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Mining in Bharatpur : खनन बंद होगा तो 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को किया जाएगा विकसित, पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु...

आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में अवैध खनन (Illegal Mining in Bharatpur) बंद होगा तो 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. ऐसी स्थिति में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने की संभावना है. बड़े पैमाने पर पौधारोपण और जलाशयों के निर्माण कार्य की भी तैयारी है.

Adibadri Dham and Kankanchal Areas
आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र
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Published : Jul 22, 2022, 7:49 AM IST

Updated : Jul 22, 2022, 10:08 AM IST

भरतपुर. साधु संतों के धरना-प्रदर्शन के बाद आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में अवैध खनन बंद कराने एवं वैध खदानों को अन्यत्र शिफ्ट करने का वादा (Saints Movement Against Illegal Mining) सरकार ने किया है. सरकार ने अपना वायदा पूरा किया है और करीब 6 हजार हेक्टेयर पर्वतीय क्षेत्र को फिर से विकसित करने का एलान किया है.

क्षेत्र में राज्य सरकार की मदद से और साधु-संतों के सहयोग से (Adibadri Dham and Kankanchal Areas) बड़े पैमाने पर पौधारोपण और जलाशयों का निर्माण किया जाएगा. इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने की संभावना है. माना जा रहा है कि यदि इस क्षेत्र का विकास धार्मिक पर्यटन के रूप में किया जाता है तो यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.

बनानी होगी देशव्यापी योजना : मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा था कि यदि सरकार अपना वादा पूरा करती है तो आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में करीब 6000 हेक्टेयर भूमि (749 हेक्टेयर वर्तमान की व 5232 हेक्टेयर पूर्व की) खनन मुक्त हो जाएगी. इस क्षेत्र को फिर से विकसित करना होगा. योजनाबद्ध तरीके से पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराए जाएंगे और जलाशयों का निर्माण कराया जाएगा.

राधा कांत शास्त्री ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही स्थानीय लोग, साधु संत मिलकर (Tourism in Bharatpur) देश व्यापी कार्य योजना तैयार करेंगे, जिससे कि इस क्षेत्र का जल्द से जल्द विकास किया जा सके.

पढ़ें : Bharatpur Big News : साधु-संतों का धरना समाप्त, 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित व 2 माह में हो जाएगी वैध खदानों की शिफ्टिंग...

बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि फिलहाल चौरासी कोस की परिक्रमा देने वाले श्रद्धालु अलग-अलग मार्गों से होकर गुजरते हैं. जब इस क्षेत्र का विकास हो जाएगा तो लाखों की संख्या में श्रद्धालु आदिबद्री धाम होकर गुजरेंगे. फिलहाल, श्रद्धालु अधिक मास में चौरासी कोस की परिक्रमा देते हैं. लेकिन जब क्षेत्र का विकास हो जाएगा तो हमारा प्रयास रहेगा कि 84 कोसीय परिक्रमा पूरे 12 महीने तक लगातार जारी रहे.

ये है क्षेत्र को लेकर मान्यता : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि खोह गांव, आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ में रास रचाया था, जिसकी वजह से यह पूरा क्षेत्र ही धार्मिक महत्व का क्षेत्र है.

चारों धाम के दर्शन : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने पूर्वांचल के सभी तीर्थ आदिबद्री, केदारनाथ, नर पर्वत, त्रिकूट पर्वत आदि को यहां पर स्थापित कर दिया। मान्यता है कि जो बुजुर्ग लोग चार धाम की यात्रा नहीं कर पाते वो आदिबद्री धाम की यात्रा करके चारों धाम की यात्रा का पुण्य अर्जित कर सकते हैं. यहां के धार्मिक महत्व को देखते ही साधु संत यहां के अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

भरतपुर. साधु संतों के धरना-प्रदर्शन के बाद आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में अवैध खनन बंद कराने एवं वैध खदानों को अन्यत्र शिफ्ट करने का वादा (Saints Movement Against Illegal Mining) सरकार ने किया है. सरकार ने अपना वायदा पूरा किया है और करीब 6 हजार हेक्टेयर पर्वतीय क्षेत्र को फिर से विकसित करने का एलान किया है.

क्षेत्र में राज्य सरकार की मदद से और साधु-संतों के सहयोग से (Adibadri Dham and Kankanchal Areas) बड़े पैमाने पर पौधारोपण और जलाशयों का निर्माण किया जाएगा. इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने की संभावना है. माना जा रहा है कि यदि इस क्षेत्र का विकास धार्मिक पर्यटन के रूप में किया जाता है तो यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.

बनानी होगी देशव्यापी योजना : मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा था कि यदि सरकार अपना वादा पूरा करती है तो आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में करीब 6000 हेक्टेयर भूमि (749 हेक्टेयर वर्तमान की व 5232 हेक्टेयर पूर्व की) खनन मुक्त हो जाएगी. इस क्षेत्र को फिर से विकसित करना होगा. योजनाबद्ध तरीके से पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराए जाएंगे और जलाशयों का निर्माण कराया जाएगा.

राधा कांत शास्त्री ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही स्थानीय लोग, साधु संत मिलकर (Tourism in Bharatpur) देश व्यापी कार्य योजना तैयार करेंगे, जिससे कि इस क्षेत्र का जल्द से जल्द विकास किया जा सके.

पढ़ें : Bharatpur Big News : साधु-संतों का धरना समाप्त, 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित व 2 माह में हो जाएगी वैध खदानों की शिफ्टिंग...

बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि फिलहाल चौरासी कोस की परिक्रमा देने वाले श्रद्धालु अलग-अलग मार्गों से होकर गुजरते हैं. जब इस क्षेत्र का विकास हो जाएगा तो लाखों की संख्या में श्रद्धालु आदिबद्री धाम होकर गुजरेंगे. फिलहाल, श्रद्धालु अधिक मास में चौरासी कोस की परिक्रमा देते हैं. लेकिन जब क्षेत्र का विकास हो जाएगा तो हमारा प्रयास रहेगा कि 84 कोसीय परिक्रमा पूरे 12 महीने तक लगातार जारी रहे.

ये है क्षेत्र को लेकर मान्यता : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि खोह गांव, आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ में रास रचाया था, जिसकी वजह से यह पूरा क्षेत्र ही धार्मिक महत्व का क्षेत्र है.

चारों धाम के दर्शन : राधा कांत शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने पूर्वांचल के सभी तीर्थ आदिबद्री, केदारनाथ, नर पर्वत, त्रिकूट पर्वत आदि को यहां पर स्थापित कर दिया। मान्यता है कि जो बुजुर्ग लोग चार धाम की यात्रा नहीं कर पाते वो आदिबद्री धाम की यात्रा करके चारों धाम की यात्रा का पुण्य अर्जित कर सकते हैं. यहां के धार्मिक महत्व को देखते ही साधु संत यहां के अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 22, 2022, 10:08 AM IST
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