देवगढ़ (राजसमंद). बरार में खेदरा गांव के पिपलाज माता कुंड पर सरपंच पंकजा सिंह हामेला की वेर सरपंच राकेश कुमार के सानिध्य में बैठक आयोजित हुई. स्नेह मिलन में आगामी 15 अप्रैल को होने वाले शराबंदी के लिए चुनाव में शराब बंदी के लिए मतदान करने की अपील की गई है.
बैठक में बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत के ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया. बैठक में ग्राम पंचायत में प्रशासन द्वारा शराब बंदी के होने वाले मतदान में भाग लेकर ग्राम पंचायत को शराब मुक्त करने के आह्वान किया गया. सरपंच पंकजा सिंह ने बताया, ग्राम पंचायत की ग्रामीण महिलाओं द्वारा लंबे समय से ग्राम पंचायत को नशा मुक्त बनाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है. शराब के सेवन से कई परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. शराबी पति शराब के पैसे नहीं मिलने पर अपने घर के सामान, सोने और चांदी के जेवरात तक बेच देते हैं. दिन भर शराब पीने के बाद शाम को घर पर आकर महिलाओं के साथ मारपीट और गाली-गलौज करने से महिलाएं काफी परेशानी हैं.
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शराब के सेवन के कारण कई युवाओं शराब का नशा कर बाइक वाहन चलाते हुए काल का ग्रास बन चुके हैं. शराब की लत के चलते परिवार का घर गुजारा नहीं चल पा रहा है. अब ग्रामीण महिलाओं द्वारा जो जन आंदोलन शरू किया गया है. उसको लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति शराब ठेके की दुकान घर किराए पर नही देंगा. कोई भी व्यक्ति अगर शराब की दुकान के लिए घर या दुकान किराया पर देने पर ग्रामीणों द्वारा ढाई लाख रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा.
भरतपुर के डीग में पुलिसकर्मियों ने मनाई होली
होली पर्व पर धुलेंड़ी के दिन बाद डीग कस्बे की टाउन चौकी में पुलिसकर्मियों ने होली मनाई. इस दौरान टाउन चौकी प्रभारी अजय कुमार यादव सहित चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर होली का पर्व मनाया. वहीं म्यूजिक पर झूमते-नाचते हुए उत्साह पूर्वक होली खेली. इस मौके पर चौकी प्रभारी अजय कुमार ने बताया, होली के पर्व के दरमियान लोगों के बीच कोई अप्रिय घटना और विवाद न हो और उत्साहपूर्वक खुशी से होली मनाई जाए. इसके लिए पुलिस लोगों की सुरक्षा को देखते हुए व्यवस्था में लगी रहती है.
उन्होंने बताया, पुलिस लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के चलते अपने परिवार के साथ होली जैसे पर्व को भी नहीं मना पाती है. इसी कारण पुलिस कर्मी धुलेंड़ी के एक दिन बाद एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली मनाते हैं और शुभकामनाएं देते हैं. वहीं इस पर्व को मनाकर खुशी जाहिर करते हैं.