भरतपुर. केवलादेव को निहारने टूरिस्ट्स दूर-दूर से आते हैं. प्रकृति प्रेमी पंछियों के कलरव को महसूस करना चाहते हैं लेकिन इसमें सिस्टम आड़े आ रहा है. सिस्टम जिसके कारण ऑनलाइन टिकटिंग की Facility पर विराम लग गया है. घना आने वाले पर्यटकों को टिकट के लिए अतिरिक्त समय के साथ अतिरिक्त राशि भी खर्च करनी पड़ रही है.
कई माह से सुविधा बंद
असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) में लंबे समय से पर्यटकों के लिए ऑनलाइन टिकट बुक (Online Ticket Service In Keoladev) कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी लेकिन बीते करीब 5-6 माह से यह सुविधा ठप पड़ी है. ऐसे में देश के हर कोने से आने वाले पर्यटकों असुविधा का सामना करना पड़ता है. मुम्बई से घना घूमने आए ज्ञान मोहंती ने बताया कि उन्होंने मुम्बई से चलते समय ऑनलाइन टिकट बुक (Online Ticket Service In Keoladev) कराने की कोशिश की थी लेकिन बुक नहीं हो सका. ऐसे में उद्यान पहुंचने के बाद टिकट खिड़की पर काफी देर तक लाइन में खड़े होकर टिकट बुक कराना पड़ा.
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उच्चाधिकारी करते हैं तय
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में ऑनलाइन टिकट बुकिंग (Online Ticket Service In Keoladev) की सुविधा ठप होने के बारे में जब डीएफओ मोहित गुप्ता को कॉल किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. इसके बाद जब रेंजर जतन से बात की तो उन्होंने बताया कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग और ईमित्र से टिकट बुकिंग की सुविधा के फैसले उच्च अधिकारियों के स्तर पर होते हैं.उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा किस वजह से बंद पड़ी है इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन पर्यटकों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा शुरू होनी चाहिए.
विदेशी पर्यटक आएंगे तो क्या होगा ?
यह तो गनीमत है कि कोरोना संक्रमण काल के बाद से विदेशी पर्यटक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) भ्रमण के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं. यदि विदेशी पर्यटक यहां आना शुरू कर देंगे तो उन्हें भी टिकट खिड़की पर लाइन में खड़े होकर टिकट बुकिंग करानी होगी. पर्यटन सीजन में तो उद्यान घूमने के लिए हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में खिड़की से उन सभी के लिए टिकट बुक कराने में घना प्रशासन को खासी मशक्कत का भी सामना करना पड़ सकता है.
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देना पड़ रहा अतिरिक्त ईमित्र शुल्कअसल में यदि पर्यटक ऑनलाइन टिकट बुक कराते हैं तो उन्हें 105 रुपए शुल्क देना पड़ता है, लेकिन उद्यान की टिकट खिड़की से ई मित्र पर टिकट बुक कराते हैं तो यही टिकट 111 रुपए का बुक होता है. ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा बंद होने की वजह से पर्यटकों को ईमित्र शुल्क (E Mitra Facility In Keoladev) के नाम पर प्रति टिकट 6 रुपए अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं. जिसका सीधा सीधा लाभ ई-मित्र संचालक को मिल रहा है, यानी केवलादेव उद्यान में पर्यटन सीजन में हर दिन हजारों की संख्या में घूमने आने वाले पर्यटकों के टिकट से ईमित्र संचालक को हर दिन हजारों रुपए का कमीशन मिलता है.पर्यटक परेशानदिल्ली से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) घूमने हर महीने आने वाले पर्यटक एस एल सैनी ने बताया कि वो अक्टूबर से अब तक 5 बार घूमने आ चुके हैं. हर बार उन्हें टिकट के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ी सैनी ने बताया कि पिछली बार तो टिकट खिड़की के सामने उन्हें 35 मिनट तक लाइन में इंतजार करना पड़ा तब टिकट मिल पाया. वही मुंबई से आए पर्यटक ज्ञान मोहंती ने बताया कि पहले जब वह मुंबई से आते थे तो ऑनलाइन टिकट बुक करा कर सीधे पार्क में एंट्री मिल जाती थी. लेकिन अब काफी देर तक टिकट खिड़की के सामने लाइन में खड़े होना पड़ता है, तब जाकर टिकट मिल पाता है.कोरोना गाइड लाइन की पालना पर सवाल
टिकट खिड़की पर अपनी बारी का इंतजार करते लोग दर्शाते हैं कि कैसे अब भी वो कोरोना से सामना कर रहे हैं. खतरा अभी टला नहीं है और फिर से Cases बढ़ने लगे हैं. टिकट खिड़की पर लाइन में खड़े होकर टिकट बनवाते समय न तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो पाती है और न ही कोविड गाइड लाइन की. सैलानी कहते हैं कि संक्रमण से सुरक्षा के लिहाज से भी ऑनलाइन टिकट की सुविधा काफी बेहतर है.
पर्यटकों की सरकार और घना प्रशासन से मांग
पर्यटक एस एल सैनी और ज्ञान मोहंती ने घणा प्रशासन एवं राज्य सरकार से अपील की है कि पहले की तरह ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में ऑनलाइन टिकट की सुविधा शुरू की जाए. पर्यटकों का कहना है कि न केवल राजस्थान बल्कि देश के सभी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ऑनलाइन टिकट की सुविधा है, तो यहां भी यह सुविधा फिर से शुरू होनी चाहिए.
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