्यटन सीजन की शुरुआत है. इस बार शुरूआत में ही देसी पर्यटकों की तादाद बढ़ रही है.
इस बार घना प्रशासन के साथ ही टूरिस्ट गाइड, पर्यावरणविद समेत पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इस बार पर्यटन सीजन काफी अच्छा रहेगा. पर्यावरणविद अंसार खान कहते हैं कि घना में माइग्रेटरी सीजन शुरू हो चुका है. काफी बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड्स केवलादेव घना पहुंच चुकी हैं. सर्दी बढ़ने के साथ ही यह संख्या और बढ़ती जाएगी. इस बार अब तक शोबलर्स, पिण्टेल, ग्रीन विंग टेल्स, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, इम्पीरियल ईगल समेत दर्जनों प्रजातियों के प्रवासी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं.
इस बार बर्ड कॉलोनी तीन गुना
अंसार खान ने बताया कि इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी की उपलब्धता अच्छी होने की वजह से कई साल बाद पेंटेड स्टॉर्क पक्षी काफी अच्छी संख्या में आये हैं. बीते बरसों की बात करें तो उद्यान में पेंटेड स्टॉर्क के करीब 500 जोड़ें यहां पर प्रवास करते थे, लेकिन इस बार घना में तीन गुना अधिक करीब 1500 जोड़ों की कॉलोनी बनी है. ये अच्छे पर्यटन सीजन के संकेत हैं.
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इंटरनेशनल टूरिस्ट की उम्मीद जगी
अंसार खान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते बीते 2 वर्ष का पर्यटन सीजन काफी डाउन रहा. लेकिन इस बार कोरोना केस नहीं होने की वजह से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. साथ ही 15 नवंबर से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने की भी उम्मीद है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक भी घना पहुंचने की आस जगी है.
गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब 400 प्रजाति के प्रवासी पक्षी सर्दियों की सीजन में प्रवास करते हैं, जिन को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं. लेकिन बीते 2 वर्षों का समय कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन की दृष्टि से काफी हल्का रहा. इस बार अच्छे मानसून, कोरोना के बहुत कम केस की वजह से पर्यटन के पटरी पर लौटने की उम्मीद है.