भरतपुर. हत्या और लूट की वारदातों को लेकर भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी सख्त नजर आए. उन्होंने उत्तर प्रदेश में मथुरा जिला पुलिस अधीक्षक शलभ मथुरा और फर्रुखाबाद जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल मिश्रा से संपर्क किया. इसके बाद भरतपुर पुलिस और उत्तर प्रदेश की पुलिस टीमों ने छह गैंग का सुराग लगाने के लिए दबिश दी. ऐसे में पुलिस ने गैंग के सात कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. इन सभी लोगों पर दोनों राज्यों में करीब 50 से 60 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट और डकैती जैसी संगीन वारदातें सम्मलित हैं.
पुलिस के अनुसार इस गैंग के लोग सभी मुस्लिम हैं. जो पंजाबी बोलते हैं और रेलवे ट्रैक के किनारे खोली बनाकर रहते हैं. दिन में भीख मांगते हैं, भीख मांगने के दौरान वारदात के लिए स्थान की रैकी करते हैं. फिर रात होते ही वहां वारदात करने के लिए पहुंच जाते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति इन्हें देखकर शोर मचाता है तो उसके साथ जमकर मारपीट करते हैं. इस दौरान तीन लोगों की ये हत्या भी कर चुके हैं. वहीं लूटपाट की वारदात को अंजाम देकर ये कहीं छिप जाते हैं और सुबह होते ही लोगों में एक आम नागरिक की तरह शामिल हो जाते हैं. इनके डेरे धौलपुर और मथुरा के इलाकों में इस समय मौजूद है.
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जानिए क्यों कहते हैं 'छह मार' गैंग
इस गैंग की खास बात यह है कि इनका सरदार वह व्यक्ति बनता है. जो 6 लोगों की हत्या कर चुका होता हैं. वारदात करने से पूर्व गैंग के सदस्य एक पेड़ के नीचे इकट्ठे होते हैं. जहां पेड़ से डंडे काटकर अपने हथियार तैयार करते हैं. फिर देवी की आराधना कर शराब का भोग लगाते हैं और अपने जूते और कपड़े वहीं छोड़ देते हैं. सिर्फ कच्छा बनियान में ही ये लोग वारदात के लिए निकल जाते हैं. फिर वारदात को अंजाम देकर वापस उसी स्थान पर आकर कपड़े पहने लेते हैं. गैंग के सदस्य अजमल शाह-कन्नौज, आरिफ-मुरादाबाद, नाजिम-बरेली, हारून-फर्रुखाबाद, इसुब-कानपूर, नदीम-मुरादाबाद और नाजिम-बदायूं यूपी का रहने वाला है.