भरतपुर. गुर्जर महापंचायत से पहले शुक्रवार को नीरज के पवन करौली के हिंडौन में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बात करने पहुंचे. माना जा रहा है कि गुर्जर महापंचायत में सरकार को 31 अक्टूबर तक का जो समय दिया है. उसके पीछे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और नीरज के पवन के बीच हुई वार्तालाप को माना जा रहा है.
सीनियर आईएएस नीरज के पवन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुर्जर समाज की प्रतिनिधियों से लगातार सरकार बात करती रही है और उनके जितने भी मुद्दे रहे हैं, सभी का सकारात्मक और विधिक समाधान करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा कि बीते दो साल से लगातार गुर्जर समाज के युवाओं को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ सभी भर्तियों में दिया गया है. साथ ही आने वाले समय में भी समाज के युवाओं को आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा. आईएएस नीरज के पवन ने कहा कि गुर्जर समाज के कर्मचारियों का 1,252 का एक मुद्दा था, जिसका लगभग निराकरण हो चुका है और वह अंतिम चरण में है. जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा और भविष्य में 1,252 का कोई भी मुद्दा पेंडिंग नहीं रहेगा.
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आईएएस नीरज के पवन ने गुर्जर समाज के एक अन्य मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि पूर्व में गुर्जर आंदोलन के दौरान जिन 72 लोगों की मौत हुई थी, उनके परिजनों को सरकार की ओर से 5-5 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी का लाभ दिया जा चुका है. आंदोलन के दौरान तीन अन्य लोग भी घायल हुए थे, जिनकी बात में मौत हो गई थी. लेकिन उनकी मौत का कारण चिकित्सकों द्वारा कोई अन्य चोट लगना बताया गया था. इस पूरे मामले में कोई तकनीकी गलतफहमी रही थी. लेकिन इस पूरे मामले को लेकर भी सरकार की ओर से सहानुभूति पूर्ण तरीके से समाधान निकाला जाएगा.
आईएएस नीरज के पवन ने कहा कि गुर्जर समाज की ओर से 1 नवंबर तक का जो अल्टीमेटम दिया गया है, उससे पहले ही टेबल टॉक के द्वारा उनके सभी बिंदुओं का समाधान कर दिया जाएगा. इस संबंध में गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है, जिन बिंदुओं का समाधान संभव नहीं है, उसके बारे में भी प्रतिनिधियों को जानकारी दे दी गई है.
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गौरतलब है कि सीनियर आईएएस ऑफिसर नीरज के पवन की हाल ही में तेलंगाना में आयोजित होने वाले चुनाव में ऑब्जर्वर के रूप में ड्यूटी लगी थी. लेकिन भरतपुर में गुर्जर महापंचायत को देखते हुए आईएएस नीरज के पवन की ड्यूटी लिस्ट कर उन्हें यहां सरकार ने मध्यस्था करने के लिए भेजा.