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किसान हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा: महेश जोशी

भरतपुर में बुधवार को किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि किसान हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कानूनों को लागू होने नहीं दिया जाएगा.

farmer movement,  Mahesh Joshi
महेश जोशी
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Published : Jan 13, 2021, 10:37 PM IST

भरतपुर. विधानसभा क्षेत्र भरतपुर शहर में बुधवार को जाटौली रथभान ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जिला प्रभारी एवं मुख्य सचेतक डाॅ. महेश जोशी की अध्यक्षता में किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में डाॅ. जोशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को हानि पहुंचाने वाले कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए लंबा संघर्ष क्यों नहीं करना पड़े.

farmer movement,  Mahesh Joshi
किसान संवाद कार्यक्रम

कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक एवं तकनीकी व संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने की. कार्यक्रम में डाॅ. महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों को भूमि का हक दिलाने के लिये भूमि सुधार कार्यक्रम लेकर आई, लेकिन अब केंद्र सरकार जो तीन काले कानून लेकर आई है उसके बाद किसानों की भूमि का हक छिन जाएगा.

पढ़ें- नए कृषि कानून पूंजीपतियों के पक्ष में...मोदी सरकार को लेना होगा वापस : मोहन प्रकाश

महेश जोशी ने कहा कि किसानों को जिस तरह आतंकवादी और देश विरोधी करार दे रहे हैं, ये सब पार्टी विशेष की सोची समझी चाल है. उन्होंने बताया कि जो कानून बनाए हैं उनमें समर्थन मूल्य पर खरीद की कोई गारंटी नहीं है. ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी उपज पूंजीपतियों को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने विश्वास दिलाया कि डीएमएफटी से आवश्यक राशि भरतपुर विधानसभा क्षेत्र को आवंटित की जाएगी ताकि क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण हो सके.

तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि क्षेत्र की नवीन सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव भिजवा दिए गए हैं और विश्वास दिलाया कि आगामी वर्षों में जाटौली रथभान गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन कानूनों से किसानों को भारी नुकसान होगा. इसी कारण पिछले करीब 45 दिनों से किसान विपरीत मौसमी परिस्थितियों में सड़कों पर डेरा डालकर आंदोलनरत हैं, जिनमें से करीब 70 की मौत हो चुकी है.

गर्ग ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है तो प्रधानमंत्री को चाहिए कि इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा करें और सभी से चर्चा कर संसद एवं राज्यसभा में पारित कराकर नए सिरे से किसान हितों को ध्यान में रखकर कानून बनाएं. यदि यह सब संभव नहीं हो तो सांसदों की समिति को सौंपें और समिति की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक संशोधन कर लागू करें. बुधवार को ही भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के रामपुरा, जघीना, बिलौठी, हथैनी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर किसान संवाद कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

भरतपुर. विधानसभा क्षेत्र भरतपुर शहर में बुधवार को जाटौली रथभान ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जिला प्रभारी एवं मुख्य सचेतक डाॅ. महेश जोशी की अध्यक्षता में किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में डाॅ. जोशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को हानि पहुंचाने वाले कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए लंबा संघर्ष क्यों नहीं करना पड़े.

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किसान संवाद कार्यक्रम

कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक एवं तकनीकी व संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने की. कार्यक्रम में डाॅ. महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों को भूमि का हक दिलाने के लिये भूमि सुधार कार्यक्रम लेकर आई, लेकिन अब केंद्र सरकार जो तीन काले कानून लेकर आई है उसके बाद किसानों की भूमि का हक छिन जाएगा.

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महेश जोशी ने कहा कि किसानों को जिस तरह आतंकवादी और देश विरोधी करार दे रहे हैं, ये सब पार्टी विशेष की सोची समझी चाल है. उन्होंने बताया कि जो कानून बनाए हैं उनमें समर्थन मूल्य पर खरीद की कोई गारंटी नहीं है. ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी उपज पूंजीपतियों को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने विश्वास दिलाया कि डीएमएफटी से आवश्यक राशि भरतपुर विधानसभा क्षेत्र को आवंटित की जाएगी ताकि क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण हो सके.

तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि क्षेत्र की नवीन सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव भिजवा दिए गए हैं और विश्वास दिलाया कि आगामी वर्षों में जाटौली रथभान गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन कानूनों से किसानों को भारी नुकसान होगा. इसी कारण पिछले करीब 45 दिनों से किसान विपरीत मौसमी परिस्थितियों में सड़कों पर डेरा डालकर आंदोलनरत हैं, जिनमें से करीब 70 की मौत हो चुकी है.

गर्ग ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है तो प्रधानमंत्री को चाहिए कि इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा करें और सभी से चर्चा कर संसद एवं राज्यसभा में पारित कराकर नए सिरे से किसान हितों को ध्यान में रखकर कानून बनाएं. यदि यह सब संभव नहीं हो तो सांसदों की समिति को सौंपें और समिति की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक संशोधन कर लागू करें. बुधवार को ही भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के रामपुरा, जघीना, बिलौठी, हथैनी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर किसान संवाद कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

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