भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है. हल्की सर्दी का मौसम शुरू होते ही उद्यान में हजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी भी पहुंचने लगे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते विदेशी पावड़ों का अभी भी इंतजार है. घना में देशी पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. लेकिन इस 4 माह के सीजन में विदेशी पर्यटकों के बहुत कम पहुंचने की उम्मीद है.
पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी
उद्यान निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रवासी पक्षी पहुंचने लगे हैं. घना में पिंटेड स्टार्क, सबलर, गेडबॉल समेत अन्य पक्षी डेरा डाल रहे हैं. पक्षियों ने अच्छी संख्या में यहां पर नेस्टिंग की है और अंडे भी दिए हैं. निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि सर्दी के मौसम में ठंडे प्रदेशों में भोजन की कमी के चलते पक्षी केवलादेव उद्यान पहुंचते हैं. इनमें मध्य एशिया, कजाकिस्तान, साइबेरिया समेत अन्य देशों से हजारों की संख्या में पक्षी केवलादेव घना आ रहे हैं.
देशी पर्यटक आ रहे, विदेशियों का इंतजार
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आने की संभावना है. इनमें भी विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना ना के बराबर है.
इस बार के पर्यटन सीजन की बात करें तो जनवरी से अगस्त तक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में देशी पर्यटक 34240 एवं विद्यार्थी 8856 पहुंचे. जबकि विदेशी पर्यटक 7297 आए. ये विदेशी पर्यटक वो हैं, जो लॉकडाउन से पहले यहां आए थे. उद्यान के निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि इस बार के पर्यटन सीजन में राजस्थान के अन्य शहरों से और एनसीआर क्षेत्र से देशी पर्यटक घना पहुंचने लगे हैं लेकिन विदेशी पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद बिल्कुल नहीं है.
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गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से केवलादेव घना में लॉक डाउन लग गया था, जिसके बाद लॉकडाउन खुलने पर धीरे-धीरे देशी पर्यटक घना पहुंचने लगे. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार देसी पर्यटकों के ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने की उम्मीद है. विदेशी पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद ना के बराबर है. वहीं पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल व्यवसाई, गाइड और अन्य लोगों को भी पर्यटकों के आने का इंतजार है.